डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट करना पहले के मुकाबले आसान और सुविधाजनक हुआ है. म्यूचुअल फंड के जरिये स्मॉल-कैप और लार्ज कैप फंड में निवेश करने का विकल्प रहता है.
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What is Small Cap Fund: पिछले कुछ सालों से म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. निवेश में यह इजाफा एसआईपी (SIP) और डिजिटल प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता के कारण हो रहा है. एसआईपी (SIP) के जरिये निवेश करने पर आपको यह सुविधा मिलती है कि आप एक निश्चित राशि से नियमित निवेश कर सकते हैं. इससे आप अपनी भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखकर धीरे-धीरे बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं. डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये म्यूचुअल फंड में इनवेस्ट करना पहले के मुकाबले आसान और सुविधाजनक हुआ है. म्यूचुअल फंड के जरिये स्मॉल-कैप और लार्ज कैप फंड में निवेश करने का विकल्प रहता है.
10 करोड़ से ज्यादा निवेशकों की संख्या
साल 2023 में ही म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या 10 करोड़ से ज्यादा हो गई है. यह संख्या 2022 में 7.5 करोड़ थी. एसआईपी के जरिये होने वाले कुल निवेश की बात करें तो यह तेजी से बढ़ा है. 2023 में एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में 12 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया था. इससे पहले 2022 में 8 लाख करोड़ रुपये थी. पिछले चार साल की बात करें तो स्मॉल-कैप फंड एवरेज 54 प्रतिशत का बंपर रिटर्न देने में कामयाब हुए हैं.
3035 करोड़ की निकासी
साल 2023 में निफ्टी स्मॉल-कैप 250 इंडेक्स का रिटर्न औसतन 49 प्रतिशत रहा है. जबकि स्मॉल कैप फंड्स का औसतन रिटर्न 41 प्रतिशत रहा. चालू वित्त वर्ष की ही बात करें तो स्मॉल कैप फंड में 37 हजार करोड़ का निवेश हुआ है. इसके उलट वित्त वर्ष 2020-21 में इन फंड से 3035 करोड़ की निकासी हुई. आइए जानते हैं स्मॉल-कैप फंड के बारे में विस्तार से-
स्मॉल कैप फंड क्या हैं?
स्मॉल कैप फंड म्यूचुअल फंड की एक ऐसी कैटेगरी है जो उन कंपनियों के शेयरों में निवेश करती है, जिनका मार्केट कैप कम होता है. मार्केट कैपिटलाइजेशन किसी कंपनी के सभी शेयरों के कुल मूल्य को दिखाता है. स्मॉल कैप फंड में आमतौर पर 250 करोड़ रुपये से 5,000 करोड़ रुपये तक के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनियों के शेयर शामिल होते हैं.
स्मॉल कैप फंड के फायदे
स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश से बड़ी कंपनियों की तुलना में तेजी से बढ़ने की क्षमता होती है. यही कारण है कि स्मॉल कैप फंड कंपनियों में निवेश से हाई रिटर्न मिलने की संभावना ज्यादा रहती है. दूसरा इसका फायदा यह है कि स्मॉल कैप कंपनियां बड़ी कंपनियों की तुलना में कम प्रतिस्पर्धी होती हैं. इसलिए, इन कंपनियों के कामयाब होने की संभावना भी ज्यादा रहती है.
स्मॉल कैप फंड के नुकसान
स्मॉल कैप कंपनियां बड़ी कंपनियों की तुलना में ज्यादा जोखिम वाली होती हैं. इसलिए, स्मॉल कैप फंड में निवेश करते समय निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए. इस तरह के फंड बड़ी कंपनियों की तुलना में ज्यादा अस्थिर होते हैं. इसका मतलब है कि इन फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) बाजार की उतार-चढ़ाव के साथ तेजी से बढ़ती या घटती है.