Knowledge: EVM से पहली बार कब हुए चुनाव, जानें कीमत और खासियत
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Knowledge: EVM से पहली बार कब हुए चुनाव, जानें कीमत और खासियत

ईवीएम का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन दो यूनिट से बनी होती हैं, जिसमें एक तो कंट्रोल यूनिट है और एक बैलेटिंग यूनिट. जब आप वोट देने जाते हैं तो चुनाव अधिकारी बैलेट मशीन के जरिए वोटिंग मशीन को ऑन करता है, जिसके बाद आप वोट दे सकते हैं. 

Knowledge: EVM से पहली बार कब हुए चुनाव, जानें कीमत और खासियत

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सहित सहित पांच राज्यों (उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब) में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे. चुनाव आयोग की ओर से तारीखों का एलान कर दिया गया है. सभी चुनावी राज्यों में वोटिंग के लिए EVM (Electronic Voting Machine) का इस्तेमाल किया जाएगा. जब-जब चुनाव नजदीक आते हैं, इसको लेकर चर्चा तेज हो जाती है. लगभग हर चुनाव में विपक्षी पार्टियों द्वारा EVM हैक करके सत्ता पक्ष पर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं इससे जुड़ी दिलचस्प बातें...

सबसे पहले जानते हैं क्या है EVM
ईवीएम का पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन दो यूनिट से बनी होती हैं, जिसमें एक तो कंट्रोल यूनिट है और एक बैलेटिंग यूनिट. जब आप वोट देने जाते हैं तो चुनाव अधिकारी बैलेट मशीन के जरिए वोटिंग मशीन को ऑन करता है, जिसके बाद आप वोट दे सकते हैं. इस यूनिट में मतदाताओं के नाम लिखे होते हैं और उन्हें चुनकर आप वोट देते हैं.

पहली बार इस राज्य में हुए EVM से चुनाव
चुनाव आयोग (Election commission Of India) के मुताबिक, भारत में पहली बार ईवीएम का इस्‍तेमाल केरल में मई, 1982 में हुए विधानसभा चुनाव (Assembly election) में किया गया था. केरल की परावुर विधानसभा सीट के 50 मतदान केंद्रों में वोटिंग के लिए जब इसे रखा गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के 1984 में आए आदेश के बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम के इस्‍तेमाल पर रोक लगा दी थी. लेकिन बाद में संसद ने ईवीएम को वैध बनाने के लिए अपने अध‍िनियम में संशोधन किया और 1998 से विधानसभा और लोकसभा चुनावों से इसका इस्‍तेमाल किया जाने लगा.

इतने रुपए की आती है एक EVM
एम2 ईवीएम (2006-10 के बीच निर्मित) की लागत रु.8670/- प्रति ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) (बैलेटिंग यूनिट और कंट्रोल यूनिट) थी. हालांकि, पुरानी तकनीकि होने के चलते इसे हटा दिया गया है. अब एम3 ईवीएम से चुनाव कराए जाते हैं. इसकी लागत 17,000 रुपए प्रति यूनिट है. ईवीएम से चुनाव कराने पर कागज, मुद्रण जैसी कई चीजों की खर्चे में कटौती होती है. 

इसके अलावा ईवीएम से चुनाव कराना ज्यादा सुरक्षित होता है. क्योंकि इस पर पानी का असर नहीं होता है और इसमें 10 वर्षों तक डाटा सेव रहता है. साथ ही इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है. 

 

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