टाइम्स ऑफ इंडिया डॉट कॉम की एक रिपोर्ट की मानें तो लहसुन में ऐलिसिन नाम का एक कंपाउंड बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है. कई स्टडीज में यह बात सामने आ चुकी है कि अगर अधिक मात्रा में ऐलिसिन शरीर में पहुंच जाए तो लीवर में विषाक्तता का खतरा हो सकता है जिसकी वजह से लीवर ढंग से काम करना बंद कर देता है और कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.
अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट में प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें तो अगर खाली पेट कच्चा लहसुन खाया जाए तो इसकी वजह से हार्टबर्न यानी सीने और पेट में जलन की समस्या हो सकती है. साथ ही जी मिचलाने और उल्टी की भी दिक्कत हो सकती है. इसके अलावा हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट की मानें तो लहसुन में ऐसे कंपाउंड्स पाए जाते हैं जिसकी वजह से GERD बीमारी हो सकती है.
बहुत अधिक मात्रा में लहसुन खाने से स्किन में खुजली और चकत्ते होने का भी खतरा हो सकता है. इसका कारण ये है कि लहुसन में एलिनेज नाम का एन्जाइम पाया जाता है जिसकी वजह से स्किन में रैशेज हो जाते हैं. यही कारण है कि लहसुन छीलते या काटते समय कई लोग ग्लव्स पहनने की सलाह भी देते हैं.
जिन लोगों को ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का जमने की समस्या होती है उन्हें वार्फरिन, एस्पिरिन जैसी दवाइयां दी जाती हैं ताकि उनका खून पतला रहे. ऐसे लोगों को भी लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि लहसुन प्राकृतिक रूप से खून को पतला करने का काम करता है. ऐसे में लहसुन और दवा दोनों के असर से शरीर में ज्यादा ब्लीडिंग होने का खतरा बना रहता है.
जो महिलाएं प्रेग्नेंट हैं या फिर जो बच्चे को अपना दूध पिलाती हैं उन महिलाओं को भी लहसुन नहीं खाना चाहिए. लहसुन लेबर को प्रेरित करने का काम करता है जिससे समय से पहले ही बच्चे की डिलीवरी का खतरा बना रहता है. तो ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को भी ज्यादा लहसुन नहीं खाना चाहिए वरना उनके दूध का स्वाद बदल सकता है.
वयस्क रोजाना 4 ग्राम यानी लहसुन की 2 या 3 कलियों का सेवन रोजाना कर सकते हैं. लेकिन इससे ज्यादा खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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