खुद को थप्पड़ क्यों मारते हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी? सब छोड़-छाड़ कर पहुंच जाते हैं गांव; हैरान कर देगी वजह
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खुद को थप्पड़ क्यों मारते हैं नवाजुद्दीन सिद्दीकी? सब छोड़-छाड़ कर पहुंच जाते हैं गांव; हैरान कर देगी वजह

Nawazuddin Siddiqui: नवाजुद्दीन सिद्दीकी इन दिनों अपने कई अपकमिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर बिजी चल रहे हैं. इसी बीच एक्टर ने अपने एक हालिया इंटरव्यू में अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर कई खुलासा किए, जिनमें से कुछ वाकई हैरान कर देने वाले हैं.   

Nawazuddin Siddiqui

Nawazuddin Siddiqui: उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से निकल कर मुंबई में अपना नाम कमाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता, लेकिन नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने ये कर दिखाया. हालांकि, उनको यहां तक पहुंचे के लिए काफी संघर्ष भी करना पड़ा. उन्होंने अपनी शुरुआत छोटे-मोटे किरदारों से की थी और आज उनकी पहचान उनके बड़े-बड़े किरदारों से होती है. नवाजुद्दीन ने अपने करियर की शुरुआत 1990 में की थी, जब उन्होंने आमिर खान की फिल्म ‘सरफरोश’ में एक छोटा सा रोल किया था. 

अपने 34 साल के करियर में नवाजुद्दीन सिद्दीकी कई छोटी-बड़ी फिल्मों और सीरीज में काम कर चुके हैं, जिनमें उनके किरदार और अभिनय को खूब पसंद किया गया है. इन दिनों भी एक्टर अपने कई अपकमिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर बिजी चल रहे हैं. इसी बीच नवाज ने अपने एक हालिया इंटरव्यू में अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर कई खुलासा किए, जिनमें से कुछ वाकई हैरान कर देने वाले हैं. नवाज ने ये माना कि हर आम इंसान की तरह उन्हें भी तनाव होता है. 

तनाव को कैसे दूर करते हैं नवाज? 

हालांकि, उनके पास इस तनाव को दूर करने का एक अलग तरीका है, जो बेहद हैरान कर देने वाला है. फिल्म कंपैनियन को दिए अपने एक इंटरव्यू में नवाज ने बताया कि जब कभी उनको तनाव महसूस होता है तो वो अपना सारा ताम-झाम और काम छोड़ कर अपने गांव चले जाते हैं. जहां वो खुद के साथ कुछ खाली वक्त बिताते हैं और खुद को थप्पड़ मारते हैं. नवाज ने बताया, 'स्ट्रेस होता है तो मैं गांव जाता हूं. मैं भी इंसान हूं कभी कभी हो जाता है. तो गांव जाता हूं या कुछ दोस्त, बस हो दूर हो जाता है सारा स्ट्रेस'. 

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गांव जाकर वक्त बिताते हैं और खुद को थप्पड़ मारते हैं 

नवाज ने आगे बताया, 'या अगर कुछ ज्यादा ही स्टैस हो जाता है को खुद को एक थप्पड़ लगाता हूं और साथ में कहता हूं, क्या हो रहा है, ये क्या चक्कर है, सब कुछ तो दिया है भगवान ने, सब ठीक है'. इतना ही नहीं, नवाज कहते हैं, 'शहरों रहने वाले लोग और गांव में रहने वालों को काफी अंतर हैं. यहां रहने वाले लोगों के मुंह पर कुछ होता है और मन में कुछ, लेकिन गांव में रहने वाले लोगों के जो मुंह पर होता है वही दिल में भी होता है. अगर वो आपसे गुस्सा है तो उसको बाहर रखते हैं, दिल में नहीं. कड़वाहट नहीं पालते'. 

नवाजुद्दीन सिद्दीकी का वर्कफ्रंट 

शहर की हकिकत के बारे में बात करते हुए नवाज ने बताया, 'लेकिन शहर में लोग बहुत अच्छे से बात करते हैं और उनके मन में चलता रहता है - अच्छा बेटा. गांव-कस्बों में क्या होता है कि वहां के लोग झूठ नहीं बोलते. वहां किसी तरह का कोई कम्पीटीशन नहीं है तो झूठ बोलने का कोई मतलब ही नहीं'. वहीं, अगर नवाजुद्दीन के वर्कफ्रंट की बात करें तो एक्टर जल्द ही 'सैंधव' में दिखेंगे, इसकी शूटिंग पूरी हो चुकी है. इसके अलावा वे 'सेक्शन 108' में भी नजर आएंगे, जिस पर काम चल रहा है. 

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