राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (CBI) की स्थापना टंडन समिति, राष्ट्रीय पुलिस कमीशन (1977-1981) और गृह-मंत्रालय के टास्क फोर्स की सिफ़ारिश के आधार पर, अपराध और अपराधियों की सूचना के संग्रह व रख-रखाव (Repository) के रूप में कार्य करने हेतु 1986 में की गई थी.
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नई दिल्ली. अपराध जांच विभाग (Criminal Investigation Department) या संक्षेप में सीआईडी (CID) पुलिस के अंतर्गत आने वाली एक इकाई है. जिसके लोग आम पुलिस की तरह वर्दी नहीं पहनते बल्कि सादे कपड़ों में रहकर कार्य करते हैं. यह विशेष शाखा (स्पेशल ब्रांच) से अलग होती है. 1854 में ब्रिटेन के नॉटिंघम बरो पुलिस ने पहली ऐसी शाखा स्थापित की थी और 1878 में चार्ल्स विन्सेंट ने मेट्रोपोलिटन पुलिस सर्विस सीआइडी की स्थापना की.
CID और CBI क्या है? जानें सीआईडी और सीबीआई में अंतर
भारत में इस समिति की सिफारिश के बाद हुआ गठन
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (CBI) की स्थापना टंडन समिति, राष्ट्रीय पुलिस कमीशन (1977-1981) और गृह-मंत्रालय के टास्क फोर्स की सिफ़ारिश के आधार पर, अपराध और अपराधियों की सूचना के संग्रह व रख-रखाव (Repository) के रूप में कार्य करने हेतु 1986 में की गई थी.
हालांकि बाद में वर्ष 2009 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (CBI) को अपराध व अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (सीसीटीएनएस) परियोजना की मॉनिटरिंग, समन्वय और कार्यान्वयन की ज़िम्मेदारी सौंपी गई. इसके तहत देश के लगभग 15000 पुलिस स्टेशनों और 6000 उच्च कार्यालयों को जोड़ा गया है.
इसके बाद ब्यूरो को यौन अपराधियों के राष्ट्रीय डाटाबेस की देख-रेख के साथ इसे नियमित रूप से राज्यों/संघ प्रदेशों से साझा करने की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई है. वहीं,‘ऑनलाइन साइबर अपराध सूचना पोर्टल’ की तकनीकी एवं परिचालन प्रक्रिया की देख-रेख के लिए भी ब्यूरो को नामित किया गया है, जिसके माध्यम से कोई भी नागरिक बच्चों से संबन्धित अश्लील बातें, बलात्संग, सामूहिक बलात्संग की शिकायत दर्ज कर सकता है एवं साक्ष्य के तौर पर वीडियो क्लिप सौंप सकता है. अपराधियों का पता लगाया जा सके, इसलिए क्राइम ब्रांच को कई शाखाओं में बांटा गया है..
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राज्य अपराध अन्वेषण ब्यूरो (CB-CID)- यह राज्य की क्राइम ब्रांच पुलिस पुलिस होती है. राज्य में होने वाले अपराधों की यह टीम जांच करती है. जहां जरूरत पड़ती है, यह टीम पुलिस की भी मदद लेती है.
मानव तस्करी और गुमशुदा प्रकोष्ठ- मानव तस्करी और मुगशुदा प्रकोष्ठ पुलिस राज्य में होने वाली मानव तस्करी, गायब हुए व्यक्तियों आदि मामलों की जांच करती है और सीबीआई को अपनी रिपोर्ट भेजती है.
फिंगर प्रिंट ब्यूरो- फिंगर प्रिंट ब्यूरो पुलिस किसी भी अपराध में आरोपियों तक पहुंचने के लिए सबूतों की ढूढ़ती और फिंगर प्रिंट आदि को लेती है.
कक्षा 5वीं के बच्चों से पूछे जाते हैं ये सवाल: भारत का सबसे छोटा राज्य कौन-सा है?
इन मामलों की जांच करती है क्राइम ब्रांच पुलिस
-उच्च तकनीकी प्रकृति के मामले
-अपहरण के महत्वपूर्ण मामले व महिलाओं के खिलाफ अपराध
-कोई गंभीर अपराध जिसके दूरगामी परिणाम होने की आशंका हो
-एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज महत्वपूर्ण मामले
-पेशेवर जहर खुरानी
-नकली सिक्के और नोट का निर्माण
-फर्जी कंपनियों को बढ़ावा देना
-सरकारी शस्त्र और गोला बारूद की महत्वपूर्ण चोरी
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