Lal Singh Chaddha: लाल सिंह चड्ढा को वैसी ओपनिंग नहीं मिली, जिसकी आमिर खान को उम्मीद थी. हालांकि लंबी छुट्टियों के बीच फिल्म के पास मौके हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि आमिर की फिल्में कभी फ्लॉप नहीं हुईं. उनकी दर्जन भर से ज्यादा फिल्में टिकट खिड़की पर नाकाम रही हैं.
Trending Photos
Aamir Khan Flop Films: लाल सिंह चड्ढा देखने वाले कई लोग निराश हुए हैं तो कुछ इसके बायकॉट की मुहिम चला रहे हैं. इससे फिल्म को नुकसान उठाना पड़ रहा है. लाल सिंह चड्ढा जिन सिनेमाघरों में लगी हैं, उनमें से कई खाली पड़े हैं. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब दर्शकों को आमिर की फिल्म पसंद नहीं आई. इससे पहले भी आमिर की कई फिल्मों को दर्शकों ने खारिज किया है और वह बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी हैं. 1988 में कयामत से कयामत जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म से डेब्यू के बाद भी उन्होंने लगातार कई फ्लॉप फिल्में दी हैं.
लव लव लव (1989)
कयामत से कयामत तक की अपार सफलता के बाद आमिर खान और जूही चावला की जोड़ी को एक बार फिर बॉक्स ऑफिस पर भुनाने की कोशिश की गई थी. यह भी एक लव स्टोरी थी, लेकिन दर्शकों पर इसका जादू नहीं चला.
राख (1989)
राख एक क्राइम थ्रिलर थी, जिसमे आमिर खान, सुप्रिया पाठक के अपोजिट नजर आए थे. फिल्म के डायरेक्टर आदित्य भट्टाचार्य थे. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुई.
दौलत की जंग (1992)
आमिर-जूही की एक फिल्म आई, दौलत की जंग. यह हॉलीवुड की क्लासिक मानी जाने वाली मेकेना'स गोल्ड से इंस्पायर थी. लेकिन इस फिल्म को भी दर्शकों ने पसंद नहीं किया और फिल्म फ्लॉप हुई.
इसी का नाम जिंदगी (1992)
इसी का नाम जिंदगी में ब्रिटिश काल के समय में ग्रामीण लोगों का जीवन दिखाया गया. आमिर के साथ फराह और प्राण की मुख्य भूमिकाएं थी. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी.
बाजी (1995)
आमिर खान की ममता कुलकर्णी के साथ आई बाजी सुपर फ्लॉप थी. इस फिल्म को उनके दोस्त आशुतोष गोवारिकर ने निर्देशित किया था. बाद में दोनों ने मिलकर 2001 में फिल्म लगान से इतिहास रचा.
आतंक ही आतंक (1995)
आमिर फिल्म आतंक ही आतंक क्राइम ड्रामा थी. प्रसिद्ध क्लासिक फिल्म गॉड फादर से प्रेरित. आमिर के साथ जूही चावला, रजनीकांत और अर्चना जोगलेकर की मुख्य भूमिकाएं थी. फिल्म नहीं चली.
अकेले हम अकेले तुम (1995)
आमिर खान और मनीषा कोईराला स्टारर इस फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर बुरी गति हुई. कयामत से कयामत तक जैसी हिट फिल्म में आमिर को डायरेक्ट करने वाले मंसूर खान ने ही इसे डायरेक्ट किया था. लेकिन बात नहीं बनी. गाने जरूर थोड़े चले थे.
1947 द अर्थ (1999)
ऑफ बीट फिल्मों की तरफ आमिर का यह पहला प्रयोग था. मगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फेमस निर्देशक दीपा मेहता की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई. 1947 द अर्थ में भारत-पाकिस्तान के विभाजन के समय की कहानी थी. नंदिता दास और राहुल खन्ना की भी अहम भूमिकाएं थी.
मेला (2000)
आमिर खान और ट्विंकल खन्ना की मेला सुपर डुपर फ्लॉप रही. इस फिल्म में आमिर ने पहली बार अपने भाई फैजल खान के साथ स्क्रीन शेयर की थी. धर्मेश दर्शन ने फिल्म को डायरेक्ट किया था.
मंगल पांडेः द राइजिंग (2005)
आमिर की बड़े बजट की मंगल पांडे भी दर्शकों द्वारा नकार दी गई. इस फिल्म में आमिर बिल्कुल अलग गेटअप में नजर आए थे. लंबे बाल और बड़ी-बड़ी मूंछे. आमिर के साथ रानी मुखर्जी और अमीषा पटेल थीं. केतन मेहता निर्देशक थे.
ठग्स ऑफ हिंदुस्तान (2018)
लाल सिंह चड्ढा से पहले आमिर की ठग्स ऑफ हिंदुस्तान बड़ी फ्लॉप थी. उन्होंने पहली बार अमिताभ बच्चन के साथ काम किया था. बड़े बजट और लैविश तरीके से शूट किए जाने के बावजूद फिल्म का बॉक्स ऑफिस पर बुरा हाल हुआ. यशराज बैनर फिल्म का प्रोड्यूसर था.
इन फिल्मों के अलावा आमिर की तुम मेरे हो, दीवाना मुझसा नहीं, जवानी जिंदाबाद, अफसाना प्यार का जैसी फिल्में लगभग भुला दी गई हैं. इन फिल्मों ने भी बॉक्स ऑफिस पर ऐसा कुछ नहीं किया कि निर्माता खुश होते या फिर आमिर खान और उनके फैंस इन्हें याद रख पाएं.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर