एंग्जाइटी की वजह से जीवन में आ गई है रुकावट? सद्गुरु की एक सलाह साबित होगी आपके लिए वरदान, बदल जाएगी जिंदगी!
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एंग्जाइटी की वजह से जीवन में आ गई है रुकावट? सद्गुरु की एक सलाह साबित होगी आपके लिए वरदान, बदल जाएगी जिंदगी!

सद्गुरु का मानना है कि एंग्जाइटी से छुटकारा पाने का समाधान दवाओं में नहीं, बल्कि हमारे अंदर ही है. सद्गुरु ने एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय सुझाया है, जो आपकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल सकता है.

एंग्जाइटी की वजह से जीवन में आ गई है रुकावट? सद्गुरु की एक सलाह साबित होगी आपके लिए वरदान, बदल जाएगी जिंदगी!

आज की तेज रफ्तार और तनाव भरी जिंदगी में एंग्जाइटी यानी चिंता एक आम समस्या बन चुकी है. कई लोग इससे निपटने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन सद्गुरु का मानना है कि एंग्जाइटी से छुटकारा पाने का समाधान दवाओं में नहीं, बल्कि हमारे अंदर ही है. सद्गुरु ने एक सरल लेकिन प्रभावी उपाय सुझाया है, जो आपकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल सकता है.

सद्गुरु का कहना है कि एंग्जाइटी का मुख्य कारण यह है कि हमारा मन और शरीर हमारी बात नहीं मानते. अगर हमारा दिमाग हमारे कंट्रोल में हो, तो हम कभी भी एंग्जाइटी को नहीं आने देंगे. समस्या यह है कि हम अपने मन और शरीर को समझने और उसे स्थिर करने का प्रयास नहीं करते.

सद्गुरु का सरल उपाय: नमस्कार साधना
सद्गुरु के अनुसार, अगर आप कोई बड़ा योग अभ्यास नहीं कर सकते, तो बस 'नमस्कार साधना' करें. यह आसान और प्रभावी उपाय आपकी एंग्जाइटी को आधा कम कर सकता है. इस साधना के लिए आपको अपने दोनों हाथों को जोड़कर किसी ऐसे चीज को देखना है, जो आपके जीवन के लिए महत्वपूर्ण हो- यह सूरज हो सकता है, पेड़, बच्चा या कोई प्रिय व्यक्ति.

कैसे करें नमस्कार साधना?
अपने दोनों हाथों को पूरी तरह से मिलाकर (नमस्कार मुद्रा में) बैठ जाएं. किसी ऐसी चीज को ध्यान से देखें जो आपके जीवन में महत्व रखती हो, जैसे सूरज, पेड़, आसमान या आपका परिवार. इसे 10-12 मिनट तक करें, और उस चीज के प्रति गहरी शुक्रगुजारी और प्यार महसूस करें. सद्गुरु का कहना है कि यह साधना आपकी अंदरूनी उथल-पुथल को शांत करती है और आपकी चिंता को कम करने में मदद करती है.

एंग्जाइटी के पीछे का विज्ञान
सद्गुरु बताते हैं कि हमारा मन एक तेज चाकू की तरह है. अगर हमारे हाथ स्थिर नहीं हैं, तो यह चाकू हमें ही नुकसान पहुंचाता है. नमस्कार साधना आपके अंदर बैलेंस और स्थिरता लाती है, जिससे आपका मन शांत हो जाता है. सद्गुरु यह भी कहते हैं कि दवाओं के जरिए एंग्जाइटी को दबाना समस्या का हल नहीं है. हमें अपने अंदर छुपे उस 'इंजीनियरिंग' को समझना होगा जो हमारे मन और शरीर को चलाती है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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