कंधे में दर्द के चलते कुछ बीमारियां भी हो सकती हैं, जिसमें सर्वाइकल व लिवर, हृदय या पित्ताशय से संबंधित रोग भी शामिल हैं.
कंधे में दर्द के चलते कुछ बीमारियां भी हो सकती हैं, जिसमें सर्वाइकल व लिवर, हृदय या पित्ताशय से संबंधित रोग भी शामिल हैं.
उम्र बढ़ने के साथ-साथ कंधों के दर्द का जोखिम भी बढ़ने लगता है. खास तौर 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में यह आम समस्या है. अक्सर कंधे के दर्द के साथ कुछ लक्षण भी नजर आते हैं जैसे बाजू या कंधे का इस्तेमाल करते समय दर्द बढ़ जाना, लंबे समय तक दर्द रहना, अकड़न, हाथ लगाने पर सुन्न हो जाना, झुनझुनी, अचानक तेज दर्द आदि.
अगर कंधे का दर्द किसी चोट की वजह से न हो, या फिर दर्द के साथ बुखार, चक्कर आना जैसे लक्षण हो और दर्द घरेलू उपचार से ठीक न हो रहा हो, तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए.
कई परिस्थितियां और कारण कंधे के दर्द की वजह बन सकते हैं. रीढ़ की हड्डी में चोट लगना या दिल का दौरा जैसी गंभीर समस्याओं की वजह से भी कंधे में दर्द हो सकता है.
कंधे के ज्यादातर मामलों का इलाज घरेलू उपचार से किया जा सकता है. दर्द से छुटकारा पाने के लिए मसाज बेहद प्रभावी है. नारियल, जैतून, तिल या सरसों के तेल से हल्की-हल्की मसाज कंधे की मांसपेशियों में तनाव और खिंचाव को ठीक करने में मदद करती है. ठंड या गर्म सिकाई भी दर्द से राहत दे सकती है.
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