Impeachment Of Mohamed Muizzu: भारत से पंगा और चीन से दोस्ती का असर लगातार मालदीव पर पड़ रहा है. मोइज्जू की तानाशाही कैसे मालदीव को लगातार बर्बाद कर रही है. मालदीव के टूरिज्म पर इसका असर पड़ रहा है. भारत विरोध की वजह से मालदीव का पर्यटन लगातार बर्बाद हो रहा है.
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India Maldives Relations: भारत से पंगा लेने का अंजाम क्या होता है? आज ये कोई मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू (Mohamed Muizzu) से पूछे. भारत के खिलाफ बोलने का अंजाम क्या होता है? आज ये कोई मोइज्जू से पूछे. चीन से दोस्ती का अंजाम क्या होता है? आज ये कोई मोइज्जू से पूछे. मोइज्जू जब से चीन से लौटे तो उनका रवैया भी चीन की तरह तानाशाह वाला हो गया है. अंजाम ये कि अब उनकी कुर्सी खतरे में है. बताया जा रहा है कि मोइज्जू को राष्ट्रपति का पद कभी भी छोड़ना पड़ सकता है. आइए जानते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है?
कैसे भारत का विरोध मोइज्जू को डुबा देगा?
भारत के खिलाफ बोलने के बाद मालदीव के तानाशाह राष्ट्रपति मोइज्जू घर-बाहर दोनों जगह घिर चुके हैं. उन्होंने ऐसा अंजाम कभी सोचा भी नहीं होगा. चीन से दोस्ती का अंजाम ऐसा होगा. मालदीव ने कभी सोचा नहीं होगा. मालदीव की संसद में खूब जूतम पैजार हुई. आखिर मालदीव के संसद में ऐसा क्यों हुआ? कैसे हुआ? ये बड़ा सवाल है. इसकी वजह से मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू की कुर्सी अब खतरे में आ गई है.
कैसे चीन से दोस्ती मोइज्जू को पड़ी महंगी?
अब मोइज्जू की दिन लदने वाले हैं. अब मोइज्जू की तानाशाही नहीं चलेगी. मालदीव में मोइज्जू का विरोध खुलकर सामने आ चुका है. सत्ता में आने के बाद से ही भारत विरोधी रुख अपनाने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू अब खुद ही बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं. विपक्षी पार्टियां अब किसी भी हाल में मोइज्जू को राष्ट्रपति के पद पर देखना नहीं चाहती हैं. मालदीव में विपक्ष एक सुर में कह दिया है कि मोइज्जू को अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
मालदीव में तख्ता पलट की तैयारी
मालदीप की मुख्य विपक्षी पार्टी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी मोइज्जू की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी कर चुकी है. MDP ने मोइज्जू सरकार के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने के खातिर पर्याप्त सांसदों के हस्ताक्षर भी करवा लिए हैं. मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ उसकी सहयोगी पार्टी भी मोइज्जू की खिलाफ महाभियोग के लिए पूरी तरह तैयार है. भारत का विरोध और चीन से दोस्ती अब मोइज्जू के लिए इतनी महंगी पड़ने वाली है.
मालदीव की संसद में जूतम-पैजार
मोइज्जू की हरकतों की वजह से मालदीव का संसद तार-तार हो गया. सत्ताधारी दल और विपक्ष एक-दूसरे पर ऐसे हावी हुए कि एक-दूसरे से मारपीट पर उतर आए. मोइज्जू की पार्टी के नेताओं पर चीनी राष्ट्रपति के तानाशाही का ऐसा असर हुआ है कि संसद के भीतर ही जूतम-पैजार कर डाला. दरअसल, मालदीव की संसद में मोइज्जू मंत्रिमंडल के लिए वोटिंग होनी थी. लेकिन विपक्षी दल एमडीपी ने साफ कह दिया कि वो चार मंत्रियों की मंजूरी रोक देगी. इसके विरोध में मालदीव में सत्ताधारी दल विरोध में उतर गया. सत्ताधारी गठबंधन PPM और PNC के सांसद सदन में भिड़ गए. वो नहीं चाहते कि वोटिंग हो क्योंकि सदन में वो अल्पसंख्यक हैं.
कैसे बर्बाद हो रहा मालदीव?
मोइज्जू के रहने से मालदीव कैसे बर्बाद हो रहा है. उसकी झलक दिख रहा है. मोइज्जू की तानाशाही तभी सामने आ गई थी जब उन्होंने भारत के खिलाफ बयानबाजी शुरू की थी. मोइज्जू की तानाशाही तभी सामने आ गई थी जब वो चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की गोद में जा बैठे थे. मालदीव की संसद में मारपीट करके मोइज्जू ने ये भी साबित कर दिया है कि तानाशाह देश से दोस्ती का असर क्या होता है. अब मोइज्जू की हालत ये है कि न घर के रहे न घाट के. कभी भी उनकी कुर्सी जा सकती है.
चीन की दोस्ती से मोइज्जू का बुरा अंजाम!
मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू को इससे भी कुछ सीख लेनी चाहिए कि चीन की मंशा क्या है. चीन से दोस्ती करके मोइज्जू ने मालदीव को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया है. जाहिर है विपक्ष को इस बात का अंदाजा है कि भारत से दुश्मनी और चीन से दोस्ती मालदीव का भविष्य कैसे खराब कर देगा. जिसका असर अभी से दिखने लगा है.
मालदीव को हटाने की तैयारी पूरी
आपको बता दें कि मालदीव की संसद ने राष्ट्रपति मोइज्जू के मंत्रिमंडल के 19 मंत्रियों को मंजूरी दे दी है. जबकि एजी अहमद उशम, इस्लामिक मामलों के मंत्री मोहम्मद शहीम अली सईद और आवास मंत्री अली हैदर को खारिज कर दिया है. अब आप ये समझिए की महाभियोग के बाद मोइज्जू का जाना तय कैसे माना जा रहा है. नम्बर गेम क्या है?
मालदीव की संसद में 80 सीटें हैं. जिनमें से भारत समर्थक मुख्य विपक्षी पार्टी MDP के पास 43 सीटें हैं. जबकि सरकारी PPM/PNC के पास 19 सीटें हैं. जबकि सदन में सहयोगी डेमोक्रेटिक पार्टी के पास 19 सीटे हैं. अब तक 53 सदस्यों ने मोइज्जू पर महाभियोग चलाने का समर्थन कर दिया है. मोइज्जू पर महाभियोग चलाने के लिए 2 तिहाई सांसदों के सपोर्ट की जरूर है. 2 तिहाई का मतलब 53 सदस्य. आंकड़ों पर गौर करें तो 80 में से 53 सदस्यों ने अगर सदन में वोटिंग कर दी तो मोइज्जू की कुर्सी चली जाएगी.