Lok Sabha Chunav 2024: पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के 25 लोकसभा सीटों पर क्या है सियासी समीकरण? असम के अलावा पहले दो चरणों में ही मतदान
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Lok Sabha Chunav 2024: पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के 25 लोकसभा सीटों पर क्या है सियासी समीकरण? असम के अलावा पहले दो चरणों में ही मतदान

North-East States Political Equation: असम में कुल 14 लोकसभा सीट हैं. अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में दो-दो सीटें हैं. वहीं, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में लोकसभा की एक-एक सीटें हैं. यानी पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं. असम के कुछ सीटों को छोड़कर सभी राज्यों में पहले दो चरण में ही मतदान हो जाएगा. 

Lok Sabha Chunav 2024: पूर्वोत्तर के 8 राज्यों के 25 लोकसभा सीटों पर क्या है सियासी समीकरण? असम के अलावा पहले दो चरणों में ही मतदान

25 Seats Of 8 North-East States: लोकसभा चुनाव 2024 में असम समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्यों पर राजनीतिक दलों की पैनी नजर है. असम में कुल 14 लोकसभा सीट हैं. अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में दो-दो सीटें हैं. वहीं, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में लोकसभा की एक-एक सीटें हैं. यानी पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं. 

असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में किस चरण में होगा मतदान

असम में तीन चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और 7 मई को चुनाव होंगे. में 19 अप्रैल को, त्रिपुरा और मणिपुर में दो चरणों में 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम में 19 अप्रैल को मतदान होंगे. इसका मतलब पूर्वोत्तर के 25 सीटों में से ज्यादातर पर पहले दो चरणों में ही लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो जाएगा. 

असम की कुल 14 लोकसभा सीट पर तीन चरणों में वोटिंग

असम की कुल 14 लोकसभा सीट पर तीन चरणों में वोटिंग होंगी. पहले चरण के चुनाव में 19 अप्रैल को 5 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. 26 अप्रैल को दूसरे चरण के चुनाव में भी पांच सीटों पर मतदान होंगे और तीसरे चरण में 7 मई को बची हुई 4 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. वहीं, संवेदनशील क्षेत्र होने की वजह से त्रिपुरा और मणिपुर की दो-दो सीटों पर पहले और दूसरे दो चरणों में एक-एक सीट पर मतदान किए जाएंगे. बाकी पांच राज्यों में पहले चरण में ही मतदान हो जाएगा. 

नॉर्थ ईस्ट में भाजपा और कांग्रेस गठबंधन का मुकाबला

नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भाजपा, कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच मुकाबला है. लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में पूर्वोत्तर में भाजपा और उसके सहयोगी दलों की बढ़त देखी गई है. वहीं, कांग्रेस अकेली और कमजोर पड़ गई है. पिछले 10 वर्षों में नॉर्थ ईस्ट की सियासत और उसका समीकरण तेजी से बदला है. नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स कभी कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन मौजूदा दौर में वह अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. 

नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों में क्षेत्रीय दलों का भी दबदबा

नॉर्थ ईस्ट के कुछ राज्यों में क्षेत्रीय दलों का भी दबदबा है. असम के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और मिजोरम की सत्ताधारी जोरम पीपुल्स मूवमेंट को छोड़कर, पूर्वोत्तर की ज्यादातर क्षेत्रीय पार्टियां भाजपा के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस की सदस्य हैं. इसका मतलब केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा हैं. असम जातीय परिषद और पूर्व कार्यकर्ता अखिल गोगोई की रायजोर दल, कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडी अलायंस का हिस्सा हैं.

भाजपा गठबंधन का 25 में 22 सीटें जीतने का बड़ा दावा

भाजपा के पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दावा किया है कि भाजपा गठबंधन पूर्वोत्तर की 25 लोकसभा सीटों में से 22 पर जीत हासिल करेगा. खासकर, असम में पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और चाय बगान इलाके में काफी चर्चित कामाख्या प्रसाद सिंह ताशा ने जोर लगाया हुआ है. वहीं, अपनी सीट बदले जाने से कांग्रेस नेता गौरव गोगोई जीत को लेकर असमंजस में दिख रहे हैं.

असम में सीएए और मणिपुर में जातीय-सामुदायिक हिंसा बड़ा मुद्दा

असम में सीएए को लेकर लंबे समय से सियासी उथल-पुथल मची हुई है. कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह असम में बांग्लादेश से आए हिंदुओं को सीएए के तहत नागरिकता देना चाहती है. जिससे असम में मणिपुर जैसा हाल हो सकता है. वहीं, मणिपुर में लंबे समय से सामुदायिक हिंसा जारी है. कहा जा रहा है कि इस जातीय हिंसा का असर नॉर्थ ईस्ट की आसपास की 11 सीटों पर देखने को मिल सकता है. त्रिपुरा में भी स्थानीय और बाहरी राज्यों के लोगों के बीच आए दिन छिटपुट संघर्ष सामने आता रहता है.

लोकसभा चुनाव 2019  में नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में एनडीए का जबरदस्त प्रदर्शन

लोकसभा चुनाव 2019  में एनडीए ने नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 25 में 19 लोकसभा सीटें जीती थीं. भाजपा और एनडीए ने लोकसभा चुनाव 2024 में 400 पार का लक्ष्य रखा है. इसके लिए उन्हें पूर्वोत्तर के राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा. 

2019 के आम चुनाव में भी असम में तीन चरणों में वोट डाले गए थे. उस चुनाव में भाजपा ने 7 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं, कांग्रेस महज तीन सीटें ही अपने नाम कर पाई थी. बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ को तीन सीटें और निर्दलीय प्रत्याशी को एक सीट मिली थी. त्रिपुरा में लोकसभा की दोनों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी.

लोकसभा चुनाव 2019 में अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने एक सीट पर जीत हासिल की थी. मणिपुर में एक सीट पर भाजपा और दूसरे पर एनपीएफ ने जीत दर्ज की थी. मेघालय में कांग्रेस ने एक सीट और एक सीट पर एनपीपी ने जीत हासिल की थी. मिजोरम में इकलौती सीट पर मिजो नेशनल फ्रंट ने जीत दर्ज की थी. नागालैंड की अकेली लोकसभा सीट पर एनडीपी ने जीत हासिल की थी. 

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अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में एक साथ विधानसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के साथ ही पूर्वोत्तर में दो राज्य अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी होगा. अरुणाचल प्रदेश में भाजपा को बढ़त हासिल है. अरुणाचल की 60 विधानसभा सीटों में 10 पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं. बाकी 50 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर पर भाजपा को जीत का भरोसा है. वहीं, सिक्किम में भाजपा गठबंधन संघर्ष करता दिख रहा है.

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