15 मिनट ये योगासन करने से गुस्सा आना हो जाएगा बंद, दिमाग रहेगा एकदम शांत
Advertisement

15 मिनट ये योगासन करने से गुस्सा आना हो जाएगा बंद, दिमाग रहेगा एकदम शांत

गुस्सा करने की आदत आपके मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत रिश्तों के लिए हानिकारक है. इसलिए ये योगासन रोजाना 15 मिनट करके आप दिमाग शांत रख सकते हैं.

सांकेतिक तस्वीर (Source: pixabay)

कुछ लोगों को गुस्सा बहुत ज्यादा आता है. यह उनके आसपास मौजूद लोगों के साथ खुद उनके लिए भी नुकसानदायक हो सकता है. अत्यधिक गुस्सा करने के कारण आपको मानसिक अशांति प्राप्त होती है. मगर यहां बताए गए योगासनों को रोजाना 15 मिनट करने से आपका दिमाग बिल्कुल शांत बनेगा और आप गुस्सा करना बंद कर देंगे. आप बेहतर तरीके से सोच-समझ पाएंगे कि आपके लिए सही क्या है और गलत क्या है?

ये भी पढ़ें: वर्कआउट के बाद जरूर करने चाहिए ये 2 योगासन, वरना शरीर में रह जाती है ऐसी कमी

गुस्सा करने की आदत दूर करने के लिए योगासन (Yogasana to Calm Anger)
पतंजलि योग पीठ के मुताबिक, योगासन के लाभ प्राप्त करने के लिए कम से कम 15 मिनट तक योगा का अभ्यास करना चाहिए. इस अवधि में हमारे शरीर को फायदे मिलना शुरू हो जाते हैं और इतना समय भागदौड़ भरी जिंदगी से निकालना मुश्किल भी नहीं है. आइए, गुस्सा शांत करने वाले योगासनों के बारे में जानते हैं.

अनुलोम-विलोम प्राणायाम
अनुलोम-विलोम प्राणायाम दिमाग और शरीर को शांत करने का बेहतर तरीका है. इसे करने के लिए आप जमीन पर कमर और सीना सीधा करके बैठ जाएं. अब एक हाथ को घुटने पर टिका लें और दूसरे हाथ की एक उंगली से बायीं नासिका को बंद करके दायीं नासिका से आराम और सरलता से सांस अंदर खींचें. अब अंगूठे से दायीं नासिका बंद करें और बायीं नासिका से उंगली हटाकर सांस आराम से छोड़ें. फिर इसी बायीं नासिका से सांस खींचें और इसे बंद करके दायीं नासिका से छोड़ें.

ये भी पढ़ें: पेट की चर्बी घटाने के लिए बिस्तर पर ही करें ये बेहतरीन एक्सरसाइज, जानें कैसे

गणेश मुद्रा
गणेश मुद्रा आत्मविश्वास बढ़ाने और दिमाग शांत करने में मदद करती है. आप गणेश मुद्रा को करने के लिए कमर सीधी करके बैठ जाएं और कंधों को ढीला छोड़ दें. इसके बाद अपनी बायीं हथेली को दिल के सामने लेकर आएं. हथेली शरीर के बाहर की तरफ रखें. अब दायीं हथेली को भी उठाकर बायीं हथेली के पास लेकर आएं और हथेली को शरीर की तरफ रखें. अब दोनों हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे में फंसा लें और इसी स्थिति में धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

Trending news