World Cup 2019: इंग्लैंड में बॉलर्स की होगी खास भूमिका, टीम इंडिया की यही है ताकत
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World Cup 2019: इंग्लैंड में बॉलर्स की होगी खास भूमिका, टीम इंडिया की यही है ताकत

पिछले दो सालो में टीम इंडिया के प्रदर्शन को देखते हुए विश्व कप-2019 में टीम नई पहचान के साथ तीसरे खिताब हासिल करने के लिए तैयार ह

(फोटो: PTI)

नई दिल्ली: आईसीसी विश्व कप में टीम इंडिया को एक मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है. विराट कोहली की कप्तानी में पहली बार विश्व कप में उतर रही टीम इंडिया कई तरह से बेमिसाल ताकतों से भरपूर है जो कि दुनिया की किसी टीम में नहीं है. पिछले कुछ सालों में टीम ने एक संपूर्ण यूनिट के रूप में विकसित होती दिख रही है. बल्लेबाजी काफी सालों से टीम की ताकत रही है, लेकिन हाल ही में टीम ने बॉलिंग, आलराउंड परफॉर्मेंस, जैसे मामले में भी शानदार तरक्की कर प्रदर्शन बेहतर किया है.

 

अब तक बल्लेबाजी ही रही सबसे बड़ी ताकत
1975 से 2015 तक हुए अभी तक के सभी विश्व कप में भारतीय टीम जब भी गई एक बेहतरीन बल्लेबाजी ईकाई के रूप में गई और हमेशा से उसकी बल्लेबाजी ही उसकी पहचान रही. इस बीच उसने 1983 और 2011 में दो विश्व कप खिताब भी जीते. किसी ने शायद कभी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ऐसा भी होगा जब विश्व कप में भारतीय टीम अपनी बल्लेबाजी नहीं अपनी बॉलिंग के दम पर खिताब की दावेदार मानी जाएगी.

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बॉलिंग होगी निर्णायक
इंग्लैंड में 30 मई से शुरू हो रहे विश्व कप में ऐसा ही है जहां भारतीय टीम की ताकत उसका मजबूत तेज बॉलिंग आक्रमण है. विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम का तेज बॉलिंग आक्रमण विश्व कप में सबसे अच्छा माना जा रहा है. किसी ने कभी भी नहीं सोचा होगा कि खेल को सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, राहुल द्रविड़, जैसे दिग्गज बल्लेबाज देने वाला भारत तेज बॉलर्स की ऐसी खेप तैयार कर लेगा, जो दुनिया के किसी भी कोने में बल्लेबाजों को पैर भी नहीं हिलाने देगी.

बॉलिंग भारत की नई पहचान
मजबूत तेज बॉलिंग आक्रमण ही भारत की नई पहचान है और इसी के दम पर कोच रवि शास्त्री की टीम खिताब जीतने का दम भर रही है. 2015 में भारत ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था लेकिन उसके बाद बदलाव की हवा में भारत ने अपने बॉलिंग आक्रमण को मजबूत किया. बीते तकरीबन दो साल में अगर देखा जाए तो भारत की अधिकतर जीत इन्हीं बॉलर्स के दम पर है.

ऐसा है टीम इंडिया का बॉलिंग अटैक
विश्व कप में भारत के पास चार तेज बॉलर है. जसप्रीत बुमराह- जो डेथ ओवरों के विशेषज्ञ हैं. बुमारह में दम है कि वह रन रोकने के अलावा विकेट लेने में भी सफल रहते हैं. बुमराह बेशक मौजूदा समय के सर्वश्रेष्ठ बॉलर्स में गिने जाते हैं और उन्होंने इस बात को सोबित भी किया. क्रिकेट के महाकुंभ में यह बॉलर सभी के लिए सिरदर्द साबित होगा यह लगभग तय है.बुमराह के अलावा भारत के पास स्विंग के दो उस्ताद भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी है. इंग्लैंड जैसी परिस्थतियों में यह दोनों भारत के लिए कारगर साबित हो सकते हैं. इन दोनों की ताकत सिर्फ स्विंग ही नहीं बल्कि इनकी तेजी भी है. स्विंग और तेजी का मिश्रण इन दोनों को खतरनाक बनाता है.

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इन ऑलराउंडर की भी होगी बॉलिंग में अहम भूमिका
इन तीनों के अलावा भारत के पास दो हरफनमौला खिलाड़ी हैं जो तेज बॉलिंग करते हैं. हादिर्क पांड्या और विजय शंकर, लेकिन पांड्या का अंतिम-11 में खेलना तय है. पांड्या के पास इंग्लैंड में खेलने का अनुभव है. वह 2017 में खेली गई चैम्पियंस ट्रॉफी में टीम का हिस्सा था. तब से लेकर अब तक पांड्या एक बॉलर के तौर पर पहले से बेहतर हुए हैं और जानते हैं कि इंग्लैंड में किस तरह की बॉलिंग करनी है. यह बॉलर मध्य के ओवरों में एक छोर पर अच्छा कम कर सकता है. पांड्या की भी खासियात है कि वह लाइन टू लाइन बॉलिंग करते हैं और रनों को रोकने पर ध्यान देते हैं.

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और टीम के स्पिनर्स का भी नहीं कोई सानी
सिर्फ तेज बॉलर ही नहीं भारत के पास ऐसे स्पिनर भी हैं जो मध्य के ओवरों में मैच का पासा पलट सकते हैं और बड़े स्कोर की तरफ जाती दिख रही टीम को कम स्कोर पर रोक सकते हैं. हालिया दौर में चाइनमैन कुलदीप यादव और लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की जोड़ी ने ऐसा कई बार किया है. भारत को दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में वनडे सीरीजों में जो जीत मिली उसमें इन दोनों का बहुत बड़ा रोल रहा है. यह दोनों मध्य के ओवरों में काफी असरदार साबित रहै हैं. इंग्लैंड में विश्व कप के दूसरे हाफ में गर्मी ज्यादा होगी और तब विकेट सूखे मिलेंगे जो स्पिनरों के मददगार होंगे. वहां कुलदीप और चहल का रोल बढ़ जाएगा. इन दोनों के अलावा भारत के पास रवींद्र जडेजा जैसा अनुभवी बाएं हाथ का स्पिनर भी है.

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नंबर चार की समस्या खत्म नहीं हुई भारत की
एक और चिंता जो भारत को अभी तक खा रही है वह है नंबर-4 पर बल्लेबाजी की. इसके लिए चयनकतार्ओं ने शंकर को चुना है लेकिन कोहली और शास्त्री दोनों कह चुके हैं कि नंबर-4 के पास उनके लिए कई विकल्प हैं. अब देखना होगा कि कौन यहां खेलता है. केदार जाधव, दिनेश कार्तिक को पहले भी इस क्रम पर आजमाया जा चुका है और यह दोनों विश्व कप टीम में भी चुने गए हैं. जाधव में वो दम है कि वह इस नंबर पर मिलने वाली जिम्मेदारी को निभा सकें.
(इनपुट आईएएनएस)

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