Brain Dead vs Coma: इंसान को सिर पर गहरी चोट लगने से ब्रेन डेड हो जाता है. ब्रेन डेड होने की स्थिति में मरीज को लाइफ सपोर्ट पर रखा जाता है. वहीं कोमा में व्यक्ति बेहोश हो जाता है. दोनो में अंतर समझने के लिए पढ़ें ये आर्टिकल.
Trending Photos
Brain Dead vs Coma: बहुत सारे लोगों में ये कंफ्यूजन है कि ब्रेन डेथ को लोग कोमा की समझ रहे हैं. लेकिन असल में कोमा और ब्रेन डेथ में काफी अंतर है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्रेन डेथ कोमा की तरह बिल्कुल भी नहीं होता. कोमा में व्यक्ति बेहोश हो जाता है, लेकिन फिर भी जीवित रहता है. ब्रेन डेड तब होता है जब दिमाग काम करना बंद कर देता है. चलिए आपको बताते हैं दोनों के बीच का अंतर.
ब्रेन डेड कब होता है
ब्रेन डेड एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिमाग काम करना बंद कर देता है. इंसान को सिर पर कोई चोट लगने की वजह से ऐसा होता है या फिर मरीज ब्रेन ट्यूमर जैसी बीमारी का शिकार हो चुका हो. जब दिमाग में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है, तब ब्रैंड डेड होता है. ब्रेन डेड होने की स्थिति में मरीज को लाइफ सपोर्ट पर रखा जाता है. इस सिचुएसन में दिमाग में किसी तरह की कोई भी प्रतिक्रिया नहीं होती है. ब्रेन डेड होने पर दिमाग छोड़कर बाकी सभी अंग जैसे हार्ट, लिवर, किडनी काम करते हैं. लेकिन इंसान सांस नहीं ले पाता, बोल नहीं पाता और हाथ-पैर मूव नहीं होते.
कोमा में क्या होता है
कोमा में इंसान आंखें बंद कर अचेतन अवस्था में पहुंच जाता है. वह आसपास के वातावरण की आवाजें, हलचल की प्रतिक्रिया नहीं दे पाता. कोमा में मरीज जिंदा रहता है और उसके मस्तिष्क की कुछ गतिविधियां चलती रहती हैं.
जानें ब्रेन डेड के लक्षण
डॉक्टर्स का कहना है कि ब्रेन डेथ की स्थिति स्थाई है और इसे ठीक नहीं किया जा सकता है. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि ब्रेन डेथ का मतलब मस्तिष्क की मृत्यु हो गई है पर ऑक्सीजन के माध्यम से शरीर के कुछ अंग काम करते हैं.
Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.