Bansgaon Lok Sabha Chunav 2024 News: चुनाव में आमतौर पर कैंडिडेट तब बदले जाते हैं जब जीत में संशय हो. गोरखपुर जिले की बांसगांव सुरक्षित लोकसभा सीट पर भाजपा ने चौथी बार कमलेश पासवान को टिकट देकर यह मैसेज दिया है कि वह यहां जीत को लेकर काफी आश्वस्त है. इस क्षेत्र में सीएम योगी का भी प्रभाव है.
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Bansgaon Lok Sabha Election 2024: गोरखपुर जिले में लोकसभा की दो सीटें हैं- गोरखपुर सदर और बांसगांव. कमलेश पासवान बांसगांव से सांसद हैं और यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पिछले तीन चुनाव उन्होंने लगातार जीते हैं. भाजपा ने इस बार भी कमलेश पासवान पर ही भरोसा जताया है. पहली ही लिस्ट में उनका नाम घोषित कर दिया गया. खास बात यह है कि 2019 के चुनाव में पासवान ने बसपा-सपा के उम्मीदवार को डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हराया था. इससे पहले के दोनों चुनावों में भी जीत का अंतर एक लाख से ज्यादा था.यहां कांग्रेस के सदल प्रसाद (सदन प्रसाद) उम्मीदवार बनाए गए हैं.
बांसगांव लोकसभा चुनाव 2024 रिजल्ट
बांसगांव में 1 जून को वोटिंग हुई. दोपहर 3 बजे तक 43.71 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले थे. नतीजे 4 जून को आएंगे.
भाजपा | कमलेश पासवान | - वोट |
कांग्रेस | सदल प्रसाद | - वोट |
बसपा | - | - वोट |
कांग्रेस और सपा गठबंधन में बांसगांव की सीट कांग्रेस को मिली है. योगी के प्रभाव और कमलेश पासवान की मजबूत सियासी पिच को देखते हुए गठबंधन उम्मीदवार सदल प्रसाद के लिए चुनौती देना आसान नहीं होगा. बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभाएं आती हैं. इसमें बांसगांव, चिल्लूपार, चौरी-चौरा, रुद्रपुर और बरहज शामल हैं. पांचों जगहों पर भाजपा के विधायक जीते हैं.
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जातिगत समीकरण देखें तो बांसगांव सीट पर वोटरों की आबादी 21 लाख के करीब है. यहां एससी वोटर ज्यादा हैं, उसके बाद ओबीसी वोटर हैं. 6 लाख सवर्ण और 2 लाख मुस्लिम मतदाता हैं. कांग्रेस के बाद यहां भाजपा ही जीतती आ रही है. एक बार सहानुभूति लहर में कमलेश पासवान की मां 1996 में सपा के टिकट पर जीती थीं. कुछ समय पहले उनके पति की बम धमाके में हत्या हो गई थी.
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बांसगांव क्षेत्र में भाजपा की पोजीशन पहले से मजबूत है. इस क्षेत्र में सीएम योगी आदित्यनाथ का भी काफी प्रभाव है. कमलेश पासवान को जब भाजपा ने चौथी बार प्रत्याशी बनाया तो वह शाम में ही गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए थे. उन्होंने गोरखपुर आए सीएम योगी से भी आशीर्वाद लिया.
बांसगांव सीट पर शुरू में कांग्रेस ही जीतती रही. राम लहर में 1991 में भाजपा ने खाता खोला.
1957 | महादेव प्रसाद | कांग्रेस |
1962 | महादेव प्रसाद | कांग्रेस |
1967 | मोहलू प्रसाद | संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी |
1971 | राम सूरत प्रसाद | कांग्रेस |
1977 | विशारद फिरंगी प्रसाद | जनता पार्टी |
1980 | महाबीर प्रसाद | कांग्रेस |
1984 | महाबीर प्रसाद | कांग्रेस |
1989 | महाबीर प्रसाद | कांग्रेस |
1991 | राज नारायण पासी | भाजपा |
1996 | सुभावती पासवान | सपा |
1998 | राज नारायण पासी | भाजपा |
1999 | राज नारायण पासी | भाजपा |
2004 | महाबीर प्रसाद | कांग्रेस |
2009 | कमलेश पासवान | भाजपा |
2014 | कमलेश पासवान | भाजपा |
2019 | कमलेश पासवान | भाजपा |