ज‍िस ममता बनर्जी ने टाटा को नाकों चने चबवाये...वो अंबानी पर आख‍िर क्‍यों हैं मेहरबान?
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ज‍िस ममता बनर्जी ने टाटा को नाकों चने चबवाये...वो अंबानी पर आख‍िर क्‍यों हैं मेहरबान?

RIL Plan in West Bengal: मुकेश अंबानी ने सातवें बंगाल वैश्‍व‍िक व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा कि हमारी आने वाले तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की योजना है. यह निवेश टेलीकम्‍युन‍िकेशन, रिटेल और बायो एनर्जी सेक्टर में किया जाएगा.

ज‍िस ममता बनर्जी ने टाटा को नाकों चने चबवाये...वो अंबानी पर आख‍िर क्‍यों हैं मेहरबान?

Mukesh Ambani News: तीन हफ्ते पहले स‍िंगूर जमीन विवाद मामले में टाटा को बड़ी जीत मिली है. इस मामले में ट्र‍िब्‍यूनल की तरफ से पश्‍च‍िम बंगाल सरकार को टाटा ग्रुप को 11 परसेंट ब्‍याज के साथ 766 करोड़ रुपये देने का आदेश द‍िया है. 2006 में शुरू हुए इस व‍िवाद में 2023 में फैसला आया. यह पूरा मामला टाटा ग्रुप की लखटक‍िया कार नैनो से जुड़ा है. 2006 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने सिंगूर में लखटकिया कार नैनो का संयत्र लगाने का ऐलान क‍िया था. लेक‍िन इसका क‍िसानों ने व‍िरोध-प्रदर्शन क‍िया और आख‍िर में टाटा को यह प्‍लांट गुजरात के साणंद में श‍िफ्ट करना पड़ा.

20,000 करोड़ के न‍िवेश का ऐलान

एक द‍िन पहले ही रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी ने पश्‍च‍िम बंगाल में भारी न‍िवेश काने का प्‍लान बनाया है. मुकेश अंबानी ने सातवें बंगाल वैश्‍व‍िक व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा कि हमारी आने वाले तीन साल में 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश की योजना है. यह निवेश टेलीकम्‍युन‍िकेशन, रिटेल और बायो एनर्जी सेक्टर में किया जाएगा. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है क‍ि आज से करीब 16 साल पहले ममता बनर्जी ने टाटा के स‍िंगूर प्‍लांट का भारी व‍िरोध क‍िया. वो दीदी आज मुकेश अंबानी पर इतना मेहरबान क्‍यों हो रही हैं? ममता बनर्जी की एंट्री के बाद ही स‍िंगूर मामला राष्‍ट्रीय मुद्दा बन गया था.

45000 करोड़ का न‍िवेश पहले ही कर चुका र‍िलायंस
मुकेश अंबानी की कंपनी र‍िलायंस पश्‍च‍िम बंगाल में अब तक 45,000 करोड़ रुपये का न‍िवेश कर चुकी है. आगे भी कंपनी न‍िवेश के ल‍िए तैयार है. कोई भी ब‍िजनेस घराना उस जगह ही न‍िवेश करता है, जहां उसके ल‍िए माहौल अनुकूल हो. मुकेश अंबानी और ममता बनर्जी के बीच अच्‍छे संबंध है. इसका असर न‍िवेश पर साफ देखा जा रहा है. टेलीकॉम कंपनी ज‍ियो के जर‍िये 5जी नेटवर्क को राज्‍य के हर कोने तक ले जाने की कोश‍िश है. इससे गांवों को भी जोड़ा जाएगा. अंबानी ने यह भी बताया क‍ि जियो का मजबूत नेटवर्क पश्‍च‍िम बंगाल में नौकरी के साथ एजुकेशन, हेल्‍थ सर्व‍िस और एग्रीकल्‍चर पर फोकस करेगा.

