अंशुमन राज ने घर पर बैठकर इंटरनेट की मदद से परीक्षा की तैयारी की. अंशुमान को चौथे प्रयास में यूपीएससी में सफलता मिली. उनका संघर्ष थोड़ा लंबा रहा लेकिन इस दौरान वे अपने गांव में ही रहे. अंशुमान राज मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के एक गांव के रहने वाले हैं. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने कोलकाता से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
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नई दिल्ली. संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विसेज परीक्षा (CSE) को प्रतिष्ठित परीक्षाओं में एक माना जाता है. इस परीक्षा को पास करने के लिए कुछ अभ्यर्थी कोचिंग का सहारा लेते हैं, तो कुछ सेल्फ स्टडी करते हैं और परीक्षा में टॉप कर जाते हैं. इसकी वजह से ये अन्य अभ्यर्थियों के लिए मिशाल बन जाते हैं. ऐसे ही अभ्यर्थियों में शामिल हैं अंशुमान राज.
अंशुमन राज ने घर पर बैठकर इंटरनेट की मदद से परीक्षा की तैयारी की. अंशुमान को चौथे प्रयास में यूपीएससी में सफलता मिली. उनका संघर्ष थोड़ा लंबा रहा लेकिन इस दौरान वे अपने गांव में ही रहे. अंशुमान राज मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के एक गांव के रहने वाले हैं. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने कोलकाता से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
ग्रेजुएशन के बाद कुछ ऐसा हुआ कि वो कोलकाता से अपने गांव लौट आए. इसके बाद उन्होंने घर का एक कमरा स्टडी के लिए बनाया. और इंटरनेट की मदद से तैयारी शुरू कर दी. उनके इस जज्बे को देखकर गांव के लोग हैरान थे. गांव वालों को लग रहा था कि अंशुमान का चयन इस तरह की तैयारी से नहीं हो पाएगा. लेकिन अंशुमन को खुद पर भरोसा था कि उनका चयन हो जाएगा.
अंशुमान ने इस तरह की तैयारी
अंशुमान को सिविलि सर्विसेज के चौथे प्रयास में सफलता मिली. इससे पहले उन्हें तीन बार असफलता का सामना करना पड़ा, लेकिन वह निराश नहीं हुए और धैर्य रखकर लगातार मेहनत करते रहे. उन्हें भरोसा था कि एक न एक दिन सफलता जरूर मिलेगी. आखिर में 2019 में उनका चयन हो गया. उन्हें ऑल इंडिया 107 रैंक मिली थी.
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