Lok Sabha Elections 2024: शिगूफा नहीं है 400 पार का नारा! बस 4% और, पूरा हो जाएगा BJP का सपना
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Lok Sabha Elections 2024: शिगूफा नहीं है 400 पार का नारा! बस 4% और, पूरा हो जाएगा BJP का सपना

BJP Strategy For 400 Seats: 2024 के चुनाव से पहले पीएम मोदी का कॉन्फिडेंस ऐसा है जिससे विरोधियों की नींद खराब है. आइए समझते हैं कि बीजेपी और प्रधानमंत्री को इतना आत्मविश्वास कैसे है.

Lok Sabha Elections 2024: शिगूफा नहीं है 400 पार का नारा! बस 4% और, पूरा हो जाएगा BJP का सपना

2024 Election Strategy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बीजेपी (BJP) के नेतृत्व वाले एनडीए के लिए 400 पार का टारगेट दिया है. कई विपक्षी इसे शिगूफा बता रहे हैं तो कई इसको बीजेपी का ओवर कॉन्फिडेंस बता रहे हैं. आज हमने आपके लिए कुछ खास आंकड़े निकाले हैं. ऐसे आंकड़े जो ये बताते हैं कि कैसे नरेंद्र मोदी का 400 पार वाला टारगेट मुश्किल भले हो, लेकिन असंभव नहीं है. और वो इस टारगेट को हासिल कर सकते हैं. हालांकि, मुश्किलें बहुत हैं. लेकिन मुश्किलों के पहाड़ों के आगे ही सफलता का मैदान नजर आता है.

400 सीटों के नारे पर सवाल

हालांकि, विरोधियों के सवाल भी जायज हैं. सोचने वाली बात तो है कि एक तरफ जब इंडिया गठबंधन की करीब 24 पार्टियां मैदान में हैं. और दूसरी तरफ NDA के पार्टियां, उसमें भी अकेले बीजेपी 303 सीटें लेकर आई थी. तो ऐसा क्या हो जाएगा कि नरेंद्र मोदी 303 को 370 में बदल लेंगे और NDA के सहयोगियों के दम पर 400 पार हो जाएंगे.

400 पार वाला मूल मंत्र

आपको याद होगा कि हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय अधिवेशन में नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं को 400 पार का मूल मंत्र दिया था. लेकिन हकीकत की जमीन पर सोचने वाली बात है ही कि क्या ये संभव है. तो सबसे पहले आपको 40 साल पीछे 1984 चुनाव में लेकर चलते हैं. जब कांग्रेस ने राजीव गांधी की अगुवाई में 414 सीटें जीती थीं. तब से लेकर 40 साल बाद भी 400 सीटें दुर्लभ ही नजर आती रही हैं.

कितना है बीजेपी का होमवर्क?

लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कॉन्फिडेंस को उनका होमवर्क मुकाम तक पहुंचा सकता है. वो होमवर्क जिसमें बीजेपी के लिए सिर्फ 4 फीसदी से कुछ ज्यादा वोटों का टारगेट है. अगर बीजेपी ने और 4 फीसदी वोट हासिल कर लिए तो 400 का टारगेट पूरा हो सकता है.

4 फीसदी वाली थ्योरी क्या है?

जान लें कि साल 1984 में जब राजीव गांधी जीतकर आए थे तब कांग्रेस का वोट प्रतिशत 49.1 फीसदी था जबकि 2019 में नरेंद्र मोदी जब सत्ता में आए थे तब NDA गठबंधन को 44.48 फीसदी वोट मिले थे. इसमें अकेले बीजेपी के वोट 37.36 फीसदी थे. यानी 1984 में कांग्रेस के कुल वोट प्रतिशत के करीब पहुंचने के लिए  NDA को कुल करीब 4.26 फीसदी ही वोट और हासिल करने हैं. अगर ऐसा करना संभव हो गया तो बीजेपी की अगुवाई में NDA 400 के पार पहुंच जाएगा.

क्यों आत्मविश्वास में है बीजेपी?

हालांकि, ये आसान नहीं है. इसके लिए पूरे देश में सरकार के लिए सकारात्मक लहर की जरूरत होगी. 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या से पैदा हुई सहानुभूति ने कांग्रेस को 400 के पार पहुंचा दिया था. और अब 2024 में राम लहर और काशी मथुरा जैसे मंदिरों की लहर ने बीजेपी को उम्मीद से लबरेज रखा है.

क्या बीजेपी को मिलेगी कामयाबी?

हालांकि, 40 साल बाद हालात बहुत बदल चुके हैं. बीजेपी भी इस बात को बखूबी जानती है. इसीलिए राष्ट्रीय अधिवेशन में जब मोदी कार्यकर्ताओं को संदेश देने आए तो उन्होंने बताया कि जनता के बीच मोदी के काम लेकर जाना और अगले 5 साल के काम उन्हें बताना, जिनका जिक्र वो अपने हर भाषण में आमतौर पर करते हैं.

जाहिर है ये आसान नहीं है. लेकिन जैसा कि हम आपको बता चुके हैं. लहर के साथ बीजेपी काम के तड़का लगा रही है. साथ ही अगले 5 साल से लेकर विकसित भारत तक का ब्लू प्रिंट भी युवाओं तक लेकर जा रही है. ये वो युवा हैं 2 करोड़ की आबादी पहली बार 2024 चुनाव में वोट डालने वाली है.

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