CAA Explainer: लोकसभा चुनाव से पहले लागू हो सकता है सीएए, क्या है यह कानून, क्यों हुआ इस पर विवाद?
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CAA Explainer: लोकसभा चुनाव से पहले लागू हो सकता है सीएए, क्या है यह कानून, क्यों हुआ इस पर विवाद?

CAA News: सीएए के लागू होने के संकेत पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिए. उन्होंने 27 दिसंबर को कहा था कि सीएए को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है.

CAA Explainer: लोकसभा चुनाव से पहले लागू हो सकता है सीएए, क्या है यह कानून, क्यों हुआ इस पर विवाद?

CAA News: नए साल में केंद्र सरकार एक और बड़े कदम की तरफ बढ़ रही है. बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार संशोधित नागरिकता कानून (CAA), 2019 को लागू करने के लिए तैयार है. पीटीआई भाषा के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सीएए के नियमों को लोकसभा चुनाव की घोषणा से ‘काफी पहले’ अधिसूचित कर दिया जाएगा. बता दें लोकसभा चुनाव के अप्रैल-मई में होने की संभावना है.

अधिकारी ने कहा, ‘हम जल्द ही सीएए के नियम जारी करने जा रहे हैं. नियम जारी होने के बाद, कानून लागू किया जा सकता है और पात्र लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है.’उन्होंने कहा, ‘नियम तैयार हैं और ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है. पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. आवेदकों को उस वर्ष की घोषणा करनी होगी, जब उन्होंने ट्रेवल डॉक्यमेंट्स के बिना भारत में प्रवेश किया था. आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा.’

गृह मंत्री ने दे दिए संकेत
सीएए के लागू होने के संकेत पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिए. उन्होंने 27 दिसंबर को कहा था कि सीएए को लागू होने से कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है. शाह ने कोलकाता में बीजेपी की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएए लागू करना भाजपा की प्रतिबद्धता है. ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सीएए का विरोध कर रही है.

क्यों लाया गाया सीएए?
भारतीय नागरिकता कानून 1995 में बदलाव के लिए 2016 में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 (CAB)संसद में पेश किया गया था.

संसद ने दिसंबर 2019 में संबंधित विधेयक को मंजूरी दी थी और बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद इसके विरोध में देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए. 

क्या है सीएए कानून ?
सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान की जाएगी.

गरिकता अधिनियम 1955 के तहत 9 राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेट और गृह सचिवों को नागरिकता देने के अधिकार दिए हैं. ये राज्य हैं- गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, यूपी, दिल्ली, महाराष्ट्र.

सीएए का भारतीय नागरिकों पर असर
इस कानून का भारतीय नागरिकों से कोई लेना-देना नहीं है. भारतीयों का नागरिकता का अधिकार संविधान से मिलता है जिससे छीना नहीं जा सकता.

आवेदन के लिए प्रक्रिया ऑनलाइन होगी
आवेदकों को बताना होगा कि वे भारत कब आए. पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज नहीं आने पर भी आवेदन करना होगा. इसके तहत भारत में रहने की अवधि पांच साल से अधिक रखी गई है. अन्य विदेशियों (मुस्लिम) के लिए यह समय अवधि 11 साल से अधिक है.

क्या सीएए से गैरकानूनी रुप से रह रहे विदेशियों को निकाला जाएगा
सीएए गैर कानूनी रूप से रह रहे विदेशियों को निकालने के लिए नहीं लाया गया है. इसके लिए विदेशी अधिनियम 1946 और पासपोर्ट अधिनियम 1920 पहले से लागू हैं. दोनों कानूनों के तहत किसी भी देश या धर्म के विदेशियों का भारत में प्रवेश या निष्कासन किया जाता है.

सीएए का क्यों हुआ विरोध
दरअसल सीएएन को एनआरसी यानी नेशनल सिटीजनशिप रजिस्टर बनने की सीढ़ी के तौर पर देखा गया.  यह आशंका जताई जा रही थी कि विदेशी घुसपैठिया बताकर बड़ी संख्या में लोगों को निकाल बाहर किया जाएगा.

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