CBSE vs ICSE: किस बोर्ड में करवाएं अपने बच्चे का Admission?
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CBSE vs ICSE: किस बोर्ड में करवाएं अपने बच्चे का Admission?

आज के दौर में स्कूलों में एडमिशन कराना आसान बात नहीं है. भारत (Education In India) में राज्य बोर्ड के साथ ही सीबीएसई (CBSE Board) और आईसीएसई बोर्ड (ICSE Board) को भी प्रमुख माना जाता है. अक्सर अभिभावक स्कूल सेलेक्ट करते वक्त सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के बीच (CBSE vs ICSE) कंफ्यूज हो जाते हैं. जानिए दोनों बोर्ड की समानताएं और अंतर.

CBSE vs ICSE

नई दिल्ली: Education In India: स्कूलों में एडमिशन (Admission) का दौर शुरू हो चुका है. फरवरी-अप्रैल के बीच जहां कुछ बच्चों का नर्सरी स्कूल में एडमिशन (Nursery School Admission) होगा, वहीं कुछ बड़ी क्लास के छात्र भी अलग-अलग कारणों से अपना स्कूल बदलेंगे. ऐसे में अभिभावकों का परेशान होना लाजिमी है. आज के समय में शिक्षा (Education) हासिल करना आसान नहीं है, स्कूल के साथ ही बोर्ड (School Board) के ऑप्शन भी बढ़ जाने से लोगों के लिए चयन करना मुश्किल हो रहा है.

  1. सीबीएसई बोर्ड और आईसीएसई बोर्ड में हैं कई अंतर
  2. बच्चे का एडमिशन कराने से पहले जान लें जरूरी बातें
  3. पढ़ाई के माध्यम से लेकर सिलेबस और किताबें तक हैं अलग

स्कूल बोर्ड चुनना हुआ मुश्किल

ज्यादातर शहरों में स्कूली पढ़ाई (School Education) के लिए 3 बोर्ड प्रमुख तौर पर मौजूद हैं. इनमें स्टेट बोर्ड (State Board), सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) और सीआईएससीई - आईसीएसई/आईएससी (CISCE- ICSE/ISC Board) बोर्ड शामिल हैं. आमतौर पर अभिभावक अपनी जानकारी, बजट (Education Budget) और सुविधाओं के आधार पर बोर्ड का चयन करते हैं. कुछ लोग बच्चे का एडमिशन किसी स्कूल में सिर्फ इस बलबूते भी करवा देते हैं कि वह स्कूल उनके घर के नजदीक होता है या उनका कोई जान-पहचान वाला भी उसी स्कूल (School) में पढ़ाई कर रहा होता है.

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सीबीएसई vs आईसीएसई, क्या है बेहतर?

बड़े शहरों में आमतौर पर सीबीएसई (CBSE Board) और सीआईएससीई - आईसीएसई/आईएससी बोर्ड (CISCE- ICSE/ISC Board) काफी लोकप्रिय हैं. ज्यादातर अभिभावक इन्हीं दोनों बोर्ड के बीच में कंफ्यूज रहते हैं. आपकी जाानकारी के लिए बता दें, सीबीएसई यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (Central Board Of Secondary Education) 12वीं तक के छात्रों के लिए है, वहीं सीआईएससीई बोर्ड (CISCE Board) को 2 भागों में बांटा गया है- आईसीएसई (ICSE Board) और आईएससी (ISC Board).

आईसीएसई बोर्ड (ICSE Board) 10वीं तक के लिए है, जबकि 12वीं के छात्र आईएससी बोर्ड (ISC Board) के माध्यम से परीक्षा देते हैं. सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड में से कौन सा ज्यादा बेहतर होता है (CBSE vs ICSE), इसको लेकर जंग हमेशा ही जारी रहती है. जानिए दोनों के बीच की समानता और अंतर.

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पढ़ाई के माध्यमों का फर्क

सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) के ज्यादातर स्कूलों में हिंदी (Hindi Medium) और अंग्रेजी (English Medium), दोनों भाषाओं में पढ़ाई होती है, जबकि आईसीएसई बोर्ड (ICSE Board) में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम (English Medium) में पढ़ाई होती है. सीबीएसई बोर्ड में एनसीईआरटी किताबों (NCERT Books) से पढ़ाई होती है, जो हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषा में उपलब्ध होती हैं. वहीं, आईसीएसई बोर्ड के ज्यादातर स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें इस्तेमाल की जाती हैं.

किताबों की कीमत में भी है अंतर

सीबीएसई बोर्ड (CBSE) की एनसीईआरटी की पुस्तकें आईसीएसई की निजी प्रकाशकों की किताबों के मुकाबले सस्ती होती हैं. स्कूल में चल रही किताबों के अलावा भी आईसीएसई बोर्ड (ICSE) के छात्रों को बाहर से दूसरी किताबें भी खरीदनी पड़ती हैं. परीक्षा में बेहतर अंक हासिल करने के लिए वे अलग-अलग प्रकाशकों की किताबों से नोट्स बनाते हैं.

सीबीएसई बोर्ड में हिंदी और अंग्रेजी, दोनों माध्यमों में पढ़ाई होने की वजह से अक्सर यही बोर्ड सबकी पहली पसंद बन जाता है.

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ट्रांसफरेबल जॉब वालों की पहली पसंद है सीबीएसई बोर्ड

हर किसी की नौकरी एक सी नहीं होती है. कई अभिभावकों का कुछ महीनों या सालों में ट्रांसफर (Transfer) होता रहता है. ऐसे लोगों को सीबीएसई बोर्ड ज्यादा पसंद होता है. दरअसल, खुद के ट्रांसफर के साथ अगर बच्चों का स्कूल भी बदलवाना पड़ता है तो सीबीएसई बोर्ड में पढ़ाई का लॉस होने से बच जाता है. सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हर स्कूल में एनसीईआरटी किताबें और सिलेबस (NCERT Syllabus) फॉलो होता है. इसलिए स्कूल या शहर बदलने से छात्रों की पढ़ाई पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.

अलग है सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड का सिलेबस

सीबीएसई (CBSE Board Syllabus) और आईसीएसई बोर्ड के सिलेबस (ICSE Board Syllabus) में जमीन-आसमान का अंतर है. सीबीएसई बोर्ड की तुलना में आईसीएसई का सिलेबस ज्यादा होता है. आईसीएसई में विज्ञान विषय (Science) के तीन पेपर होते हैं, जिन्हें छठवीं कक्षा से ही बांट दिया जाता है. वहीं, सीबीएसई बोर्ड में विज्ञान का सिर्फ एक ही पेपर होता है.

आईसीएसई में अंग्रेजी विषय (English) के भी 2 पेपर होते हैं, जबकि सीबीएसई में सिर्फ एक.

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करियर के हिसाब से चुनें सही बोर्ड

सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी किताबें और सिलेबस फॉलो होता है. देश के ज्यादातर इंजीनियरिंग (Engineering) और मेडिकल एंट्रेंस परीक्षाओं (Medical Entrace Exam) का सिलेबस भी इसी पर आधारित होता है. जो भी छात्र भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) की तैयारी करना चाहते हैं, उनके लिए स्कूली स्तर पर सीबीएसई बोर्ड से की गई पढ़ाई फायदेमंद साबित होती है. नीट (NEET), जेईई मेन (JEE Main) आदि परीक्षाओं का सिलेबस एनसीईआरटी (NCERT) के आधार पर तय किया जाता है.

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आईसीएसई बोर्ड का सिलेबस ब्रिटेन के कैंब्रिज स्कूल (Cambridge School, Britain) से प्रेरित होता है, जहां इंग्लिश विषय पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाता है. जो भी छात्र भविष्य में IELTS और TOEFL जैसी परीक्षाएं देना चाहते हैं, उनके लिए यह बोर्ड बेस्ट है.

कौन ले सकता है एडमिशन

प्राइवेट कैंडिडेट्स (Private Candidates) या स्टेट बोर्ड (State Board) के छात्रों को सीबीएसई बोर्ड में आसानी से प्रवेश मिल जाता है, जबकि आईसीएसई बोर्ड (ICSE Board) ऐसे छात्रों को अपनी परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं देता है (खासतौर पर बड़ी कक्षाओं में).

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