स्ट्रेस से जुड़े ऐसे मिथक, जो जिंदगी के लिए हैं खतरनाक
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स्ट्रेस से जुड़े ऐसे मिथक, जो जिंदगी के लिए हैं खतरनाक

तनाव से जुड़े इन मिथकों के बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए, जानें

सांकेतिक तस्वीर

जब स्थितियां ज्यादा चुनौतीपूर्ण और आपके काबू से बाहर हो जाती है, तो स्ट्रेस यानी तनाव बढ़ने लगता है. हमारे समाज में तनाव से जुड़े कुछ ऐसे मिथकों पर विश्वास किया जाता है, जो जिंदगी के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं. क्योंकि, तनाव से जुड़े ये मिथक आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट करने से रोक सकते हैं और आगे चलकर अवसाद का कारण बन सकते हैं. अवसाद किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है.

स्ट्रेस से जुड़े मिथक (Myths about Stress)
स्ट्रेस खुद भी दिल के रोगों से लेकर अल्जाइमर जैसी कई खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है. इसलिए आपको स्ट्रेस के बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है. आइए तनाव के बारे में उन बातों को जानते हैं, जो सिर्फ गलत मान्यताएं हैं.

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हर किसी के लिए स्ट्रेस एक जैसा होता है
यह बिल्कुल गलत धारणा है. तनाव का रूप, कारण और असर हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है. किसी को नौकरी में ज्यादा प्रेशर होने के कारण ज्यादा तनाव हो सकता है, तो किसी को नौकरी ना होने के कारण कम तनाव हो सकता है.

तनाव हमारे लिए हमेशा बुरा होता है
यह मान्यता भी गलत है. क्योंकि, तनाव हर मामले में हमारे लिए बुरा नहीं होता है. बल्कि, थोड़ी और संतुलित मात्रा में तनाव होना आपके प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करता है. जिन लोगों को तनाव को हैंडल करना आता है, वह किसी भी मामले में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं.

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तनाव के मामले में हम कुछ नहीं कर सकते हैं
यह सच है कि हमारे चारों तरफ तनाव ही तनाव है. लेकिन यह सच नहीं है कि इसके बारे में हम कुछ नहीं कर सकते हैं. एक बेहतर प्लान के साथ आप ज्यादा तनाव पैदा करने वाली समस्याओं व काम को पहले निपटा सकते हैं. दूसरी तरफ आप स्ट्रेस मैनेजमेंट के द्वारा चुनौतीपूर्ण स्थितियों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.

अगर लक्षण नहीं है, तो तनाव नहीं है
कुछ लोगों को लगता है कि बिना लक्षण के तनाव नहीं हो सकता है. लेकिन तनाव के लक्षण दूसरी वजहों से छिप सकते हैं. जैसे, नींद ना आना तनाव का मुख्य लक्षण हो सकता है. लेकिन अगर आप नींद की दवाई ले रहे हैं, तो यह लक्षण दब सकता है. वहीं दूसरी तरफ, सांस फूलना व तेज धड़कन आदि तनाव के लक्षण होते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि तनावग्रस्त व्यक्ति में यह आसानी से दिख जाएं.

तनाव के बड़े लक्षणों को इलाज की जरूरत होती है
लोगों को लगता है कि अगर तनाव के लक्षण बड़े नहीं हैं, तो इसके लिए इलाज की जरूरत नहीं होती है. लेकिन यह गलत धारणा है, सिरदर्द और पेट दर्द तनाव के छोटे लक्षण हैं, लेकिन अगर इन्हें संभाला नहीं गया तो यह आगे चलकर हार्ट अटैक जैसे बड़े लक्षणों को भी न्योता दे सकते हैं.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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