लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने जिन सीटों पर उम्मीदवार नहीं बदले, उनमें चंदौली भी एक है. पार्टी ने यहां के सांसद महेंद्र नाथ पांडेय को लगातार तीसरी बार मैदान में उतारा है. 2024 लोकसभा चुनाव में पांडेय की नजरें चंदौली सीट से जीत की हैट्रिक लगाने पर होंगी.
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Chandauli Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने जिन सीटों पर उम्मीदवार नहीं बदले, उनमें चंदौली भी एक है. पार्टी ने यहां के सांसद महेंद्र नाथ पांडेय को लगातार तीसरी बार मैदान में उतारा है. 2024 लोकसभा चुनाव में पांडेय की नजरें चंदौली सीट से जीत की हैट्रिक लगाने पर होंगी. चंदौली सीट पर अब तक सिर्फ एक उम्मीदवार हैट्रिक लगाने में कामयाब हुआ है और वह थे बीजेपी के आनंद रत्न मौर्या. चंदौली लोकसभा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट से सटी हुई है. यहां से समाजवादी पार्टी ने वीरेंद्र सिंह को उतारा है. चंदौली सीट पर जातिगत समीकरण हावी रहते हैं. चंदौली में यादव और दलितों के अलावा मौर्या बिरादरी का दबदबा है. चंदौली लोकसभा सीट से जुड़ी हर बात जानिए.
चंदौली सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें चरण में, 01 जून को वोटिंग होनी है. चुनाव आयोग 04 जून को चंदौली लोकसभा चुनाव के नतीजे जारी करेगा.
चंदौली लोकसभा सीट की जानकारी
चंदौली उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से एक है. यह सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटी हुई है. चंदौली संसदीय क्षेत्र पांच विधानसभा क्षेत्रों में फैला हुआ है. मुगलसराय, सकलडीहा और सैयदराजा विधानसभा सीटें चंदौली जिले में आती हैं और अजगरा और शिवपुर वाराणसी जिले में. सकलडीहा को छोड़कर बाकी चारों विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. सकलडीहा सीट से 2022 विधानसभा चुनाव में सपा जीती थी.
चंदौली लोकसभा चुनाव 2024 : किनके बीच मुकाबला
बीजेपी ने चंदौली से डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय को लगातार तीसरी बार टिकट दिया है. वह दो बार से चंदौली के सांसद चुने जा रहे हैं. गाजीपुर में जन्मे महेंद्र नाथ पांडेय केंद्र सरकार में मंत्री रहे हैं. उन्होंने 2014 में चंदौली सीट पर बीजेपी को 16 साल बाद जीत दर्ज कराई थी. 2019 में उनकी जीत का अंतर और बड़ा हो गया.
पांडेय के सामने सपा ने पूर्व मंत्री वीरेंद्र सिंह को उतारा है. कांग्रेस से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले सिंह ने बाद में मायावती की बसपा का दामन थाम लिया था. फिर वह समाजवादी पार्टी में जा पहुंचे. 2012 में फिर कांग्रेस में वापस आए लेकिन मन नहीं लगा तो बसपा में चले गए. वहां भी दाल नहीं गली तो सपा से दोबारा हाथ मिला लिया.
साल | सांसद का नाम (पार्टी) |
2019 | महेंद्र नाथ पांडेय (बीजेपी) |
2014 | महेंद्र नाथ पांडेय (बीजेपी) |
2009 | रामकिशुन (सपा) |
2004 | कैलाश नाथ यादव (बसपा) |
1999 | जवाहर लाल जायसवाल (सपा) |
1998, 1996 और 1991 | आनंद रत्न मौर्या (बीजेपी) |
चंदौली लोकसभा का जातीय समीकरण
2019 आम चुनाव में चंदौली लोकसभा के भीतर 17.19 लाख वोटर थे. यादव, दलित और मौर्या चंदौली के प्रमुख वोट बैंक हैं. ब्राह्मण, राजपूत, मुसलमान और राजभर भी अहम भूमिका निभाते हैं. धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली की गिनती आज भी पिछड़े इलाकों में होती है.