मुंह की बदबू यानी हेलिटोसिस (Halitosis) कई मामलों में यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है.
सभी लोग चाहते हैं, कि जब भी वह बोलें तो उनके मुंह से खुशबू आए. इसके लिए आप ब्रश करते हैं, जिससे दांत और मुंह साफ रहें. साथ ही आप माउथ फ्रेशनर भी खाते होंगे. लेकिन फिर भी आपके मुंह से बदबू आती है. मुंह से बदबू आने की स्थिति हेलिटोसिस (Halitosis) कहलाती है. अगर मुंह साफ न करें, तो बदबू वाले बैक्टिरिया (Bacteria) तेजी से बढ़ने लगते हैं. वैसे दांतों पर खाने का बचा अवशेष, दांत और जीभ पर जमा प्लाक, कैविटी या मसूड़ों में सूजन की वजह से मुंह से बदबू आती है.
फेफड़ों में जब संक्रमण होता है, तो जमा हुआ बलगम जब बाहर आता है. तब यह मुंह से बदबू आने का कारण बनता है. फेफड़ों में निमोनिया (Pneumonia) जीवाणु या वायरल का संक्रमण है. जब फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं, तो वायु की थैली फूल जाती है. और यह कफ से भर जाती है, फिर मुंह से बदबू आने लगती है.
लिवर शरीर के लिए बहुत जरूरी अंग है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है. अगर लिवर सही से काम नहीं करता है, तो ब्लड स्ट्रीम में टॉक्सिन बन जाते हैं, जो मुंह में बदबू वाले बैक्टीरिया पैदा कर देते हैं.
डायबिटीज रोगी को शरीर में ग्लूकोज की कमी होने लगती है. जिससे उस व्यक्ति को सही मात्रा में एनर्जी नहीं मिल पाती है. जब शरीर को शुगर से एनर्जी प्राप्त नहीं हो पाती है, तो एनर्जी के लिए फैट बर्न करने लगती है. जब यह प्रक्रिया चलती है तो इसे कीटोन्स कहते हैं. कीटोन में एसिटोन होता है. यह वही तत्व है, जिसे नेल पॉलिश रिमूवर में इस्तेमाल करते हैं. अगर मुंह से नेल पॉलिश रिमूवर जैसी बदबू आती है, तो समझ लें कि वह डायबिटीज का रोगी है.
किडनी की बीमारी में रोगी के मुंह से बदबू आती है. किडनी, यूरिया को फिल्टर करती है, लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाता है, तो मुंह से बदबू आने लगती है. ब्लड स्ट्रीम (Blood stream) में यूरिया की मात्रा बढ़ने से मुंह में बदबू की समस्या पैदा होती है. किडनी की बीमारी की वजह से बॉडी में मेटाबॉलिक बदलाव आने लगते हैं. जिस कारण मुंह सूखने लगता है और बदबू का कारण बनता है.
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