Delhi liquor policy case: दिल्ली के शराब नीति में हुए कथित घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल ने फिलहाल ईडी के सामने होने में असमर्थता जताई है.
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Arvind Kejriwal ED Case: दिल्ली की शराब नीति बनाने में हुए कथित घोटाले पर ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजकर आज पूछताछ के लिए तलब किया था. हालांकि सीएम अपनी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए आज एजेंसी के सामने पेश होने पर असमर्थता जताई है. यही नहीं, उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर उसकी कार्रवाई को मनमाना बताया है. अब सवाल उठ रहा है कि अगर सीएम ने एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए तो क्या होगा. ऐसे में ईडी के पास अपने नोटिस का पालन करवाने के लिए क्या विकल्प होंगे. इन सवालों का जवाब ईडी को दिए गए अधिकारों और उसकी ताकत में छिपा है.
आरोपी की कब हो सकती है गिरफ्तारी?
कानूनी जानकारों के मुताबिक ईडी के सक्षम अधिकारी को अगर इस बात की आशंका हो जाए कि कोई व्यक्ति, समूह या कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त है तो वह उसे बिना वारंट जारी किए कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत वह आरोपियों के धन और संपत्ति को भी जब्त कर सकती है. एजेंसी चाहे तो बिना किसी पूछताछ के भी आरोपी की संपत्ति अटैच कर सकती है. ऐसे मामलों में अपनी बेगुनाही साबित करने का जिम्मा आरोपी पर होता है. ईडी (ED) की ओर से गिरफ्तारी होने पर आसानी से जमानत भी नहीं मिलती है.
विस्तृत लेकिन असीमित नहीं हैं अधिकार
लीगल एक्सपर्टों के मुताबिक बाकी एजेंसियों की तुलना में ईडी (ED) को दिए गए अधिकार विस्तृत तो हैं लेकिन असीमित नहीं हैं. उसकी भी अपनी एक लिमिटेशन है. पिछले महीने एक केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को कड़ी फटकार लगाई थी. जस्टिस एएस बोपन्ना की खंडपीठ ने कहा था कि अगर नोटिस के बावजूद कोई आरोपी पेश नहीं हो रहा है तो उसे केवल इस आधार पर अरेस्ट नहीं किया जा सकता है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है.
'जांचकर्ता को होना चाहिए स्पष्ट विश्वास'
इसी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि PMLA की धारा-19 के तहत ईडी के जांच अधिकारी को इस प्रकार का स्पष्ट विश्वास होना चाहिए आरोपी अपराध में शामिल है. तभी वह आरोपी की अरेस्टिंग कर सकती है. अगर ऐसा नहीं होता है तो आरोपी को फिर से नया नोटिस जारी करके पूछताछ में शामिल होने के लिए कहना चाहिए.
हो सकती है अरेस्टिंग बशर्ते...
इन सब प्रावधानों को देखते हुए स्पष्ट लग रहा है कि ईडी के पास सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) को गिरफ्तार करने के अधिकार तो हैं लेकिन वह इस बारे में एकदम से फैसला नहीं लेगी. फिलहाल सीएम ने अपनी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए दिवाली तक पेश होने में असमर्थता जताई है. ऐसे में एजेंसी उन्हें दिवाली के बाद पेश होने के लिए फिर से नोटिस जारी कर सकता है. अगर वे तब भी नहीं आते हैं तो उनकी गिरफ्तारी का रास्ता खुल सकता है.