कोविड-19 इंफेक्शन के बाद फेफड़ों को वापिस बना सकते हैं मजबूत, जानें स्पाइरोमीटर का सही इस्तेमाल और इससे जुड़ी गलतियां
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कोविड-19 इंफेक्शन के बाद फेफड़ों को वापिस बना सकते हैं मजबूत, जानें स्पाइरोमीटर का सही इस्तेमाल और इससे जुड़ी गलतियां

किसी भी लंग इंफेक्शन या डिजीज के बाद फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए कैसे करें स्पाइरोमीटर से लंग एक्सरसाइज। यहां जानें इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका...

सांकेतिक तस्वीर

कोविड-19 इंफेक्शन हमारे रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। यह हमारे फेफड़ों की ताकत को कम कर देता है, जिससे हमारे सांस लेने की क्षमता को नुकसान पहुंचता है। आमतौर पर इंफेक्शन से पहले और बाद में डॉक्टर लंग्स एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। जिससे हमारे फेफड़ों की शक्ति को बढ़ाकर आराम से और खुलकर सांस ली जा सके। स्पाइरोमीटर भी एक ऐसा टूल है, जिससे लंग्स एक्सरसाइज की जा सकती है। सीओपीडी, अस्थमा जैसी फेफड़ों की बीमारी में डॉक्टर लंग्स को मजबूत बनाने के लिए स्पाइरोमीटर के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। मगर जानकारी के अभाव में लोग इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका नहीं जानते हैं और कुछ गलतियां कर बैठते हैं। आइए स्पाइरोमीटर को यूज करने का सही तरीका और इस दौरान होने वाली कुछ गलतियों के बारे में जानते हैं।

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स्पाइरोमीटर को इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है?
स्पाइरोमीटर एक एक्सरसाइज टूल है, जो निमोनिया, ब्रॉन्काइटिस, सीओपीडी या कोविड-19 जैसी फेफड़ों की बीमारी या सर्जरी के बाद लंग्स को रिकवर करने में मदद कर सकता है। इस प्रक्रिया को पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन कहते हैं। जिसमें एक्सरसाइज या जीवनशैली में बदलावों की मदद से किसी भी संक्रमण या लंग्स डिजीज के प्रभाव को खत्म करके लंग्स की ताकत बढ़ाई जाती है। इसी के तहत स्पाइरोमीटर का इस्तेमाल करके सांस लेने या छोड़ने के फोर्स को धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है। जब हम स्पाइरोमीटर के द्वारा सांस लेते हैं, तो उसमें मौजूद छोटी-छोटी गेंद या पिस्टन उठने लगती हैं और आपकी सांस का वॉल्यूम बताती हैं। आइए इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका जानते हैं।

  1. सबसे पहले खुद को आरामदायक स्थिति में लाएं और सांसों की गति को सामान्य करें।
  2. अब कुर्सी या बेड के किनारे पर कमर सीधी करके बैठ जाएं।
  3. अब अपने हाथों में स्पाइरोमीटर को सीधा पकड़कर आंखों के सामने रखें।
  4. अब स्पाइरोमीटर के माउथपीस को होठों में अच्छी तरह दबा लें। ताकि वह चारों तरफ से बंद हो जाए।
  5. अब धीरे-धीरे सांस को अंदर खींचे और तीनों गेंद या पिस्टन को जितना हो सके ऊपर ले जाने की कोशिश करें।
  6. शुरुआत में दिक्कत हो सकती है, मगर अभ्यास से आप ऐसा आसानी से कर पाएंगे।
  7. सांस लेने वाली प्रक्रिया को शुरुआत में करीब 5-6 बार करें।
  8. अब इसके बाद स्पाइरोमीटर को ऊपर से नीचे की तरफ उल्टा पकड़ लें और सांस छोड़ें। इस प्रक्रिया को भी शुरुआत में 5-6 बार करें।
  9. अगर आपको चक्कर आने या सांस फूलने जैसी समस्या हो रही हो, तो एक्सरसाइज को तुरंत रोककर आराम करें।

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स्पाइरोमीटर के इस्तेमाल से जुड़ी आम गलतियां

  • कुछ लोग स्पाइरोमीटर के इस्तेमाल से पहले खुद को रिलैक्स नहीं करते हैं। जिस कारण स्पाइरोमीटर के इस्तेमाल से सांस फूलने की समस्या गंभीर होने लगती है।
  • स्पाइरोमीटर का इस्तेमाल सांस लेने के साथ-साथ सांस छोड़ने के लिए भी किया जाता है। जितना जरूरी इनहेल करना है, उतना ही जरूरी पूरी क्षमता से एक्सहेल करना भी है।
  • कमर को सीधा न रखना भी आम गलती है, जिसे अक्सर किया जाता है। इससे सही नतीजे प्राप्त नहीं हो पाते हैं।
  • इसके अलावा, लोग स्पाइरोमीटर में पूरी क्षमता से सांस इनहेल व एक्सहेल नहीं करते हैं। आपको अपनी सांस को बिना रोके या कम करे, फेफड़ों से पूरी तरह बाहर निकालनी चाहिए व अंदर खींचनी चाहिए।
  • इसके साथ ही ध्यान रखें कि आक्रामक तरीके से इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वरना इससे फेफड़ों को नुकसान भी पहुंच सकता है।

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। इसका हम दावा नहीं करते हैं।

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