नई दिल्ली: Parakram Diwas 2022: 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा...' का नारा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की आज 125वीं जयंती (Netaji 125th Birth Anniversary) है. इस अवसर पर केंद्र सरकार ने आज के दिन को पराक्रम दिवस (Parakram Diwas 2022) के रूप में मनाने का ऐलान किया. देश को आजाद कराने में बोस का अहम योगदान रहा, उनकी जयंती के अवसर पर जानें उनके जीवन से जुड़ीं कुछ खास बातें.
- 23 जनवरी 1897 को ओडिशा के कटक में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ.
- बोस के 14 भाई-बहन थे, वह अपनी मां के 9वें बच्चे थे.
- बोस के पिता जानकीनाथ शहर के फेमस वकीलों में से एक थे.
- नेताजी ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की.
- 1920 में नेताजी ने इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एग्जाम में चौथी रैंक हासिल की थी.
- स्वामी विवेकानंद व आजादी में अपना योगदान दे रहे अन्य नेताओं से इंस्पायर हो कर नेताजी ने अंग्रेजों की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था.
- महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' के रूप में पहली बार नेताजी ने ही संबोधित किया था.
- भगत सिंह की फांसी के बाद नेताजी और गांधीजी में आपसी मतभेद शुरू हो गए थे.
- बोस को 'नेताजी' कहकर सबसे पहले जर्मनी के तानाशाह अडोल्फ हिटलर ने पुकारा था.
- नेताजी ने 1943 में करीब 40000 भारतीयों के साथ 'आजाद हिंद फौज' बनाई, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ महत्त्वपूर्ण लड़ाइंया लड़ीं.
- माना जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताइवान में एयर प्लेन क्रैश में उनकी मौत हो गई. हालांकि कई राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि नेताजी की मौत एक साजिश के तहत हुई, जिसका खुलासा नहीं हो सका.
नेताजी के टॉप-5 Inspirational Quotes
- तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा.
- संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमें आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ, जो पहले नहीं था.
- अगर संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े, तब जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाएगा.
- मुझे नहीं मालूम कि स्वतंत्रता के इस युद्ध में कौन-कौन जिंदा बचेंगे. लेकिन मैं यह जानता हूं, अंत में जीत हमारी ही होगी.
- सुबह से पहले अंधेरी घड़ी अवश्य आती है, बहादुर बनो और संघर्ष जारी रखो, क्योंकि स्वतंत्रता निकट है.
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