ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने को IIT ने बनाया सस्ता उपकरण, अब MRI और CT स्कैन में पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं!
Advertisement
trendingNow12465928

ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने को IIT ने बनाया सस्ता उपकरण, अब MRI और CT स्कैन में पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं!

आईआईटी इंदौर ने एक सस्ता और छोटा उपकरण विकसित किया है, जो ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती चरण में ही पता लगाने में मदद करेगा. यह उपकरण एक वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि कैंसर की जांच अब किफायती और सुलभ होगी.

ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने को IIT ने बनाया सस्ता उपकरण, अब MRI और CT स्कैन में पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं!

आईआईटी इंदौर ने एक सस्ता और छोटा उपकरण विकसित किया है, जो ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती चरण में ही पता लगाने में मदद करेगा. खासकर ग्रामीण और दूर दराज क्षेत्रों की महिलाओं के लिए यह उपकरण एक वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि महंगे MRI और CT स्कैन की जरूरतों को कम करके, कैंसर की जांच अब किफायती और सुलभ होगी.

IIT इंदौर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर श्रीवत्सन वासुदेवन द्वारा विकसित यह उपकरण ‘फोटोएकाउस्टिक स्पेक्ट्रल रिस्पॉन्स’ के सिद्धांत पर आधारित है. इस तकनीक का उपयोग शरीर के टिशू में होने वाले असामान्य परिवर्तनों का पता लगाने के लिए किया जाता है. यह ‘ऑप्टिकल’ और ‘‘एकाउस्टिक’ सिग्नल्स को एक साथ जोड़ता है, जिससे कैंसर की पहचान शुरुआती चरण में ही हो जाती है. यह तकनीक न केवल सटीक परिणाम देती है, बल्कि बेहद सस्ती भी है.

क्यों महंगे हैं MRI और CT स्कैन
IIT इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने इस उपलब्धि के बारे में बात करते हुए कहा कि MRI और CT स्कैन जैसे उपकरण इम्पोर्ट होते हैं और बहुत महंगे होते हैं, जिससे देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा इसका लाभ नहीं उठा पाता. खासकर ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों के लोगों के लिए ये सुविधाएं अभी तक दूर की कौड़ी रही हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस चुनौती का हल ढूंढते हुए IIT इंदौर ने स्वदेशी तकनीक से एक सस्ता और सुलभ उपकरण तैयार किया है जो विशेष रूप से इन क्षेत्रों की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जल्द पता लगाने में मदद करेगा.

कैसे काम करती है यह मशीन
प्रोफेसर वासुदेवन ने उपकरण की कार्यप्रणाली के बारे में बताया कि यह ‘कॉम्पैक्ट पल्स्ड लेजर डायोड’ का उपयोग करके प्रकाश उत्पन्न करता है जो टिशू के संपर्क में आता है. इस प्रक्रिया के माध्यम से प्राप्त परिणामों का विश्लेषण किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि कहीं संबंधित टिशू में कैंसर के लक्षण तो नहीं हैं. IIT इंदौर की यह पहल न केवल ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में एक बड़ा कदम है, बल्कि इसे गरीब और साधारण लोगों के लिए भी सुलभ बनाता है. अब ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों की महिलाएं भी महंगे MRI और CT स्कैन पर पैसे खर्च किए बिना अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख पाएंगी और समय रहते ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाकर अपनी जान बचा सकेंगी.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

Trending news