Ayurveda For Heart: हार्ट अटैक को दो कोस दूर रखेंगे ये 3 फूड्स, आयुर्वेद एक्सपर्ट ने बताया कैसे खाने से होगा फायदा
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Ayurveda For Heart: हार्ट अटैक को दो कोस दूर रखेंगे ये 3 फूड्स, आयुर्वेद एक्सपर्ट ने बताया कैसे खाने से होगा फायदा

Prevention Coronary Heart Disease: हार्ट अटैक से बचना ही इसका सबसे अच्छा इलाज माना जाता है, क्योंकि इससे मौत का खतरा होता है. ऐसे में कोरोनरी हार्ट डिजीज से बचने के लिए आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ दीक्षा भावसार के ये टिप्स बहुत मददगार साबित हो सकते हैं.

 

Ayurveda For Heart: हार्ट अटैक को दो कोस दूर रखेंगे ये 3 फूड्स, आयुर्वेद एक्सपर्ट ने बताया कैसे खाने से होगा फायदा

आज के समय में हार्ट अटैक का खतरा सभी उम्र वर्ग के रूप में समान रूप से है. एक समय था जब दिल को दौरा व्यस्क या बुढ़ों तक में सीमित था, लेकिन अब युवाओं में भी हार्ट अटैक से मौत के मामले सामने आने लगे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान की आदतें हैं. ऐसे में जरूरी है कि वक्त रहते खुद को हार्ट अटैक के जानलेवा जोखिम से बचाने के लिए जरूर उपायों को कर लिया जाए.

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ दीक्षा भावसार सावलिया ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में हार्ट को हेल्दी रखने और इससे जुड़ी बीमारियों से बचने का नेचुरल उपाय के बारे में बताया है. इस पोस्ट के कैप्शन में उन्होंने यह भी लिखा है कि मैं आपसे वादा करता हूं, अगर आप स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने के साथ-साथ इन 3 खाद्य पदार्थों को औषधि के रूप में अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं, तो आपका दिल हमेशा स्वस्थ रहेगा.
 

लहसुन

लहसुन एक एंटी-एजिंग मसाला है. आयुर्वेद के अनुसार, यह हार्ट के लिए टॉनिक की तरह काम करता है. यह हार्ट को ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर तरीके से करने में सपोर्ट करता है. साथ ही खून की नालियों के अंदर कोलेस्ट्रॉल के जमाव को कम करता है. ऐसा इसमें मौजूद विटामिन सी और बी 6, मैंगनीज और सेलेनियम और एलिसिन नामक एंटीऑक्सीडेंट के कारण होता है.

सेवन का तरीका- हार्ट हेल्थ के लिए आप आधा/1 कच्चा लहसुन (ताजा कुचला हुआ) खाली पेट या भोजन से पहले दिन में एक बार 8-12 सप्ताह तक खा सकते हैं.

अनार

आयुर्वेद के अनुसार अनार हार्ट हेल्थ के लिए सबसे अच्छे फलों में से एक है. इसके सेवन से ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल का बढ़ा लेवल काफी कम हो जाता है जबकि एचडीएल का स्तर काफी बढ़ जाता है. ऐसे में इसका सेवन दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में बहुत फायदेमंद साबित होता है.

सेवन का तरीका-  आप नाश्ते के रूप में प्रतिदिन 1 अनार या सप्ताह में 2-3 बार इसका सेवन कर सकते हैं. 

अर्जुन छाल की चाय

इसे आयुर्वेद में सबसे अच्छा कार्डियो-टॉनिक माना जाता है. इसकी ठंडी प्रकृति, कसैला स्वाद और पचाने में आसान गुणवत्ता कफ और पित्त दोषों को संतुलित करने में मदद करती है और खून से टॉक्सिन को निकालने में भी मदद करती है. जिससे त्वचा की सेहत भी बरकरार रहती है. इतना ही नहीं इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और दिल को स्वस्थ रखता है. ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को मेंटेन रखने के साथ एसिड को कंट्रोल रखने में भी यह प्रभावी तरीके से काम करता है. 

सेवन का तरीका- 100 मिलीलीटर पानी और 100 मिलीलीटर दूध लें, इसमें 5 ग्राम अर्जुन की छाल का पाउडर मिलाएं और तब तक उबालें जब तक यह आधा न हो जाए. इसे छानकर सोते समय या सुबह/शाम भोजन से 1 घंटे पहले पियें.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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