लोकसभा चुनाव 2024: बालों में तेल लगाकर... ये डबल वोटर कौन हैं, जो दो बार EVM का बटन दबाकर कर रहे खेल?
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लोकसभा चुनाव 2024: बालों में तेल लगाकर... ये डबल वोटर कौन हैं, जो दो बार EVM का बटन दबाकर कर रहे खेल?

Lok Sabha Election: अधिकारी मान नहीं रहे लेकिन वोटर दावा कर रहे हैं कि उन्होंने डबल वोटिंग की है. अहमदाबाद से लेकर महाराष्ट्र और मेघालय तक की ये कहानी है. लोग जहां रहते हैं वहां वोट करते हैं फिर अपने पैृतक गांव जाकर भी मतदान कर आते हैं. अगर इसमें थोड़ी भी सच्चाई है तो इसकी वजह क्या है?

प्रतीकात्मक फोटो

Why Double Voting: क्या आपने कभी 'डबल वोटिंग' के बारे में सुना है? हां, मतलब दो बार वोट देना. आपके मन में सवाल उठेगा कि क्या आधार कार्ड और ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध होने के जमाने में यह संभव है? ज्यादातर अधिकारी इस तरह की चीज से इनकार कर रहे हैं. हालांकि TOI की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अब भी कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं. मुंबई और अहमदाबाद में कुछ मामले ऐसे सामने आए हैं, जिसमें वोटरों ने उंगली में तेल लगाकर स्याही को मिटा दिया. वैसे, यह डबल वोटिंग कानूनी रूप से गलत है. 

वोटर फ्रॉड भारतीय चुनावों में एक आम समस्या रही हैं लेकिन टेक्नोलॉजी की मदद से इस पर काफी हद तक लगाम लगाई जा सकी है. आधार कार्ड लिंक होने से इस तरह की गड़बड़ी पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सका है. एक्सपर्ट्स की मानें तो आधार लिंकिंग सबसे महत्वपूर्ण है.  

पहला केस

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक हर चुनाव के समय शांति अपने बालों में तेल लगाकर रखती हैं. वह मुंबई के पनवेल के साथ-साथ महाराष्ट्र में अपने पैतृक गांव में भी जाकर वोटिंग कर आती हैं. चिंता की बात यह है कि ऐसा करने वाली वह अकेली नहीं हैं. देश में वैसे नियम तो एक व्यक्ति एक वोट का है लेकिन कुछ लोग लोकतंत्र के इस त्योहार में 'खेल' कर रहे हैं. इसकी वजह यह है कि बड़ी संख्या में प्रवासियों, अस्थायी आबादी और कई मतदाता पहचान पत्र अभी तक आधार से जुड़े ही नहीं हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ लोग नहीं मानेंगे लेकिन दोहरा मतदान आम है. 

बालों में तेल लगा था और...

शांति ने बताया, 'हमें अपने बालों में तेल लगाने की सलाह दी गई थी. वोट देने की जब मेरी बारी आई तो यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि स्याही लगाई जाने वाली उंगली को अपने बालों से रगड़कर तेल लगा लूं. जैसे ही स्याही लगाई गई, मैंने अपनी उंगली को तेल लगे बालों में फिर से रगड़ दिया और ज्यादातर स्याही मिट गई.' शांति ने बताया कि वह और मुंबई में कई लोग रायरेश्वर गांव जाकर फिर वोट कर आए. यह जगह पनवेल से कुछ घंटे की दूरी पर है. वे वोट देने के लिए एक साथ यात्रा करते हैं जो उनके शब्दों में 'पिकनिक' की तरह होता है. 

केस नंबर 2

अहमदाबाद में 28 साल के नीरज सब्जी बेचते हैं. एक प्रमुख राजनीतिक दल की तरफ से बस की व्यवस्था की गई थी और मतदान से दो दिन पहले 24 अप्रैल को उन्हें पैतृक गांव राजस्थान ले जाया गया. नीरज ने 7 मई को फिर से अहमदाबाद-वेस्ट में मतदान किया. उन्होंने कहा, 'मेरे पास दो मतदाता पहचान पत्र हैं. मैं पिछले महीने सिरोही में अपने परिवार के साथ वोट करने के लिए राजस्थान गया था.' 

केस नंबर 3

रिपोर्ट में महाराष्ट्र के चंद्रपुर का उदाहरण भी दिया गया है. यहां तेलंगाना सीमा पर 14 गांवों के काफी लोगों ने 13 मई को पास के आदिलाबाद में मतदान किया. वे 19 अप्रैल को पहले चरण के दौरान चंद्रपुर में मतदाता पहचान पत्र दिखाकर पहले ही मतदान कर चुके थे. महाराष्ट्र सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार इन गांवों में 5,117 मतदाता हैं. आदिलाबाद के कलेक्टर राजर्षि शाह ने दोहरे मतदान का खंडन किया और कहा कि वह इस मामले को देखेंगे. 

केस नंबर 4

असम-मेघालय सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी डबल वोटिंग करते रहे हैं. वे 1972 में मेघालय के बनने के बाद भी दशकों से असम में अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं. अधिकारियों को इनकी जांच करने में काफी मुश्किल होती है. इस बार यहां कई लोगों ने 19 अप्रैल को शिलांग लोकसभा सीट के लिए मतदान करने के बाद 7 मई को गुवाहाटी लोकसभा सीट पर भी मतदान किया.

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