Israel Iran Conflict: ईरान पर स्ट्राइक करेगा इजरायल? इन पांच तरीकों से ले सकता है बदला!
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Israel Iran Conflict: ईरान पर स्ट्राइक करेगा इजरायल? इन पांच तरीकों से ले सकता है बदला!

Iran Israel War: इजरायल पर ईरान का 300 रॉकेट और मिसाइलें दाग देना दुनिया को चौंका रहा है. इससे पहले ईरान और इजरायल एक दूसरे के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से हमले करते आएं हैं. लेकिन कभी किसी ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली. इजरायल कैसे बदला लेगा? इसे लेकर कई दावे किए जा रहे हैं.

Israel Iran Conflict: ईरान पर स्ट्राइक करेगा इजरायल? इन पांच तरीकों से ले सकता है बदला!

Iran Israel Tension: इजरायल और ईरान के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा. इजरायल, ईरान से हिसाब चुकता करना चाहता है. मुंहतोड़ जवाब देना चाहता है. नेतन्याहू बेताब हैं लेकिन अमेरिका और यूरोप के दबाव ने उनके हाथ बांध रखे हैं. ईरान उकसा रहा है, लेकिन यूएस और पश्चिमी देश उसे रोक रहे हैं. अमेरिका ने इजरायल को सब्र रखने को कहा है. अमेरिका, औद्योगिक देशों के G-7 समूह और यूरोपीय यूनियन ने ऐलान किया है कि वे ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाकर घुटनों के बल ला सकते हैं, बशर्ते इजराइल किसी भी जवाबी हमले से बचेगा. ऐसी अटकलों के बीच इजरायल ने ये ठान लिया है कि चाहे कुछ हो जाए वो हमले का बदला जरूर लेगा.

इजरायल नहीं मानेगा...युद्ध होकर रहेगा?

हाल ही में खत्म हुई नेतन्याहू की वार कैबिनेट बैठक में ये साफ किया गया है कि भले ही सहयोगी देश कुछ कहें, लेकिन इजरायल अपनी रक्षा के लिए जरूरी हर कदम जरूर उठाएगा. इससे ठीक पहले ब्रिटिश विदश मंत्री डेविड कैमरून और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक इजरायल को समझाने तेलअवीव पहुंचे थे.

जर्मनी और ब्रिटेन ने हमले के बाद इजरायल से संयम रखने की अपील की है और चेतावनी दी है कि ईरान के खिलाफ कोई भी कार्रवाई मध्य पूर्व को बड़े युद्ध की तरफ ले जा सकती है. वहीं केमरून ने साफ कहा कि इजरायल के इरादे देख ये साफ है कि वो जल्द हमला करने वाला है.

अमेरिका की बात करे तो राष्ट्रपति बाइडेन ने नेतन्याहू को साफ कहा है कि अगर ईरान पर हमला हुआ तो अमेरिका मदद नहीं करेगा. लेकिन नेतन्याहू के बयान से साफ है कि अमेरिका आए या न आए, लेकिन वो बदला जरूर लेगा.

इजरायल के इरादे इस बात से भी समझे जा सकते हैं कि उसने हाल ही में हेज़बुल्लाह के टारगेट को निशाना बनाया है. जिसमें उसका कमांडर भी मारा गया. इसके जवाब में हेजबुल्लाह ने भी इजरायल बॉर्डर पर बने सैन्य ठिकाने पर हमला किया. दोनों के बीच जंग भी लगातार बढ़ रही है. वहीं इजरायल ने बिगड़ते हालात के बीच युद्ध की तैयारी और कड़ी कर दी है.

इजरायली सेना के मुताबिक आने वाले समय में बड़े हमले से निपटने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम को भी तैयार किया जा रहा है.वहीं इजरायल पर हमले के बाद ईरान की मुश्किलें भी बढ़ रही है क्योंकि यूरोपीय संघ ईरान पर कई बड़े प्रतिबंध लगाने जा रहा है.

यूरोपियन यूनियन का बैन काम आएगा? 

