मानसिक स्वास्थ्य: Rejection मिलने से खत्म नहीं हो जाती लाइफ, ऐसे बदलें अपना नजरिया
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मानसिक स्वास्थ्य: Rejection मिलने से खत्म नहीं हो जाती लाइफ, ऐसे बदलें अपना नजरिया

हमें जिंदगी में जब भी रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है, तो उदासी, तनाव व अवसाद हमें अपना शिकार बना सकते हैं. ऐसे बदलें अपना नजरिया...

सांकेतिक तस्वीर

जिंदगी के हर पल में हमारे लिए सरप्राइज छिपा हुआ है. आपको नहीं पता कि अगला पल आपको खुशी देगा या दुख देगा. रिजेक्शन मिलना भी जिंदगी का ऐसा ही दुख है, जिसके बारे में हम काफी संवेदनशील भी होते हैं. दरअसल, नौकरी, रिलेशनशिप, पढ़ाई, करियर आदि में रिजेक्शन मिलना काफी नेगेटिव एक्सपीरियंस हो सकता है. जो आपकी आने वाली कोशिशों और सफलता की संभावना को प्रभावित कर सकता है. लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप रिजेक्शन को हैंडल कर सकते हैं और अपनी जिंदगी वापिस ट्रैक पर ला सकते हैं. आइए इन टिप्स के बारे में जानते हैं.

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मेंटल हेल्थः रिजेक्शन के कारण होने वाली समस्या
रिजेक्शन मिलना व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी बुरा है. जिसके कारण निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं. जैसे-

  • गुस्सा आना
  • चिंता होना
  • अवसाद में होना
  • तनाव का शिकार होना
  • उदासी
  • जलन
  • चिड़चिड़ा व्यवहार, आदि

रिजेक्शन के कारण होने वाले ये भावनात्मक या व्यवहारात्मक बदलाव आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं.

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रिजेक्शन का दर्द कैसे संभालें
अस्वीकृति (Rejection) मिलने पर आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए, जिससे इस समस्या का भार कम हो जाएगा.

  1. किसी नौकरी, पार्टनर या मौके में रिजेक्शन मिलने का यह मतलब नहीं है कि आप में कोई खासियत नहीं है. रिजेक्शन के बाद व्यक्ति को लगने लगता है कि वह बिल्कुल बेकार है. लेकिन अस्वीकृति मिलना सिर्फ उसी निश्चित व्यक्ति, हालात या मौके के लिए कुछ हद तक आपके योग्य ना होने से जुड़ा हो सकता है. लेकिन आप के अंदर मौजूद खासियत आपको किसी दूसरे मौके पर स्वीकृति प्राप्त करवा सकती है.
  2. रिजेक्शन मिलने पर अवसादग्रस्त हो जाना या लंबे समय तक दुखी रहना, कोई हल नहीं है. लाइफ में पॉजिटिविटी बहुत जरूरी है. हमेशा याद रखें कि आपकी खुशी आप से है, कोई रिजेक्शन आपसे आपकी खुशी नहीं छीन सकता.
  3. रिजेक्शन मिलने का मतलब यह नहीं है कि आपको किसी से स्वीकृति नहीं मिल सकती. अगर आपको एक जॉब या व्यक्ति से रिजेक्शन का सामना करना पड़ता है, तो आप इसे अंत ना समझें. अपने लिए बेहतर की तलाश करते रहें और जो आपके लिए बेहतर है, वो आपको जरूर मिलेगा.
  4. रिजेक्शन कई बार हमें बेहतर बनने और सीखने का मौका दे सकता है. उदाहरण के लिए अगर आपको किसी जॉब में रिजेक्शन झेलना पड़ा है, तो आप यह सोचें कि आप में क्या कमी रह गई है. उस कमी को पूरा करें और फिर से कोशिश करें. इस तरह आप रिजेक्शन को सकारात्मक बना सकते हैं.

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसकी हम पुष्टि नहीं करते हैं.

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