सांस रुकने से नहीं, इस बीमारी से हुई Bappi Lahiri की मौत, बेटे ने किया खुलासा
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सांस रुकने से नहीं, इस बीमारी से हुई Bappi Lahiri की मौत, बेटे ने किया खुलासा

अभी तक बप्पी लाहिड़ी (बप्पी लहरी) की मौत का कारण ऑब्सट्रक्टिव स्लीप डिसऑर्डर बताया जा रहा था. जिसमें नींद के दौरान सांस रुक जाता है. लेकिन बप्पी लाहिड़ी के बेटे ने इसके पीछे दूसरी बीमारी बताई है.

सांकेतिक तस्वीर

दिग्गज सिंगर और कंपोजर Bappi Lahiri इस 15 फरवरी को दुनिया छोड़कर चले गए. बॉलीवुड को 'डिस्को डांसर, तम्मा-तम्मा लोगे' जैसे धमाकेदार गाने देने वाले बप्पी लाहिड़ी की मौत का कारण (Bappi Lahiri Death Reason) ओएसए यानी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया बताया गया था. जिसमें नींद के दौरान सांस रुक जाता है. लेकिन, बप्पी लाहिड़ी के बेटे बप्पा ने ओएसए से इंकार करते हुए बप्पी लाहिड़ी की मौत के पीछे दूसरी बीमारी बताई है.

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दिल रुकने से हुई Bappi Lahiri की मौत!
बप्पी लाहिड़ी के बेटे बप्पा (Bappi lahiri son reveals) ने एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में कहा, 'नहीं, वो सांस की परेशानी (ब्रीदिंग प्रॉब्लम) नहीं थी. मुझे लगता है कि उनके दिल ने काम करना बंद कर दिया था.' अभी तक यही रिपोर्ट चल रही थी कि मशहूर सिंगर Bappi Lahiri की मौत का कारण ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया था. लेकिन, उनके बेटे की तरफ से आए इस बयान ने दिल की बीमारी की तरफ सभी का ध्यान खींच लिया है.

दिल की बीमारी: क्यों काम करना बंद कर देता है दिल
जब दिल अचानक काम करना बंद कर देता है, तो इसे कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest) यानी धड़कन का रुक जाना कहा जाता है. हार्ट अटैक में दिल तक खून पहुंचाने वाली नसें ब्लॉक हो जाती हैं. लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में दिल के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खराबी आने के कारण वह धड़कना बंद कर देता है. जो कि जानलेवा स्थिति है और इसमें तुरंत ट्रीटमेंट चाहिए होता है.

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क्या है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया की बीमारी?
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया एक ब्रीदिंग डिसऑर्डर है, जो कि मोटापे से ग्रसित लोगों को ज्यादा होती है. इस बीमारी में नींद के दौरान बार-बार सांस लेना रुकने की दिक्कत होती है. मरीज का सांस इसलिए रुक जाता है, क्योंकि गले की मांसपेशी अपने आप रिलैक्स हो जाती है और सांस की नली को बंद कर देती है. खर्राटे लेना इस बीमारी का सबसे आम लक्षण है. हालांकि, सभी खर्राटे लेने वाले लोगों को यह बीमारी नहीं होती.

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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