विजय शंकर ना सिर्फ अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं, बल्कि पेस बॉलिंग भी कर सकते हैं. बेहतरीन फील्डर भी हैं.
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नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने अगले महीने होने वाले आईसीसी विश्व कप (World Cup 2019) के लिए सोमवार को 15 सदस्यीय टीम की घोषणा की. टीम के करीब 12-13 नाम तो लगभग पहले से तय थे. वही चुने भी गए. लेकिन टीम में चुने गए दो-तीन नाम थोड़ा चौंकाने वाले रहे. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला पहलू दो खिलाड़ियों का चयन ना होना रहा. ये चौंकाने वाले पांच नाम दिनेश कार्तिक, ऋषभ पंत, विजय शंकर, अंबाती रायडू और रवींद्र जडेजा के रहे.
भारतीय टीम जब इस साल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दौरे में अच्छा प्रदर्शन करके लौटी तो दो-तीन खिलाड़ियों को प्रयोग के नाम पर मौके दिए भी गए और कुछ को टीम से हटाया भी गया. हम फिलहाल इनमें से विजय शंकर (Vijay Shankar) और अंबाती रायडू (Ambati Rayudu) की बात करते हैं. पिछले साल अक्टूबर से ही कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री बार-बार कह चुके थे कि रायडू कर टीम में जगह तय है. वे चौथे नंबर के आदर्श बल्लेबाज हैं. जब विराट और शास्त्री यह बात कर रहे थे तब विजय शंकर का नाम चर्चा में भी नहीं था.
विजय शंकर अपने छोटे से वनडे करियर में कोई बड़ी पारी तो नहीं खेल पाए, लेकिन उन्होंने छोटी-छोटी उपयोगी पारियां खेली हैं. उन्हें इसका ही फायदा मिला. टीम प्रबंधन के पास नंबर-4 पर खेलने के लिए दिनेश कार्तिक (Dinesh Karthik) का विकल्प भी मौजूद है. यह भी संभव है कि धोनी नंबर-4 पर खेलें. बहरहाल, टीम इंडिया के पास नंबर-4 के लिए भले ही कोई स्थापित नाम नहीं है. लेकिन उसके पास विकल्प कई हैं. शायद इसी कारण रायडू को टीम बाहर होना पड़ा है.
विजय शंकर ने भारत के लिए नौ वनडे मैच खेले हैं. उन्हें इनमें से पांच पारियों में बैटिंग का मौका मिला है. विजय ने इन पांच पारियों में 45, 46, 32, 26 और 16 रन बनाए हैं. ये ऐसी पारियां नहीं है, जिन्हें टर्निंग प्वाइंट के तौर पर देखा जा सके. लेकिन विजय ने इन पारियों में जिस परिपक्वता से से बैटिंग की, उससे कप्तान और कोच का उन पर भरोसा जगा. वे ना सिर्फ धैर्यभरी पारी खेल सकते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर तेज बल्लेबाजी करने में भी सक्षम हैं. गेंदबाजी उनका मजबूत पहलू है ही.
दूसरी ओर, अंबाती रायडू का ओवरऑल प्रदर्शन तो बेहद प्रभावशाली है. उन्होंने 55 मैचों की 50 पारियों में 47.05 की औसत से 1694 रन बनाए हैं. लेकिन यह करियर रिकॉर्ड है. असलियत यह है कि उनका प्रदर्शन पिछले चार महीने में नीचे गिरता गया है. उन्होंने एक नवंबर 2018 के बाद 10 वनडे मैच खेले और इनमें सिर्फ एक अर्धशतक लगा सके. इन 10 पारियों में पांच बार वे 20 रन से पहले ही आउट हो गए. प्रदर्शन में इसी अनिश्चितता ने उनके विश्व कप खेलने के सपने पर पानी फेर दिया.
रवींद्र जडेजा वो खिलाड़ी हैं, जो ना सिर्फ अच्छी और कसी गेंदबाजी करते हैं, बल्कि आखिरी ओवरों में बड़ी हिट भी लगा सकते हैं. इसके अलावा वे कम से कम 20 रन फील्डिंग से बचा लेते हैं. वे हर दूसरे-तीसरे मैच में एक विकेट अपनी फील्डिंग से ही दिला देते हैं. जाहिर है, चयनकर्ताओं के लिए ऐसे ऑलराउंडर को टीम से बाहर रखना मुश्किल फैसला रहा होगा. ऐसी खबरें हैं कि विश्व कप के लिए फ्लैट विकेट तैयार कराए जा रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो वे टीम के लिए उपयोगी साबित होंगे.