बच्चों के लिए दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन को मिली मंजूरी, तीसरी लहर की आशंका के बीच जानिए क्यों है बेहद अहम?
Advertisement
trendingNow1896330

बच्चों के लिए दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन को मिली मंजूरी, तीसरी लहर की आशंका के बीच जानिए क्यों है बेहद अहम?

फाइजर की बच्चों को लगाई जाने वाली वैक्सीन के ट्रायल जनवरी से मार्च के बीच हुए थे. बच्चों पर इस वैक्सीन के 100 फीसदी प्रभावी होने का दावा किया जा रहा है.

फाइल फोटो.

नई दिल्लीः कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. ये भी कहा जा रहा है कि तीसरी लहर दूसरी से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है. इस बीच बच्चों के लिए दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है. यह मंजूरी दी है कनाडा के स्वास्थ्य विभाग ने. 

इस कंपनी की वैक्सीन को मिली मंजूरी
कनाडा के ड्रग रेगुलेटर ने फाइजर कंपनी की वैक्सीन को 12-15 साल के बच्चों को लगाने की मंजूरी दे दी है. ऐसा करने वाला कनाडा दुनिया का पहला देश बन गया है. कनाडा के अलावा अमेरिका में भी फाइजर-बायोटएनटेक की कोरोना वैक्सीन को 12-15 साल के बच्चों पर  लगाने की इजाजत जल्द मिल सकती है. बच्चों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी मिलने के बाद कनाडा में बच्चे सामान्य जीवन की तरफ लौट सकेंगे. 

100 फीसदी प्रभावी होने का दावा
फाइजर की बच्चों को लगाई जाने वाली वैक्सीन के ट्रायल जनवरी से मार्च के बीच हुए थे. बच्चों पर इस वैक्सीन के 100 फीसदी प्रभावी होने का दावा किया जा रहा है. फाइजर के अलावा फार्मा कंपनी मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन भी बच्चों की वैक्सीन का ट्रायल कर रही हैं. वहीं भारत में कोवैक्सीन के बच्चों पर ट्रायल होने हैं लेकिन अभी तक यह शुरू नहीं हो पाए हैं. 

जानिए क्यों है ये बेहद अहम
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के भी संक्रमण की चपेट में आने की आशंका जाहिर की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि अगर तीसरी लहर में बच्चे संक्रमण का शिकार होते हैं तो सरकार के पास क्या प्लान है? बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने भी कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने का दावा कर सनसनी फैला दी है. हालांकि उन्होंने अपने दावे के पक्ष में कोई वैज्ञानिक आधार पेश नहीं किया है. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोगों में काफी डर है. यही वजह है कि बच्चों की वैक्सीन को मंजूरी मिलना बेहद अहम खबर है. 

इसके अलावा कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण ही सबसे प्रभावी हथियार है. ऐसे में व्यस्कों और बुजुर्गों के बाद में अब बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलना सुखद है. हालांकि भारत में बच्चों पर ट्रायल कब तक हो पाएंगे, अभी इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. 

 

Trending news