Coronavirus: कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनियाभर में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई, इससे बचने के लिए भारी तादाद में लोगों ने टीकाकरण कराया, लेकिन कोविड बार-बार नए रूप में वापस आ जाता है.
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Covid Subvariant JN.1: कोविड-19 एक वायरल संक्रमण है और ये एक ऐसे वायरस के कारण होता है जो अब काफी लोकल हो गया है. इन्फ्लूएंजा की तरह, कोरोनावायरस भी जीवित रहेगा और जब भी वायरस में कोई म्यूटेशन होगा, वो इसे अधिक संक्रामक बनाता है, तो ऐसे में इंफेक्शन के मामलों में इजाफा होगा, लेकिन स्तर थोड़ा कम रहेगा. इसलिए, वायरस इंसानों में मौजूद रहेगा और हमें कोविड के साथ ही जीना होगा.
कोरोना को लेकर एक्सपर्ट की राय
पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित चिकित्सक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि हमने मूल कोविड-19 वायरस के प्रति सामूहिक इम्यूनिटी विकसित कर ली है. हालांकि, जब वायरस म्यूटेट होता है, और स्पाइक प्रोटीन में परिवर्तन होते हैं, तो संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी जाती है. ये आमतौर पर ज्यादा गंभीर नहीं है क्योंकि हममें से अधिकांश लोगों ने या तो वैक्सीन लगवा लिया है या पहले इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इसलिए, हम सुरक्षित हैं क्योंकि वायरस अपना रूप बदलता रहता है इसलिए नए मामले सामने आएंगे.
कब कराएं टेस्ट?
जेएन.1 एक कोविड वायरस है जो फ्लू जैसे सिंड्रोम का कारण बनता है, जिसमें बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, नाक बहना जैसे लक्षण शामिल हैं और ये लक्षण रिस्पिरेटरी वायरल इंफेक्शन का संकेत देते हैं. लक्षण सामान्य हैं. अगर लक्षण दो दिनों से अधिक समय तक बने रहते हैं या बुखार ज्यादा है या आपको सांस लेने में कठिनाई हो रही है या काफी मात्रा में खांसी हो रही है, या आप हाई रिस्क वाले ग्रुप में हैं, तो आपको अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट जरूर कराना चाहिए.
देखभाल के लिए कदम
अगर आप किसी भीड़भाड़ वाली जगह पर जा रहे हैं, खासकर अगर वह घर के अंदर है तो मास्क जरूर पहनें. अगर आप हाई रिस्क वाली कैटेगरी में हैं तो यह जरूरी है कि आप मास्क पहनें. अपना हैंड सैनिटाइजर अपने पास रखें और अपने हाथों को नियमित रूप से साफ करें. कोविड-19 के लिए टीके मौजूद हैं, जो हम सभी ने ले लिए हैं.
वैक्सीन से परहेज न करें
अगर आपने नहीं वैक्सीन नहीं लगवाया है तो आपको बूस्टर खुराक भी जरूर लेनी चाहिए. इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि साल के इस समय के दौरान अन्य वायरस भी इसी तरह के लक्षण पैदा कर सकते हैं. इसलिए, अगर आप उच्च जोखिम वाले समूह में हैं या बुजुर्ग हैं, तो आपको अपना इन्फ्लूएंजा टीका भी अवश्य लेना चाहिए, और आप न्यूमोकोकल टीका भी ले सकते हैं, जो आपको न्यूमोकोकल संक्रमण से बचाएगा.
क्या हमें दूसरी वैक्सीन की जरूरत है?
हमें ये निर्धारित करने के लिए सीरो सर्वेक्षण और सीरो संबंधित अध्ययन करने की जरूरत है कि क्या हमें बूस्टर की आवश्यकता है और हमें किस प्रकार के बूस्टर की आवश्यकता है, क्योंकि यह वैक्सीन के भीतर मौजूद वेरिएंट की तुलना में एक नया वेरिएंट है. पिछले संक्रमणों और टीकाकरणों के कारण अब तक हमारे पास अच्छी सुरक्षा है, हालांकि नए संस्करण के साथ हम निश्चित नहीं हैं कि पिछले टीकाकरण कितने प्रभावी हैं.
नए डेटा भी जरूरी
हमें डेटा जमा करने और उसका विश्लेषण करने की जरूरत है, ताकि हमें यह समझने में मदद मिल सके कि हमें कितनी बार टीका लगवाना चाहिए, क्या हम पिछले टीकाकरण के आधार पर सुरक्षित हैं, क्या बूस्टर की आवश्यकता है आदि. यह एक सतत अभ्यास है जिसे करने की जरूरत है क्योंकि वेरिएंट बदलते रहेंगे, उभरते रहेंगे और म्य़ूटेशन होता रहेगा.
हमें वेरिएंट के हिसाब से वैक्सीन की जरूरत नहीं है. हमें एक ऐसे टीके की आवश्यकता है जो वर्तमान में मौजूद या भविष्य में उभरने वाले विभिन्न प्रकार के वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हो. मिसाल के लिए एच.एन.1 ओमीक्रॉन की एक सबलीनिएज है. तो ओमिक्रॉन के खिलाफ बनाई गई एक वैक्सीन इस वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी होगी.
'कमबैक होता रहेगा'
कोविड को लेकर 2024 में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे लेकिन उम्मीद है कि कोई बड़ा मामला या लहर नहीं होगी. साल 2024 में हमें जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है, वह है अच्छी निगरानी और डेटा कलेक्शन, ये समझने में प्रभावी होगा कि क्या गंभीर संक्रमण हो रहा है और इसका कारण क्या है. अभी तक, यह ओमिक्रॉन का सबलीनिएज है जो हल्के संक्रमण का कारण बनता है, लेकिन हाई रिस्क वाले लोग और बुजुर्गों को सावधानी बरतने की जरूरत है.