इंडियंस के लिए डाइटरी गाइडलाइंस जारी, इस इंस्टीट्यूट ने बताया शुगर और प्रोटीन कितना लें
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इंडियंस के लिए डाइटरी गाइडलाइंस जारी, इस इंस्टीट्यूट ने बताया शुगर और प्रोटीन कितना लें

What To Eat: हमें अपनी डेली फूड हैबिट्स का टाइम टू टाइम चेक करना चाहिए, कि हम जो चीजें खा रहे हैं और जिस तरह के बर्तन में पका रहे हैं, वो कितना सेफ है.

इंडियंस के लिए डाइटरी गाइडलाइंस जारी, इस इंस्टीट्यूट ने बताया शुगर और प्रोटीन कितना लें

Dietary Guidelines for Indians: पिछले कुछ दशकों में भारतीयों की लाइफस्टाइल और फूड हैबिट्स में काफी चेंजेज आया है, जिसका असर उनकी हेल्थ पर पड़ रहा है, कई ऐसी गंभीर बीमारी कम उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है, जो पहले इतना ज्यादा सुनने को नहीं मिलती थी. हैदराबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नयूट्रीशन (National Institute of Nutrition, Hyderabad) या एनआईएन (NIN) ने भारतीयों के लिए रिवाइज्ड डाइटरी गाइडलाइंस जारी की है.

भारतीयों को क्या खाना चाहिए?

आईसीएमआर (ICMR) के डायरेक्टर जनरल डॉ. राजीव बहल (Dr. Rajiv Bahl) ने बुधवार 8 मई 2024 को ये गाइडलाइन डारी की इसमें अहम सहाल ये दी गई कि कुकिंग ऑयल का यूज घटाना और एसेंशिय फैटी एसिड को नट्स, ऑयल सीड्स और सीफूड्स के जरिए हासिल करना है.  एनआईएन ने एयर फ्राइंग और ग्रेनाइट कोटेड कुकवेयर को भी अच्छा बताया, साथ संस्था ने पहली बार पैक्ड फूड के लेबल को इंटरप्रेट करने के लिए गाइडलाइन जारी की है. इसके अलावा अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड को लेकर भी दिशानिर्देश जारी किए गए है. 

प्रोटीन सप्लिमेंट्स से करें परहेज

एनआईएन के मुताबिक, "रिस्क की वजह से प्रोटीन सप्लिमेंट्स को भी अवॉइड करने को कहा गया है. प्रोटीन पाउडर में अंडे, दूध के साथ सोयाबीन, मटर और राइस भी मिलाए जाते हैं. इन पाउडर्स में एडेड शुगर, नॉन कैलोरिक स्वीटनर, एडिटिव्स और आर्टिफिशियल फ्लेवर होते हैं, इसलिए इसका सेवन नियमित तौर से नहीं किया जा सकता है."
 

शुगर और प्रोटीन की मात्रा कितनी हो?

एनआईएन की मानें तो भारतीय को रोजाना 20 से 25 ग्राम तक ही चीनीं खानी चाहिए (एक चम्मच चीनी तकरीबन 5.7 ग्राम होता है). इससे ज्यादा शुगर सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, वहीं अगर प्रोटीन की बात करें तो प्रति किलोग्राम बॉडी वेट के हिसाब से 1.6 ग्राम से ज्यादा इस न्यूट्रीएंट का सेवन कोई खास फायदा नहीं पहुंचाता.

किस तरह के बर्तन में खाना पकाएं?

मिट्टी के बर्तन में भोजन पकाना सबसे सेफ तरीका है, ये न सिर्फ ईको फ्रेंडली होते हैं, बल्कि इसमें तेल की खपत भी कम होती है और साथ ही न्यूट्रीशन भी प्रिजर्व किया जा सकता है. एसिडिक फूड को तांबा, लोहा और एल्यूमीनियम के बर्तन में नहीं पकाना चाहिए. स्टेनलेस स्टील के बर्तन आमतौर पर सुरक्षित माने जाते हैं. नॉन स्टिक कुकवेयर में 170 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा टेम्प्रेचर पर खाना नहीं पकाना चाहिए, क्योंकि इससे कोटिंग डैमेज हो सकती है और भोजन में मिक्स होने का खतरा रहता है. ग्रेनाइट स्टोन के बर्तन सेफ माने जाते हैं, बशर्ते इस पर टेफलॉन कोटिंग न हो.

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