डेंगू होने के कारण और उससे बचने के उपाय
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डेंगू होने के कारण और उससे बचने के उपाय

एडीज मच्छर के काटने पर होने बीमारी डेंगू महामारी की तरह फैलता है। जो पहले तो सामान्य बुखार की तरह ही लगता है मगर इसका प्रभाव शरीर पर बहुत खरतरनाक से होता है। अगर इसका इलाज सही तरह से नहीं किया गया तो मौत भी हो सकती है। डेंगू मलेरिया की तरह मच्छर के काटने से होता है। डेंगू का वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू का बुखार ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते तक रहता है। इस रोग का पनपना जून के महीने से शुरू होता है और मॉनसून के महीने में अपना चरम प्रकोप दिखाना शुरू करता है।

डेंगू होने के कारण और उससे बचने के उपाय

नई दिल्ली: एडीज मच्छर के काटने पर होने बीमारी डेंगू महामारी की तरह फैलता है। जो पहले तो सामान्य बुखार की तरह ही लगता है मगर इसका प्रभाव शरीर पर बहुत खरतरनाक से होता है। अगर इसका इलाज सही तरह से नहीं किया गया तो मौत भी हो सकती है। डेंगू मलेरिया की तरह मच्छर के काटने से होता है। डेंगू का वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू का बुखार ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते तक रहता है। इस रोग का पनपना जून के महीने से शुरू होता है और मॉनसून के महीने में अपना चरम प्रकोप दिखाना शुरू करता है।

जो लोग शारीरिक रूप से संवेदनशील होते हैं या उनकी प्रतिरक्षा क्षमता कमजोर होती है, उनमें डेंगू रोग होने की संभावना ज्यादा होती है। एडीज मच्छर के काटने से जो वायरस फैलता है  वह शरीर को तभी प्रभावित करता है जब शरीर उससे लड़ने में असक्षम होता है। इस रोग से बच्चे से लेकर वयस्क सभी प्रभावित होते हैं विशेषकर बच्चे संवेदनशील होने के कारण ज़्यादा प्रभावित होते हैं। डेंगू के एडीज मच्छर दिन में काटते हैं, इसलिए दिन के समय भी मच्छर से खुद को बचाना जरूरी होता है।

डेंगू रोग होने के कारण और बचने के उपाय:-
डेंगू के ज्वर के लक्षण प्रथम चरण में सामान्य ज्वर के तरह ही लगते हैं। इसलिए पहले के चरण में इसका पता लगाना मुश्किल होता है। प्रथम चरण में डेंगू के लक्षण इस प्रकार के होते हैं- बुखार का टेम्परेचर चढ़ जाता है। बुखार आने के वक्त ठंड लगने लगता है। सर में बहुत दर्द होना। मांसपेशियों या जोड़ों में बहुत दर्द होना। ग्लैंड में दर्द या सूजन होना। उल्टी होना। भूख न लगना। ब्लडप्रेशर कम हो जाना। चक्कर आना। शरीर में रैशज का होना। खुजली होना। कमजोरी होना। यह तो डेंगू के प्रथम अवस्था के लक्षण हैं जो साधारणतः रोगी के शरीर के मुताबिक होता है। लेकिन जब डेंगू के रोग की स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है तब शरीर में कुछ और समस्याएं नजर आने लगती है, जैसे- पेट में तेज दर्द होना। पेशीशूल। लीवर में फ्लूइड का जमा होना। सीने में फ्लूइड का जमा होना। खून में प्लेटलेट्स का कम होना। रक्तस्रावआदि।

