Cancer: खर्राटे लेना वालों को गले के कैंसर का ज्यादा खतरा, जानें कैसे पाएं इस समस्या से निजात?
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Cancer: खर्राटे लेना वालों को गले के कैंसर का ज्यादा खतरा, जानें कैसे पाएं इस समस्या से निजात?

खर्राटे लेना एक सामान्य समस्या मानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह एक गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है? कई शोधों के अनुसार, लगातार और तेज खर्राटे लेना गले के कैंसर (थ्रोट कैंसर) का संकेत हो सकता है.

Cancer: खर्राटे लेना वालों को गले के कैंसर का ज्यादा खतरा, जानें कैसे पाएं इस समस्या से निजात?

खर्राटे लेना एक सामान्य समस्या मानी जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह एक गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है? कई शोधों के अनुसार, लगातार और तेज खर्राटे लेना गले के कैंसर (थ्रोट कैंसर) का संकेत हो सकता है. अगर आप या आपके परिवार में कोई व्यक्ति खर्राटों की समस्या से जूझ रहा है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह सिर्फ नींद की क्वालिटी को प्रभावित नहीं करता, बल्कि स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा भी पैदा कर सकता है.

खर्राटे लेना अक्सर नींद के दौरान श्वास में अवरोध के कारण होता है, जिसे स्लीप एपनिया के नाम से जाना जाता है. यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब नींद के दौरान व्यक्ति की श्वसन नली (एयरवे) संकरी हो जाती है या ब्लॉक हो जाती है, जिससे व्यक्ति को श्वास लेने में कठिनाई होती है. लंबे समय तक इस समस्या को नजरअंदाज करने पर यह गले और श्वसन नली की सेल्स को नुकसान पहुंचा सकती है, जो अंततः कैंसर का रूप ले सकती है.

खर्राटों के अन्य कारण

मोटापा: अधिक वजन होना खर्राटों का एक प्रमुख कारण है, क्योंकि गले और गर्दन के आस-पास की वसा श्वास नली को संकरा कर देती है.

एलर्जी: नाक या गले में सूजन और बलगम जमने के कारण भी श्वास लेने में कठिनाई हो सकती है, जिससे खर्राटे आते हैं.

शराब और धूम्रपान: शराब और धूम्रपान करने से गले की मसल्स शिथिल हो जाती हैं, जिससे श्वास नली संकरी हो जाती है और खर्राटे आते हैं.

नींद की स्थिति: पीठ के बल सोने से श्वास नली पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे खर्राटों की संभावना बढ़ जाती है.

खर्राटों से कैसे पाएं छुटकारा
* अगर आप मोटापे का शिकार हैं, तो वजन कम करने से आपके खर्राटों की समस्या में सुधार हो सकता है. इससे श्वास नली पर दबाव कम होता है और सांस लेने में आसानी होती है.
* पीठ के बल सोने की बजाय बाईं या दाईं करवट लेकर सोएं. इससे श्वास नली पर कम दबाव पड़ेगा और खर्राटों की समस्या कम होगी.
* शराब और धूम्रपान का सेवन बंद करें. इससे गले की मसल्स मजबूत रहेंगी और खर्राटों की समस्या कम होगी.
* सोने से पहले भाप लेने से नाक और गले की नली साफ होती है, जिससे श्वास लेने में आसानी होती है और खर्राटों की समस्या कम होती है.
* नियमित रूप से व्यायाम करने से आपके शरीर की मसल्स मजबूत होती हैं और खर्राटों की समस्या में सुधार हो सकता है.
* नियमित और पर्याप्त नींद लें. नींद की कमी के कारण भी गले की मसल्स शिथिल हो सकती हैं, जिससे खर्राटों की समस्या बढ़ जाती है.

अगर आपके खर्राटे बहुत अधिक हैं और ऊपर दिए गए उपायों से सुधार नहीं हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. वह आपकी स्थिति का सही डायग्नोस कर सकते हैं और उचित उपचार प्रदान कर सकते हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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