Fish In Space: दुनिया के ये देश भेज चुके हैं अंतरिक्ष में Fish, अब चीन भेजने जा रहा है जिंदा मछली!
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Fish In Space: दुनिया के ये देश भेज चुके हैं अंतरिक्ष में Fish, अब चीन भेजने जा रहा है जिंदा मछली!

Fish In Space: स्पेस की रेस में चीन की ख्वाहिश एक बड़ी शक्ति बनने की है, इसीलिए वह तरह-तरह की रिसर्च कर रहा है. चीन का कहना है कि वो स्पेस में एक जिंदा मछली भेजने वाला है. जानिए इस रिसर्च के पीछे चीन की मंशा क्या है...

Fish In Space: दुनिया के ये देश भेज चुके हैं अंतरिक्ष में Fish, अब चीन भेजने जा रहा है जिंदा मछली!

Fish In Space: वैज्ञानिक रिसर्चों और खोज का ही परिणाम है कि आज हम इतनी तरक्की कर चुके हैं. धरती पर जीवन को हर तरह की सर्वसुविधाओं से लैस करके अब अंतरिक्ष तक मानव पहुंच गया है. वर्षों से हो रही स्पेस रिसर्च में दुनिया के कई देश वहां अलग-अलग समय पर विभिन्न चीजें भेजते रहे हैं. वहीं, अब मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए जानकारी मिली है कि चीन भी स्पेस में जिंदा मछली को भेजने वाला है. चीन के इस फैसले ने सबको चौंका दिया है. 

दरअसल, इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में चीन को शामिल नहीं किया गया तो उसने खुद अपना तियांगोंग स्पेस स्टेशन  तैयार कर लिया. अब चीन अंतरिक्ष में एक बड़ी शक्ति बनना चाहता है. पड़ोसी देश की स्पेस महत्वाकांक्षा ही है, जो अब वह अपने स्पेस स्टेशन में चीन एक जिंदा मछली भेज रहा है.

क्या है स्पेस में मछली भेजने की वजह?
एक खबर के मुताबिक चीन मछली को स्पेस में भेजकर यह देखना चाहता कि स्पेस स्टेशन जैसे बंद इकोसिस्टम में मछलियों की हड्डियों पर क्या असर पड़ता है. चीन के मुताबिक इस रिसर्च से पता चल पाएगा कि स्पेस स्टेशन में रहने वाले इंसानों पर वहां के वातावरण का क्या प्रभाव पड़ता है. खासतौर से ह्यूमन बॉडी के इंटरनल पार्ट में उस माहौल का कैसा प्रभाव होगा.

कई देश भेज चुके हैं न जाने क्या-क्या?
वैसे चीन पहला देश नहीं है जो ऐसा कर रहा है. पहले भी कई देश ने अंतरिक्ष में बहुत सी चीजें भेजी हैं. साल 2012 में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने भी अंतरिक्ष में  जापान मूल की एक मछली भेजी थी. नासा ने माइक्रोग्रैविटी का समुद्री जीवों पर क्या असर होता है, ये जानने के लिए ऐसा किया था.

साल 1976 में सोवियत यूनियन ने स्पेस में एक जेब्राफिश भेजी थी. इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने स्पेस में रहने के बाद मछली के व्यवहार में बदलाव पाया था. वहीं, सोवियत यूनियन ने अंतरिक्ष में डॉग भेजने की भी तैयारी की थी, लेकिन मिशन लॉन्च होने के कुछ देर बाद ही उसकी बॉडी तेजी से गर्म होने लगी और वह डॉग जिंदा नहीं बचा. 

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