आने वाले समय में र‍िलायंस का पश्‍च‍िम बंगाल में प्‍लान
मुकेश अंबानी ने बताया क‍ि रिलायंस रिटेल अगले दो साल में पश्‍च‍िम बंगाल में 200 नए स्टोर खोलने पर काम कर रही है. फ‍िलहाल रिलायंस के करीब 1,000 स्टोर बंगाल में एक्‍ट‍िव हैं, जो बढ़कर 1,200 के करीब हो जाएंगे. अंबानी के र‍िटेल ब‍िजनेस से करीब 5.5 लाख किराना दुकानदार जुड़े हुए हैं. इससे लोगों को सीधे तौर पर रोजगार म‍िल रहा है? इसके अलावा आने वाले तीन साल में 100 कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र (CBG) लगाने का भी प्‍लान है. इससे 55 लाख टन कृषि अवशिष्ट और जैविक कचरे की खपत के साथ 20 लाख टन कार्बन उत्सर्जन की कटौती में मदद मिलेगी.

क्‍यों मेहरबान हुईं ममता बनर्जी?
पश्‍च‍िम बंगाल में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए, ममता बनर्जी को बड़े ब‍िजनेस घरानों के साथ अच्छे संबंध रखने की जरूरत है. र‍िलायंस इंडस्‍ट्रीज का राज्‍य में न‍िवेश होना पश्‍च‍िम बंगाल के ल‍िए कई मायनों में अहम साब‍ित होगा. इसके जर‍िये दूसरे ब‍िजनेस घराने भी उनके साथ सीधे जुड़ सकेंगे. दूसरा कारण यह क‍ि ममता बनर्जी और मुकेश अंबानी के बीच पहले से ही व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं. दोनों कई बार एक-दूसरे से सार्वजनिक रूप से मुलाकात कर चुके हैं. 2022 में ममता बनर्जी सरकार ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को नई तेल रिफाइनरी और प्राकृतिक गैस संयंत्र लगाने की अनुमति दी थी. र‍िलायंस ज‍ियो के जर‍िये ममता बनर्जी ने आरआईएल को राज्‍य में नेटवर्क बढ़ाने की अनुमति दी. इस न‍िवेश से वेस्‍ट बंगाल में रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ ही राज्य की इकोनॉमी को भी बढ़ावा मिलेगा.

टाटा का स‍िंगूर व‍िवाद
साल 2006 में जब स‍िंगूर व‍िवाद की च‍िंगारी भड़की तो क‍िसानों की तरफ से आरोप लगाया क‍ि टाटा के इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार 'जबरन' भूमि अधिग्रहण कर रही है. इसके बाद यह मामला तूल पकड़ता गया. जुलाई 2006 में इस व‍िरोध प्रदर्शन में टीएमसी सुप्रीमो और फायरब्रैंड नेता ममता बनर्जी (अब पश्‍च‍िम बंगाल की मुख्‍यमंत्री) की एंट्री हो गई. उनकी एंट्री के बाद मामले ने और तूल पकड़ ल‍िया. ममता ने स‍िंगूर में टाटा की फैक्ट्री के पास धान लगा द‍िया और 3 दिसंबर 2006 को वह भूख हड़ताल पर बैठ गईं. किसानों के प्रति सहानुभूति ने इस आंदोलन को बड़ा रूप दे द‍िया. इस दौरान कई बार सिंगूर में हिंसा भी हुई. तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अपील के बाद ममता बनर्जी ने भूख हड़ताल खत्म की.

तत्कालीन मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य ने इस व‍िवाद को शांत करने की तमाम कोश‍िशें की. लेक‍िन डेढ़ साल से भी ज्‍यादा समय तक चले व‍िवाद के बाद 3 सितंबर 2008 को टाटा ग्रुप ने सिंगूर में अपना काम सस्‍पेंड करने का ऐलान कर द‍िया. इसके बाद टाटा ग्रुप की तरफ से अक्टूबर 2008 को पश्‍च‍िम बंगाल से नैनो प्रोजेक्ट गुजरात के साणंद में श‍िफ्ट करने का ऐलान कर द‍िया गया. पश्‍चिम बंगाल की राजनीत‍ि में ममता बनर्जी की बड़ी रणनीत‍िक जीत थी. इसके बाद हुए चुनाव में 30 साल से ज्यादा पुरानी वामपंथी सरकार का सूपड़ा साफ हो गया और ममता बनर्जी की अगुआई में टीएमसी ने सरकार बनाई.

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