Leukemia Cancer Symptoms: साल 2004 में बॉलीवुड के मशहूर निर्देशक अनुराग बसु को ब्लड कैंसर हो गया था, लेकिन वे इससे हारे नहीं और पूरे 3 साल तक केमोथैरपी कर वापस लौटे.
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Leukemia Cancer Symptoms: किसी ने क्या खूब कहा है कि 'जीतना है तो जिद करो' यही जिद की फिल्ममेकर अनुराग बसु ने की और एक मिसाल पेश कर डाली. उन्होंने एक ऐसी गंभीर बीमारी से जंग जीत ली, जिसमें इंसान का बचना बेहद मुश्किल होता है. दरअसल, साल 2004 में फिल्ममेकर अनुराग बसु (Anurag Basu ) को ब्लड कैंसर हो गया था. अनुराग ने उन मुश्किल दिनों में हार नहीं मानी और वे जी जान से कैंसर के खिलाफ लड़े.
2004 में अनुराग बसु को पता चला कि वो ल्यूकेमिया नाम के कैंसर से पीड़ित हैं. उस वक्त वो फिल्म 'तुमसा नहीं देखा' का निर्देशन कर रहे थे. बाद में ये फिल्म महेश भट्ट और मोहित सूरी ने पूरी की. तीन साल के इलाज के बाद अनुराग इस बीमारी से जीत पाए और उन्हें अमेरिकन कैंसर सोसायटी द्वारा कैंसर सरवाईवर का अवार्ड भी दिया गया.
17 दिनों तक वेंटीलेटर पर रहे थे
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉक्टरों के मुताबिक अनुराग बसु के पास केवल 2-3 महीनों का वक्त था और कैंसर के इलाज के दौरान अनुराग बसु करीब 17 दिनों तक वेंटीलेटर पर रहे थे. करीब 3 साल चले इस इलाज के दौरान अनुराग बसु ने ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ और ‘गैंगस्टर’ जैसी फ़िल्में भी लिख डालीं और ठीक होने के बाद इन फिल्मों के साथ और भी कई हिट फ़िल्में बनाई. आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस ल्यूकेमिया नाम के कैंसर को अनुराग बसु ने मात दी वो बेहद खतरनाक होता है...
क्या है ल्यूकेमिया कैंसर (What is leukemia cancer)
मायो क्लीनिक के अनुसार, शरीर में खून का होना उतना ही जरूरी है, जितना कि जीने के लिए सांस लेना होता है. अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इन्ही में से एक है ल्यूकेमिया बीमारी. यह श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार का कैंसर होता. इसके चलते शरीर में गैर सेहतमंद कोशिकाएं बढ़ती हैं, जिससे इम्यून पावर कम होता जाता है. लिहाजा इंफेक्शन और बुखार जल्द हो जाता है. कीमोथैरेपी के बाद भी इस बीमारी के वापस आने की संभावना होती है. यही वजह है कि इस बीमारी के वापस आने की संभावना को कम करने के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट कराया जाता है.
ल्यूकेमिया के सामान्य लक्षण (Common symptoms of leukemia)
किस वजह से होता है ल्यूकेमिया (cause of leukemia)
आखिर ये बीमारी किस वजह से होती है? इस सवाल के सटीक जवाब की खोज अब भी जारी है, क्योंकि वैज्ञानिक ल्यूकेमिया के सटीक कारणों को नहीं समझ पाए हैं. हालांकि कहा जाता है कि यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से विकसित होता है. यदि कोई व्यक्ति गैसोलीन में पाए जाने वाले बेंजीन जैसे कुछ रसायनों के संपर्क में आता है तो वह ल्यूकेमिया से पीड़ित हो सकता है. इसी तरह, धूम्रपान करने वालों में ल्यूकेमिया होने की संभावना अधिक होती है.
ल्यूकेमिया के प्रकार (types of leukemia)
मायो क्लीनिक के अनुसार, जब सफेद रक्त कोशिकाओं के डीएनए को क्षति पहुंचती है, तो ल्यूकेमिया बीमारी विकसित होती है. इस कैंसर की कोशिकाएं अस्थि मज्जा में बढ़ती हैं और अस्थि मज्जा में रहकर ही स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को सामान्य रूप से बढ़ने और कार्य करने से रोकती हैं. अगर समय पर इसका इलाज न किया गया तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है.
खून के कैंसर (ल्यूकेमिया) का इलाज (treatment of Cancer of the blood leukemia)
खून के कैंसर (ल्यूकेमिया) का इलाज उसके प्रकार और जोखिम समूह पर निर्भर करता है. इसका सबसे आम इलाज कीमोथेरेपी है. इस उपचार में कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए केमिकल्स का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा रोगी को इम्यूनोथेरेपी दी जाती है. साथ ही हेमेटोपोएटिक कोशिकाओं का ट्रांस्पलांट (इसे बोन मैरो ट्रांस्पलांट या स्टेम सेल ट्रांस्पलांट के रूप में भी जाना जाता है) होता है.
ल्यूकेमिया को से बचने के उपाय (ways to avoid leukemia)
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नही है. यह सिर्फ आपको शिक्षित करने के लिए दी गई है.
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