देश इस साल अपना 73वां गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट करेगा. लेकिन इस दौरान लाल किला मैदान पर 21 झांकियां ही प्रदर्शित की जाएंगी.
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नई दिल्ली: Republic Day Parade Selection Process: 26 जनवरी 2022 को देशवासी अपने 73वें गणतंत्र दिवस को मनाएंगे. लेकिन इस साल तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल की झांकियां नजर नहीं आएंगी. इन राज्यों के CM ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर आपत्ति जताई. सरकार ने अभी गणतंत्र दिवस की झांकियों की घोषणा नहीं है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इस साल परेड में 21 झांकियां ही निकलेंगी.
राज्यों ने एक निश्चित प्रोसेस के तहत अपना नाम वापस लिया, ऐसे में यहां जानें गणतंत्र दिवस के दौरान झांकियों को सिलेक्ट करने की प्रोसेस क्या रहती है.
रक्षा मंत्रालय संभालता है जिम्मेदारी
रक्षा मंत्रालय इस काम की पूरी जिम्मेदारी उठाता है, आयोजन की सुरक्षा, परेड से लेकर झांकियों आदि तक का मैनेजमेंट भी रक्षा मंत्रालय ही संभालता है. राष्ट्रपति मुख्य अतिथि रहते हैं, वहीं तीनों सेनाओं के प्रमुख भी इस प्रोग्राम में शामिल होते हैं.
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राज्यों से मांगते हैं सुझाव
गणतंत्र दिवस के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सुझाव मांगे जाते हैं. एक सिलेक्शन कमेटी फाइनल की जाती है, जो राज्यों की झांकियों का सिलेक्शन करती है, यही झाकियां 26 जनवरी को प्रदर्शित भी होती हैं. बता दें कि इस बार गणतंत्र दिवस की झांकियों की थीम 'आजादी के 75 वर्ष (India @75)' रखी गई है.
इन पांच सब्जेक्ट पर बना सकते हैं झांकियां
ये रहते हैं पैरामीटर
कौन होते हैं कमेटी में शामिल
झांकियों का सिलेक्शन करने वाली कमेटी में कल्चर, पेंटिंग, संगीत, कृषि, कोरियोग्राफी, कला, साहित्य व अन्य क्षेत्रों के एक्सपर्ट शामिल किए जाते हैं. कई एंगल से रिव्यू करने के बाद कमेटी मेंबर्स द्वारा झांकियों का फाइनल सिलेक्शन होता है.
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मंजूरी के बाद क्या?
झांकियों का प्राइमरी डिजाइन मंजूर होने के बाद 3D मॉडल मंगवाए जाते हैं, तय मानकों पर उनकी चर्चा होती है. चर्चा के दौरान झांकियों का कोई प्रतिनिधि मीटिंग में शामिल नहीं होने पर उन्हें खारिज कर दिया जाता है. चर्चा के बाद फाइनल झांकियां परेड ग्राउंड पर प्रदर्शित की जा सकती हैं.
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