शुगर कॉस्मेटिक्स की सह-संस्थापक और सीईओ विनीता सिंह ने 20 मैराथन, अल्ट्रामैराथन और लगभग एक दर्जन हाफ-मैराथन में भाग लिया है. वह कई ट्रायथलॉन का भी हिस्सा रही हैं. जानिए उनकी फिटनेस का राज.
Trending Photos
शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) की जज विनीता सिंह (Vineeta Singh) शुगर कॉस्मेटिक की सह-संस्थापक और सीईओ हैं. वह एक सक्सेसफुल वूमेन के साथ-साथ सुपरफिट भी हैं. विनीता हमेशा एक एक्टिव बच्ची थीं और 23 साल की उम्र में उनको एहसास हुआ कि उनकी फिटनेस में कितनी दिलचस्पी है. भी भी एक किलोमीटर से अधिक नहीं दौड़ने के बाद, किसी ने उन्हें मुंबई फुल मैराथन में भाग लेने की चुनौती दी. फिर क्या था, उन्होंने 42 किलोमीटर लंबी दौड़ के लिए साइन किया और मैराथन में पार्ट लिया. उन्होंने उस अनुभव से इतना कुछ सीखा कि विनीता को आजीवन रनर बनने के विचार से प्यार हो गया.
जहां तक उनके रनिंग सीवी की बात है, विनीता ने 20 मैराथन, अल्ट्रा-मैराथन और लगभग एक दर्जन हाफ मैराथन में भाग लिया है. वह कई ट्रायथलॉन का भी हिस्सा रही हैं, जिसे उन्होंने 2017 में ऑस्ट्रिया में पूरा किया था. स्पष्ट रूप से ऐसा कुछ नहीं है जिसे आप बस एक सुबह उठते हैं और करने का निर्णय लेते हैं. इतना ही नहीं, 2012-2014 तक उन्होंने 89 किलोमीटर के कॉमरेड्स अल्ट्रा-मैराथन में भी हिस्सा लिया. यह सब उनकी अद्भुत फिटनेस रूटीन का नतीजा है.
पर्सनल बूट कैंप का आयोजन
कोरोना महामारी के दौरान भी कोई बहाना न बनाते हुए विनीता ने एक पर्सनल बूट कैंप का आयोजन किया, जो HIIT, किक बॉक्सिंग, तबाता और वेट ट्रेनिंग वर्कआउट के साथ वैकल्पिक था. हालांकि उन्होंने एक्सरसाइज के पहले रनिंग को त्वजों देती थी, लेकिन उनको बाद में उसे एहसास हुआ कि एक्सरसाइज करना उसके लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से तनाव कम करने में मदद करता है.
लॉकडाउन में घर पर रोजाना 120 दिनों तक किया वर्कआउट
लेकिन ब्यूटी ब्रांड की मालिक को इस तरह के समर्पित वर्कआउट रूटीन से चिपके रहने का समय कैसे मिलता है? इस पर विनीता ने कहा कि स्टार्ट-अप में काफी मेहनत और टाइम लगता है, बहुत सारे लंबे घंटे और रातों की नींद हराम होती है. इसके कारण हफ्ते में तीन दिन से ज्यादा वर्कआउट करना असंभव हो जाता है, वो भी तक जब मैं आयरनमैन मैराथन के लिए ट्रेनिंग ले रही थी. लेकिन महामारी और लॉकडाउन के कारण, मैं घर पर 120 दिनों के डेली वर्कआउट को पूरा करने में कामयाब रही. यह 100 दिनों की चुनौती के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन पीछे मुड़कर देखने पर उन्होंने महसूस किया कि इससे उनके दिमाग को शांत रहने और कठिन समय में उनकी ट्रेनिंग को मजबूत करने में मदद मिली.
साइकिलिंग और स्विमिंग भी करती हैं विनीता
जीवन धीरे-धीरे सामान्य होने के साथ, वह अभी भी अपनी फिटनेस रूटीन के लिए रोजाना एक घंटा देती हैं. वह सुबह वर्कआउट करती हैं ताकि दिन की एक नई शुरुआत हो सके और व्यस्त घंटों के पूरा होने से पहले ही वर्कआउट में शामिल हो जाएं. एक घंटे का व्यायाम विनीता को पूरे दिनभर की एनर्जी और मेंटल तनाव को कम करने में मदद मिलती है. रनिंग के अलावा, विनीता को भी मौका मिलता है तो साइकिल चलाती हैं और स्विमिंग करती हैं. इसके अलावा, उनको बैडमिंटन खेलना भी पसंद है.
Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.