जैसा कि सभी जानते हैं कि यह रोग बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा फैलता है। यह रोग मच्छर के काटने से होता है इसलिए मच्छर को पनपने से रोकना ही सबसे महत्वपूर्ण उपाय होता है। अपने घर को साफ-सुथरा रखना चाहिए और कहीं भी जल को जमने नहीं देना चाहिए। चाहे वह कूलर का पानी हो या फूल के गमले का या बाल्टी का पानी हो, पानी को खाली करते रहना और साफ रखना चाहिए। घर के आस-पास के जगह को साफ-सुथरा रखना जरूरी होता है। डेंगू का बुखार से पीड़ित रोगी को जिस मच्छर ने काटा है उस मच्छर के काटने से डेंगू का वायरस फैलता है। इसलिए डेंगू से बचने का सबसे सरल और एकमात्र उपाय है मच्छर के काटने से बचना। इस रोग की सबसे बूरी बात यह है कि इसका कोई सटिक दवा, टीका या इलाज नहीं होता है। मॉस्कीटो रिपेलेंट के प्रयोग से भी कुछ हद तक मच्छरों से बचा जा सकता है।

डेंगू से ग्रसित होने पर ये खाएं
पपीता का पत्ता:- यह डेंगू के रोगी के लिए महा औषधि का काम करता है। पपीते के पत्ते से इलाज करने के लिए पपीता का दो पत्ता लें और उनको पीसकर रस निकाल लें। लेकिन यह रस बहुत कड़वा होता है। इसके कड़वेपन को कम करने के लिए संतरे का जूस मिलायें या एक कटोरी में पपीते के पत्ते के रस को लेकर उसमें स्वाद के अनुसार शहद डाल दें इससे पत्ते का कड़वापन कुछ हद तक कम हो जाता है। दिन में एक बार इस रस को पिलाने से खून में बिंबाणु की संख्या बढ़ती है जो डेंगू के रोगी को ठीक होने में मदद करता है। इस समय कच्चा या पका पपीता दोनों रोगी को रोज खिला सकते हैं।

संतरे का जूस:- संतरा डेंगू के रोगी के लिए सबसे अच्छा खाद्द स्रोत होता है क्योंकि इसमें ऊर्जा और विटामिन भरपूर मात्रा में होता है जो रोगी के हजम शक्ति को उन्नत करने के साथ-साथ एन्टीबॉडी को कार्यकारी बनाने में मदद करता है।

लपसी या दलिया:- डेंगू जैसे खतरनाक रोग से लड़ने में यह बहुत मदद करता है क्योंकि इसको रोगी को निगलने में आसानी होती है और यह स्वास्थ्यप्रद भी होता है।  आप दलिया सलाद भी बना कर खिला सकते हैं।

काढ़ा या हर्बल टी:- अदरक डालकर बनाया हुआ काढ़ा ज्वर को कम करने में बहुत मदद करता है और इसके सेवन से रोगी को आराम भी मिलता है।

नारियल का पानी:- ज्वर के कारण शरीर में जो जल की कमी होती है उसको पूर्ण करने में नारियल का पानी बहुत मदद करता है। साथ ही यह शरीर में मिनरल के कमी को भी पूर्ण करता है।

शोरबा:- गाजर, खीरा या सब्ज़ियों का बना शोरबा पौष्टिकता से भरपूर होता है जिससे डेंगू आक्रांत रोगी को ठीक होने में बहुत मदद मिलता है।

नींबू का रस:- नींबू का रस डेंगू के रोगी के लिए बहुत उपकारी होता है क्योंकि इसके सेवन से मूत्र के द्वारा शरीर से वायरस निकलने लगते हैं। इससे रोगी को रोग से जल्दी मुक्ति मिलती है।

इसके अलावा प्रोटीनयुक्त आहार भी ज़रूरी होता है लेकिन वह संतुलित मात्रा में होना चाहिए, जैसे-दूध, दूध से बने खाद्द, मांस, मछली, अंडा आदि।

डेंगू के रोगी के लिए इन आहारों के साथ सही तरह से देखभाल की भी ज़रूरत होती है जो उनको इस खतरनाक बीमारी से जल्दी ठीक होने में बहुत मदद करता है।

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