Explainer: किसी पार्टी को नहीं मिला बहुमत! किसको बुलाएंगी राष्ट्रपति, समीकरण समझ लीजिए
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Explainer: किसी पार्टी को नहीं मिला बहुमत! किसको बुलाएंगी राष्ट्रपति, समीकरण समझ लीजिए

New Government: सवाल यह है कि अगर राष्ट्रपति बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाती हैं तो ये संवैधानिक तौर पर कितना सही होगा. हालांकि यह बात सही है कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. अब निगाहें राष्ट्रपति पर हैं.

Explainer: किसी पार्टी को नहीं मिला बहुमत! किसको बुलाएंगी राष्ट्रपति, समीकरण समझ लीजिए

Loksabha Chunav Result 2024: लोकसभा चुनाव के परिणामों ने जबरदस्त उलटफेर कर दिया है. ये बात सही है कि एनडीए गठबंधन आगे है लेकिन इंडिया गठबंधन ने एनडीए गठबंधन का धागा खोल दिया है. यहां तक कि बीजेपी इस बार अपने दम पर अकेले बहुमत भी नहीं हासिल कर पा रही है. इस परिणाम के बाद कांग्रेस आत्मविश्वास से लबरेज है तो वहीं अब बीजेपी के टॉप नेताओं की मीटिंग्स भी शुरू हो गई हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का यह मानना है कि अब राष्ट्रपति किसको सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकती हैं.

बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी

असल में यह तो तय हो गया है कि स्पष्ट बहुमत किसी भी पार्टी को नहीं मिला है लेकिन बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. ऐसे में अगर राष्ट्रपति बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करती हैं तो यह संवैधानिक तौर पर सही होगा. ऐसे में बीजेपी अपना बहुमत साबित कर सकती है क्योंकि उसके साथ गठबंधन में शामिल पार्टियां बहुमत के जादुई आंकड़े को पार कर सकती हैं. 

अब निगाहें राष्ट्रपति पर

फिलहाल लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा 272 है और बीजेपी को अकेले इतनी सीटें नहीं मिलती हुई दिखाई दे रही हैं. लेकिन अगर एनडीए बहुमत साथ आ जाए तो यह आंकड़ा 290 तक पहुंच सकता है. उधर इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियां मिलकर भी बहुमत के पास नहीं पहुंच पाई हैं. ऐसे में उम्मीद इसी बात की है राष्ट्रपति बीजेपी को ही बुलाएंगी.

सबसे बड़े गठबंधन को मिलेगा मौका.. नियम भी यही हैं.. 

अगर नियमों की बात करें तो जिस भी गठबंधन को राष्ट्रपति बुलाती हैं या जो भी गठबंधन खुद से सरकार बनाने का दावा पेश करेगा सबसे पहले तो उसे अपना नेता चुनना होगा. इसके बाद राष्ट्रपति के सामने भी उसे अपना बहुमत साबित करना होगा. इसके बाद ही उसे सरकार बनाने की हरी झंडी मिलेगी. अगर गठबंधन 272 का आंकड़ा पार करने में सफल होता है तो सरकार उसी गठबंधन की बनेगी और उस गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री चुना जाएगा. अब देखना होगा कि क्या होगा है.

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