Rajasthan Paper Leak: राजस्थान के पेपर लीक मामले में ED ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गये आरोपियों के नाम सुरेश कुमार उर्फ सुरेश साऊ, विजय दामोरे, पीरा राम, पुखराज और अरूण शर्मा है.
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Rajasthan Paper Leak: राजस्थान के पेपर लीक मामले में ED ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गये आरोपियों के नाम सुरेश कुमार उर्फ सुरेश साऊ, विजय दामोरे, पीरा राम, पुखराज और अरूण शर्मा है. गिरफ्तार सभी पांचों आरोपियों को एजेंसी ने जयपुर की अदालत में पेश कर तीन दिनों के लिये पूछताछ के लिये हिरासत में लिया है.
पांच आरोपी गिरफ्तार
एजेंसी ने सभी पांचों आरोपियों को साल 2022 में Senior Teacher 2nd Grade Competitive Examination-2022 के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया है. ये मामला राजस्थान सरकार ने RPSC-Rajasthan Public Service Commission के सदस्य बाबू लाल कटारा, अनिल कुमार मीणा उर्फ AKA और शेर सिंह मीणा समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया था. मामले में राजस्थान पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल की थी. जिसके आधार पर ED ने मनी लॉड्रिग का मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी.
क्या है मामला?
अभी तक की जांच में एजेंसी को पता चला कि गिरफ्तार आरोपी अरूण शर्मा ने 29 कैंडिडेट के लिये 2 लाख रूपये प्रति वयक्ति के हिसाब से अनिल कुमार मीणा को दिये और पेपर लिये. इसके अलावा अनिल शर्मा ने अनिल कुमार मीणा को 10 लाख रुपये देकर पेपर लिये. पीरा राम के पास अपनी बस थी और वो इसका इस्तेमाल कैडिंडेट को सेंटर तक ले जाने और पेपर के सवाल हल करने में कर रहा था. ये सब उसने आरोपी सुरेश कुमार उर्फ सुरेश साऊ के कहने पर किया. मामले में गिरफ्तार पुखराज पेपर भी दे रहा था और बाकी कैंडिडेट को लीक पेपर के जरिये सवाल हल करने में मदद भी कर रहा था. पेपर उसे सुरेश साऊ से मिला था और उसके कहने पर वो ये कर रहा था. सुरेश साऊ पेपर लीक में इसलिये शामिल हुआ क्योंकि उसे भूपेंद्र शरण और सुरेश ढाका ने 1 करोड़ रुपये देने का वादा किया था. ये पैसे भी इसी पेपर लीक से कमाये जाने थे. विजय दामोरे नाम के आरोपी ने अपने मामा बाबूलाल कटारा के कहने पर GK के पेपर को रजिस्टर में नोट कर लिया था और इसे अनिल कुमार मीणा को दे दिया था. जिसने इसे आगे भूपेंद्र शरण और अरूण शर्मा को दे दिया और पैसे लिये.
22 ठिकानों पर छापेमारी
यानी इस मामले में बाबूलाल कटारा और उसके भांजे के जरिये एक पूरी चेन बनी हुई थी जिसके जरिये इस पेपर को लीक किया गया. इस जांच के बाद एजेंसी ने इस मामले में कारवाई की और 5 जून 2023 और 10 अक्टूबर 2023 को आरोपियों के 22 ठिकानों पर छापेमारी की थी और 3.11 करोड़ की संपत्ति भी अटैच की थी. इस कारवाई के बाद बाबूलाल कटारा, अनिल कुमार मीणा और भूपेंद्र शरण को एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया था और 9 नवंबर 2023 को इन तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी गयी थी.