सिंघाड़ा शरीर को ऊर्जा देता है, इसलिए इसे व्रत के खाने में शामिल किया जाता है. इसमें आयोडीन भी पाया जाता है, जो गले संबंधी रोगों से रक्षा करता है.
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नई दिल्ली: सर्दियों में सिंघाड़ा खूब मिलता है. इसे कच्चा, उबाल कर या फिर हलवा बनाकर भी खाया जाता है. सिंघाड़ा एक जलीय सब्जी है, जिसे वॉटर चेस्टनट (Water Chestnut) भी कहते हैं. सिंघाड़ा गुणों की खान है. इसमें कई पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं, जो आपकी कई बीमारियों से रक्षा करते हैं. खासकर दिल की बीमारियों के लिए यह रामबाण औषधि है. साथ ही गले में खराश, थकावट, सूजन और ब्रोंकाइटिस में फायदेमंद है. आइए जानते हैं इसके अन्य फायदे (benefits of chestnut).
-अस्थमा (asthma) के मरीजों के लिए सिंघाड़ा बहुत फायदेमंद है. सिंघाड़े को नियमित रूप से खाने से सांस संबधी समस्याओं से भी आराम मिलता है.
-सिंघाड़ा बवासीर जैसी मुश्किल समस्याओं से भी निजात दिलाने में कारगर साबित होता है.
-इसके सेवन से फटी एड़ियां (crack heels) भी ठीक हो जाती हैं. इसके अलावा शरीर में किसी भी स्थान पर दर्द या सूजन होने पर इसका लेप बनाकर लगाने से बहुत फायदा होता है.
-इसमें कैल्शियम (calcium) भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसे खाने से हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत रहते हैं. साथ ही यह आंखों के लिए भी फायदेमंद है.
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-प्रेग्नेंसी में सिंघाड़ा खाने से मां और बच्चा दोनों स्वस्थ रहते हैं. इससे गर्भपात का खतरा भी कम होता है. इसके अलावा सिंघाड़ा खाने से पीरियड्स की समस्याएं भी ठीक होती हैं.
-सिंघाड़ा शरीर को ऊर्जा देता है, इसलिए इसे व्रत के खाने में शामिल किया जाता है. इसमें आयोडीन भी पाया जाता है, जो गले संबंधी रोगों से रक्षा करता है और थायरॉइड ग्रंथि को सुचारू रूप से काम करने के लिए प्रेरित करता है.
-यदि आप हृदय या रक्तचाप जैसी समस्याओं से बचना चाहते हैं तो सिंघाड़ा जरूर खाएं. सिंघाड़े का आटा रक्तचाप कम करता है. इसमें पोटैशियम होने के कारण यह दिल की धड़कन को सामान्य करने में मदद करता है.
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(नोट: कोई भी उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर्स की सलाह जरूर लें)