स्कूल से निकाले गए वेल्डर के बेटे ने JEE की परीक्षा में हासिक किए 99.93% मार्क्स
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स्कूल से निकाले गए वेल्डर के बेटे ने JEE की परीक्षा में हासिक किए 99.93% मार्क्स

JEE Main Session 1 Topper: दीपक प्रजापति कक्षा 2 में थे, तब वे पढ़ाई-लिखाई में बेहद कमजोर हुआ करते थे या यूं कहें कि वे पढ़ाई की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया करते थे. इसके परिणाम स्वरूप उनके शिक्षकों द्वारा उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था. हालांकि, इस घटना के बाद दीपक अपनी पढ़ाई में लगातार सुधार करते गए और कक्षा 10वीं में उन्होंने 96 प्रतिशत अंक प्राप्त किए. 

स्कूल से निकाले गए वेल्डर के बेटे ने JEE की परीक्षा में हासिक किए 99.93% मार्क्स

JEE Main Session 1 Topper 2022: इस साल इंदौर के रहने वाले एक वेल्डर के बेटे दीपक प्रजापति ने जेईई मेन 2022 सत्र 1 की परीक्षा में 99.93 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं. दीपक ने यह सफलता अपने पहले प्रयास में ही प्राप्त की है. एक समय था कि दीपक को "पढ़ाई में बेहद कमजोर" होने का टैग देते हुए स्कूल से निकाल दिया गया था, लेकिन आज उसी छात्र ने जेईई मेन की परीक्षा पहले ही प्रयास में इतने अच्छे अंकों के साथ पास कर दिखाई है. आइये आज हम आपको दीपक की प्रेरणादायी कहानी विस्तार से बताते हैं.

जब दीपक प्रजापति कक्षा 2 में थे, तब वे पढ़ाई-लिखाई में बेहद कमजोर हुआ करते थे या यूं कहें कि वे पढ़ाई की तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया करते थे. इसके परिणाम स्वरूप उनके शिक्षकों द्वारा उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था. हालांकि, इस घटना के बाद दीपक ने अपनी पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया. दीपक ने फिर कभी हार नहीं मानी और अपने सपनों का पीछा करने में लग गए. बता दें कि दीपक के माता-पिता ने भी उनका आत्मविश्वास बढ़ाया और उनकी पूरी मदद की.

कक्षा 10वीं में हासिल किए 96 प्रतिशत अंक
बता दें दीपक के पिता राम इकबाल प्रजापति एक वेल्डर के तौर पर काम करते हैं. हालांकि, यह काम भी परमानेंट नहीं है, जिस कारण वे घर का गुजारा करने के लिए रोजाना काम पर निकल जाते हैं. वहीं दीपक कक्षा 2 में हुई घटना के बाद अपनी पढ़ाई में लगातार सुधार करते गए और कक्षा 10वीं में उन्होंने 96 प्रतिशत अंक हासिल कर यह साबित कर दिया कि "पढ़ाई में बेहद कमजोर" होने का जो टैग उन्हें दिया गया था, वे उसके लायक नहीं थे. इसके बाद वह सरकारी काउंसलर्स से मिले, जिन्होंने उन्हें करियर के कुछ ऑप्शन्स बताए, जिसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग को लेकर काफी रूची दिखाई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने बताया कि 'मैं इंजीनियरिंग के कॉन्सेप्ट को लेकर काफी रोमांचित था, इसलिए मैंने खुद से वादा किया था कि मैं आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करूंगा.' 

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ऐसे लेते थे पढ़ाई से ब्रेक 
कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने की इच्छा दीपक ने अपने घर वालों को बताई और कहा कि वे जेईई की तैयारी के लिए एमपी के एजुकेशन हब यानी इंदौर जाना चाहता हैं. दीपक के माता-पिता ने भी उन्हें स्पोर्ट करते हुए पढ़ाई के लिए इंदौर भेज दिया. दीपक ने जेईई की परीक्षा के लिए दिन-रात बिना समय देखे पढ़ाई की. दीपक दिन में 13 से 14 घंटे पढ़ाई किया करते थे. दीपक बताते हैं कि वे सोशल मीडिया से पूरी तरह से दूर रहते हैं. हालांकि, जब भी उन्हें ब्रेक लेनी होता है तो वे बैडमिंटन या फुटबॉल खेलना पसंद करते हैं.

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