यूपी को मिलने जा रही बड़ी सौगात, यहां खोला जा रहा राज्य का पहला महिला सैन्य स्कूल, जानें क्यों है खास
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यूपी को मिलने जा रही बड़ी सौगात, यहां खोला जा रहा राज्य का पहला महिला सैन्य स्कूल, जानें क्यों है खास

First Woman Sainik School: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में राज्य का पहला महिला सैन्य स्कूल खोला जा रहा है. सैनिक स्कूलों में छात्राओं के प्रवेश से बड़े स्तर पर और बेहतर बदलाव होंगे...

यूपी को मिलने जा रही बड़ी सौगात, यहां खोला जा रहा राज्य का पहला महिला सैन्य स्कूल, जानें क्यों है खास

First Woman Sainik School: भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है. सेनाओं में भी उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार की ओर से सैन्य स्कूलों की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है. अब देश की लाखों बेटियां जो सैनिक स्कूलों में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोल दिए गए है.

बड़ी पहल करते हुए मिजोरम के सैनिक स्कूल में लगभग ढाई साल पहले लड़कियों को प्रवेश देने का प्रयोग पहली बार किया गया था. अब उत्तर प्रदेश को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है. जी हां, यूपी के मथुरा में राज्य का पहला महिला सैन्य स्कूल खोला जा रहा है. 

देश में 33 सैनिक स्कूल 
देश में अभी पांच महिला सैन्य स्कूल थे, इनमें उत्तराखंड के घोराकल, आंध्र प्रदेश के कालीकिरी, महाराष्ट्र के चंद्रपुर का महिला सैनिक स्कूल कर्नाटक के कोडागु और बीजापुर शामिल है. अब यूपी में छठवां महिला सैन्य स्कूल (Sainik Schools) साध्वी ऋतम्भरा के वात्सल्य ग्राम वृंदावन में खुलने जा रहा है.

यह प्रदेश का पहला सैनिक स्कूल होगा जहां सिर्फ लड़कियों को प्रवेश मिलेगा. रक्षा मंत्रालय की एक ऑफिशियल रिपोर्ट के मुताबिक देश में 33 सैनिक स्कूल हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के अमेठी, झांसी और मैनपुरी में स्‍थापित तीन सैनिक स्कूल भी शामिल हैं.  ये सभी स्‍कूल सहशिक्षा वाले हैं

संविद गुरुकुलम स्कूल को मिली मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर आत्मनिर्भर भारत पर जोर देते हुए शिक्षा क्षेत्र में सुधार करने का ऐलान किया था. पीएम ने यह भी घोषणा की थी कि सभी सैनिक स्कूल अब लड़कियों के लिए खुले रहेंगे. वहीं, इनमें से एक यह भी है कि सरकार ने लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल खोलने का फैसला किया है.

मथुरा में संविद गुरुकुलम सीनियर सेकेंडरी स्कूल को लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल के रूप में मंजूरी दी गई है. सरकार के इस बेहतरीन पहल से देश की बेटियां तीनों सेनाओं में ऑफिसर बनने के अपने सपने को पूरा कर सकेंगी. 

सैनिक स्कूलों में छात्राओं के प्रवेश से होंगे बदलाव
सैनिक स्कूलों को बॉयज स्कूलों से कोएड-एजुकेशन स्कूलों में बदलने से उनके व्यक्तित्व और व्यवहार विकास में आसानी होगी. सभी स्कूलों में बेहतरीन इंटरेक्शन पद्धति अपनाई जा रही है. सरकार के इस फैसले ने गर्ल्स कैडेट्स के लिए लड़कों के समान गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के दरवाजे खोल दिए हैं. 

हालांकि, वृंदावन स्थित संविद गुरुकुलम में पहले से ही फीमेल कैंडिडेट्स को एनडीए के लिए तैयार किया जाता है. साथ ही मेडिकल और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी क्लासरूम इंटीग्रेटेड कार्यक्रम के तहत कोचिंग दी जाती है. 

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