भरत शर्मा व्यास का एक भोजपुरी देवी गीत 'निमिया के डाढ़ी मैया' फैंस के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ है. ये गीत जितना पुराना हो रहा उतना ही पॉप्यूलर हो रहा है. मजे की बात यह है कि इस गीत को अलग-अलग भोजपुरी सिंगर के द्वारा भी गाया जा चुका है.
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Patna: भोजपुरी इंडस्ट्री के जाने माने गायक भरत शर्मा व्यास अपनी गायकी से दुनिया भर में पहचान बनाई है. उन्होंने अपनी शानदार गायकी भोजपुरी जगत में एक अलग पहचान देकर भोजपुरी लोकसंस्कृति को दुनिया भर में गुलजार किया, जो आज भी बदस्तूर जारी है.
भोजपुरी में निर्गुण गायकी के सिरमौर कहे जाने वाले भरत शर्मा के नाम साढ़े चार हजार से ज्यादा भोजपुरी गीत गाने का रिकार्ड है और करीब दो दर्जन से ज्यादा के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया जा चुका है.
भोजपुरी देवी गीत हो भोजपुरी पचरा या फिर भोजपुरी निर्गुण गायकी इस गाने की आवाज कानों में जैसे पड़ती है माहौल भक्तिमय भरा हो जाता है. आज त्योहारी सीजन में एक एक बढ़कर एक गीत भोजपुरी देवी सुने जाते है, लेकिन भरत शर्मा व्यास का एक भोजपुरी देवी गीत 'निमिया के डाढ़ी मैया' फैंस के बीच तेजी से लोकप्रिय हुआ है.
खास बात यह है कि ये गीत जितना पुराना हो रहा उतना ही पॉप्यूलर हो रहा है. मजे की बात यह है कि इस गीत को अलग-अलग भोजपुरी सिंगर के द्वारा भी गाया जा चुका है.
इस शानदार भोजपुरी देवी गीत 'निमिया के डाढ़ी मैया' को काजल राघवानी ने अपनी शानदार आवाज दी तो ये गीत फैंस के बीच तेजी से वायरल हो गया.
इस गाने को 10 करोड़ से ज्यादा लोगों ने पसंद किया है. खबर लिखे जाने तक इस गाने को 100,392,192 व्यूज आ चुके हैं. इस गानो को 274k से ज्यादा के लाईक्स और कमेंटस भी मिल चुके हैं.
भोजपुरी के महान सिंगर भरत शर्मा व्यास ने आज भोजपुरी देवी गीत से धूम मचा दी है. ये गाने आज घर-घर में सुनाई देती है. आज जहां भोजपुरी सिंगर व्यूज और स्टारडम को लेकर हायतौबा मचा रहे है वहीं भरत शर्मा इन सबसे कोसों दूर है.
भरत शर्मा के प्रशंसक उनको प्यार से व्यास जी कहकर बुलाते है. फैंस तो इनकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहते है. इनके स्टेज शो में लाखों की भीड़ उमड़ती है.
बता दें कि भरत शर्मा उस मिथक को भी तोड़ा हैं जिसने मान लिया कि भोजपुरी का मतलब केवल भिखारी ठाकुर और महेंद्र मिश्र ही है. इसमें दो राय नहीं कि ये दोनों भोजपुरी के लीजेंड्स हैं पर व्यास जी ने भोजपुरी के कबीर को गाने वाले राम कैलाश यादव की परंपरा को मजबूती से बरकरार रखा है. आज वो भोजपुरी लोक में सबसे अधिक आदरणीय और प्रिय हैं.