गोरखपुर जिले में लोकसभा की दो सीटें हैं- गोरखपुर सदर और बांसगांव. कमलेश पासवान बांसगांव से सांसद हैं और यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पिछले तीन चुनाव उन्होंने लगातार जीते हैं. भाजपा ने इस बार भी कमलेश पासवान पर ही भरोसा जताया है. पहली ही लिस्ट में उनका नाम घोषित कर दिया गया. खास बात यह है कि 2019 के चुनाव में पासवान ने बसपा-सपा के उम्मीदवार को डेढ़ लाख वोटों के अंतर से हराया था. इससे पहले के दोनों चुनावों में भी जीत का अंतर एक लाख से ज्यादा था.यहां कांग्रेस के सदल प्रसाद (सदन प्रसाद) उम्मीदवार बनाए गए हैं. बांसगांव लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभाएं आती हैं. इसमें बांसगांव, चिल्लूपार, चौरी-चौरा, रुद्रपुर और बरहज शामल हैं. पांचों जगहों पर भाजपा के विधायक जीते हैं. जातिगत समीकरण देखें तो बांसगांव सीट पर वोटरों की आबादी 21 लाख के करीब है. यहां एससी वोटर ज्यादा हैं, उसके बाद ओबीसी वोटर हैं. 6 लाख सवर्ण और 2 लाख मुस्लिम मतदाता हैं.
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