यूरोपीय संघ के पास ईरान के खिलाफ पहले से ही कई प्रतिबंध हैं, जिनमें व्यापार , ट्रैवल और संपत्ति फ्रीज शामिल हैं और अब इसका दायरा बढ़ाने की तैयारी की जा चुकी है. ईरान और इजरायल के इस तनाव के बीच गाज़ा पर इजरायल के अटैक भी लगातार जारी है. और अब मिडिल ईस्ट की ये जंग आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है क्योंकि हमास और इजरायल के बीच शांति बनाने की कोशिश कर रहा कतर भी अब पीछे हटने लगा है. कतर के प्रधानमंत्री ने कहा कि वो इज़राइल और हमास के बीच मध्यस्थ के रूप में अपनी भूमिका पर दोबारा सोच रहा है.

गाजा में पूरे युद्ध के दौरान कतर इजराइल और हमास के बीच एक बड़ा मध्यस्थ रहा है. लेकिन नेतन्याहू ने कई बार पूरे युद्ध के दौरान कतर की आलोचना की है जिसके बाद अब कतर भी अपने हाथ खींचने लगा है. जिसका बड़ा असर ये हो सकता है कि मिडिल ईस्ट की जंग अब आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है.

इन पांच तरीकों से ईरान से बदला लेगा इजरायल

इजरायली फौजों (IDF) के मुताबिक ईरानी हमले में 14 इजरायली सैनिक घायल हुए थे. जिनमें से छह की हालत गंभीर है. हम बदला लेंगे. इजरायल का तर्क है कि उसे अपनी  ताकत की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए हमले का जवाब देना चाहिए. वहीं ईरान के मुताबिक, उसकी ओर से हिसाब बराबर हो गया है लेकिन अगर इजरायल ने कोई हमला किया तो जवाबी कार्रवाई जरूर होगी.

ईरान-इजरायल 1979 तक सहयोगी थे. उसी समय ईरान में इस्लामी क्रांति के बाद, तेहरान में ऐसी सरकार आई जो विचारधारा के स्तर पर इजराइल की जानी दुश्मन थी. 

परमाणु संयंत्र पर एयरस्ट्राइक: इजरायल ईरान के न्यूक्लियर प्लांट को निशाना बना सकता है. इजरायल को ईरान की दुखती रग के बारे में पता है. जैसा कि वो 1981 में इराक व 2007 में सीरिया के परमाणु प्लांट पर हमला कर चुका है. 

सैन्य ठिकानों पर हमला: इजरायल, ईरान की सेना के स्पेशल विंग रिवोल्यूशनरी गार्ड के ठिकानों पर हमला कर सकता है. जैसा कि उसने 2020 में ईरान का ड्रोन बेस बर्बाद करके उसे बड़ी चोट पहुंचाई थी.

मददगारों के हाथ काटना: हमसे तेज इजराइल यमन के हूती, लेबनान के हिजबुल्ला पर कड़ी कार्रवाई सैन्य कर सकता है. वो गाजा में एक बार फिर से बड़ा सैन्य अभियान चला सकता है. साउथ गाजा में हमास के 8 हजार से ज्यादा दरिंदे छिपे हैं.

ईरान को अलग-थलग करना: इजरायल के पास रईस और मजबूत मददगारों की कमी नहीं है. ऐसे में वो दुनिया के नक्शे से ईरान को अलग-थलग करने के लिए बहुत बड़ा अभियान चला सकता है.

साइबर अटैक: सबसे आखिरी लेकिन दिखने में सामान्य और सबसे खतरनाक ऑप्शन की बात करें तो इजरायल, ईरान के सैन्य ठिकानों या बिजली प्लांट्स की सप्लाई प्रभावित कर सकता है. वो ईरान पर लगातार साइबर हमले करके उसके बिजनेस और सप्लाई चेन को नुकसान पहुंचाकर तेहरान की इकोनॉमी को कमजोर कर सकता है.

इजरायल के ऐसे हर वार से ईरान के लोगों को परेशानी होगी. ऐसे में वहां की जनता अपनी सरकार का विरोध कर सकती है.

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