अखिलेश-वखिलेश.. तो क्या कमलनाथ को माफ कर दिया? एमपी में भी सपा-कांग्रेस गठबंधन पर मुहर
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अखिलेश-वखिलेश.. तो क्या कमलनाथ को माफ कर दिया? एमपी में भी सपा-कांग्रेस गठबंधन पर मुहर

Akhilesh Yadav Rahul Gandhi: फिलहाल यह गठबंधन दोनों पार्टियों के लिए कुछ जरूर फायदेमंद हो सकता है. कांग्रेस को सपा के वोट बैंक का फायदा मिलेगा, जबकि सपा को कांग्रेस के संगठन का सहारा मिलेगा. लेकिन एक सवाल का जवाब मिलना अभी काफी है.

अखिलेश-वखिलेश.. तो क्या कमलनाथ को माफ कर दिया? एमपी में भी सपा-कांग्रेस गठबंधन पर मुहर

Samajwadi Party And Congress: यह बड़ा ही रोचक है कि उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है. दोनों पार्टियों के बीच हुई डील के तहत मध्य प्रदेश की एक सीट सपा को दी गई है. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी को खजुराहो की सीट देने का फैसला किया है. लेकिन इससे भी रोचक बात यह है कि समाजवादी सुप्रीमो ने क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व मुखिया कमलनाथ को माफ कर दिया है, जिन्होंने अखिलेश वखिलेश कहकर विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने से मना कर दिया था. 

असल में मध्य प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें आती हैं. यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होता है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने यहां की 29 में से 28 सीटें जीती थीं. कांग्रेस सिर्फ एक ही सीट छिंदवाड़ा की जीत पाई थी. अब इस बार कांग्रेस गठबंधन के साथ लड़ रही है. गठबंधन के तहत कांग्रेस 28 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि सपा को एक सीट दी जाएगी. खजुराहो सीट पर देखना होगा कि समाजवादी पार्टी किसको लड़ा सकती है. 

एक सवाल का जवाब मिलना अभी काफी..
फिलहाल यह गठबंधन दोनों पार्टियों के लिए कुछ जरूर फायदेमंद हो सकता है. कांग्रेस को सपा के वोट बैंक का फायदा मिलेगा, जबकि सपा को कांग्रेस के संगठन का सहारा मिलेगा. लेकिन एक सवाल का जवाब मिलना अभी काफी है. इस बार के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने की इच्छा व्यक्त की थी. कमलनाथ ने पहले कहा कि वे गठबंधन के लिए खुले हैं, लेकिन बाद में उन्होंने ध्यान देना बंद कर दिया था. 

कमलनाथ को लगा था कि वे आसानी से एमपी में बहुतमत हासिल कर लेंगे. उधर अखिलेश ने कहा था कि वे कांग्रेस से गठबंधन चाहते हैं लेकिन सीटों का बंटवारा सम्मानजनक तरीके से होगा. अखिलेश यादव ने यह भी कहा था कि वे कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, यदि उन्हें पर्याप्त सीटें नहीं दी गईं. इसके बाद कमलनाथ से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने अखिलेश यादव को "अखिलेश वखिलेश" कहा और निकल गए.

अखिलेश ने कमलनाथ को माफ कर दिया?
इसके बाद तो समाजवादी पारी आगबबूला हो गई थी और कांग्रेस से गठबंधन नहीं हो पाया था. कमलनाथ और अखिलेश यादव के बीच हुई इस टिप्पणी के बाद दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावना समाप्त हो गई. 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा, जबकि बीजेपी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया. फिलहाल अब कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद ऐसा लग रहा है कि अखिलेश ने कमलनाथ को माफ कर दिया है. हालांकि उधर पिछले दिनों से कमलनाथ को लेकर भी काफी चर्चाएं रही हैं.

फिलहाल सपा और कांग्रेस का गठबंधन..
बता दें कि इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच गठबंधन के फॉर्मूले पर सहमति बन गई है. कांग्रेस 17 सीटों पर राजी हो गई है जबकि बाकी 63 सीटों पर सपा और इंडिया गठबंधन की अन्य पार्टियां चुनाव लड़ेंगी. इसको लेकर दोनों पार्टियों की तरफ से संयुक्त प्रेस वार्ता भी की है. इसमें बताया गया कि गठबंधन को लेकर जारी गतिरोध बुधवार को समाप्त हो गया और सीट बंटवारे पर दोनों दलों के बीच सहमति बन गई. साथ ही एमपी के बारे में भी गठबंधन की जानकारी दी गई है.

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