World Cup Trophy controversy in hindi: क्रिकेट वर्ल्ड कप खत्म हो गया. लोग भारतीय टीम के हारने के गम से उबरे भी नहीं थे कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मिशेल मार्श के ट्रॉफी पर पैर रखने से नया विवाद खड़ा हो गया है.
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Mitchell Marsh Trophy controversy in hindi: क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में भारत के जीतने के लिए खूब दुआएं-प्रार्थनाएं हुईं, जो असफल रहीं. वर्ल्ड कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर छठवीं बार खिताब पर कब्जा कर लिया. इसके साथ ही वर्ल्ड कप ट्रॉफी ऑस्ट्रेलिया के खाते में चली गई. इसके साथ ही 140 करोड़ लोगों का दिल भी टूट गया. लगातार 10 मैच जीतने के बाद फाइनल में जाकर हार का मुंह देखना क्रिकेट प्रेमियों को कभी ना भरने वाला जख्म दे गया है. वहीं लोग हार के इस गम से उबरे भी नहीं थे कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज मिशेल मार्श ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर पैर रखकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. जाहिर है जिस देश में क्रिकेट को पूजा जाता हो, वहां ट्रॉफी पर पैर रखने की बात सोचना भी किसी गुनाह की तरह है.
पैरों के नीचे रखी ट्रॉफी
मिशेल मार्श द्वारा वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर पैर रखने की तस्वीर को भारत में जमकर ट्रोल किया जा रहा है. हालांकि इस मामले में कुछ लोगों का ये तर्क भी है कि केवल भारत में और बल्कि हिंदू धर्म में ही किसी महत्वपूर्ण या शुभ चीजों पर पैर लगना या रखना अशुभ माना जाता है. जबकि पश्चिमी देशों में ऐसा नहीं है, वहां हाथ हों या पैर, शरीर के सभी अंगों को एक जैसा दर्जा दिया जाता है. ऐसे में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का ट्रॉफी पर पैर रखना उनके कल्चर का हिस्सा हो सकता है.
शुभ चीजों पर पैर लगना क्यों अशुभ?
भारत में शुभ और महत्वपूर्ण चीजों पर पैर लगना या पैर छू जाना अशुभ माना जाता है. इसके पीछे क्या वजह है इसे लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी से बातचीत की. पंडित त्रिपाठी के अनुसार ऐसा चलन या मान्यता अनंतकाल से चली आ रही है कि किसी भी शुभ या महत्वपूर्ण चीज पर पैर लगना अच्छा नहीं माना जाता है. इसके पीछे कारण की बात करें तो वास्तु शास्त्र में ठोस वजह मिलती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के शरीर में सिर को पॉजिटिव या प्लस माना गया है. इसलिए किसी भी शुभ चीज को माथे से लगाया जाता है, ताकि उसका प्रभाव बढ़े. वहीं पैर जमीने से टिके होते हैं, उनमें धूल-मिट्टी लगती रहती है. इसलिए किसी भी शुभ या महत्वपूर्ण चीज पर पैर लगना हाईजीन के लिहाज से भी गलत है. यदि शुभ चीज या महत्वपूर्ण चीज पैर से छू जाए तो उसे दूषित मान लिया जाता है. ऐसा नहीं है कि पैरों को बहुत निकृष्ट माना गया है. यहां बात भावना की भी है. दुनिया के किसी भी देश में यदि व्यक्ति अपने बच्चे या किसी भी करीबी से मिलता है तो उसे गले ही लगाता है, उस पर पैर नहीं रखता है.
जीती हुई चीज को करते हैं शिरोधार्य
इसके अलावा हिंदू धर्म में और भारतीय सभ्यता में हर महत्वपूर्ण या जीती हुई चीज को शिरोधार्य किया जाता है. इतना ही नहीं दुनिया के जिन भी देशों में राजशाही रही है, वहां राजाओं ने शासक का प्रतीक मुकुट सिर पर ही धारण किया है. हालांकि ऐसे कई प्रमाण हैं कि जब राजा युद्ध में राज्य जीतते थे तो जीत के बाद जीते हुए सिंहासन पर एक पैर रखकर खड़े होते थे. यह इस बात का प्रतीक था कि यह उन्होंने जीत लिया है, अब यह उनका हुआ. वे अब उसके स्वामी हैं. इस नजरिए से देखें तो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने ट्रॉफी पर अपना स्वामित्व दर्शाया है कि इसे उन्होंने खेल में जीतकर हासिल किया है.